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सेवाधाम आश्रम श्यामपुरा सागर के फादर व अन्‍य के विरूद्ध किशोर न्याय बालको के देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज

सेवाधाम आश्रम श्यामपुरा सागर के फादर व अन्‍य के विरूद्ध किशोर न्याय बालको के देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज

सागर। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के माध्यम से एक आवेदन पत्र सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम श्यामपुरा सागर की जांच के संबंध में प्राप्त हुआ था। जिसमें आवेदक द्वारा बाल कल्याण समिति के समक्ष उसके पुत्र 08 वर्षीय बालक को सेवाधाम आश्रम में रहने के दौरान मारपीट करने एवं जबरन गाय का मांस खिलाये जाने व नही खाने पर कई तरीको से परेशान किये जाने के संबंध में, आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसकी जांच थाना केंट द्वारा की गयी जांच में बाल कल्याण समीति सागर द्वारा फरियादी एवं उसके 08 वर्षीय पुत्र पीडित बालक व अन्य साक्षियो से पूछताछ कर कथन लिये गये। बाल कल्याण समीति सागर द्वारा जांच के दौरान लेख कथनो में आवेदक एवं उसके 08 वर्षीय पीडित पुत्र के अलावा सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम श्यामपुरा सागर में निवासरत अन्य बालको द्वारा शिकयात का समर्थन नही किया या अपितु यह बताया गया कि आश्रम में नास्ते में पोहा, दलिया, पास्ता ,नूडल , चाय दोपहर के खाने में चावल - दाल , रोटी - सब्जी और सप्ताह में एक दिन नान-वेज खाने वालो को चिकिन मिलता है तथा सभी धर्मो को मानने की छूट रहती है उपरोक्त आवेदन पत्र थाना केंट पुलिस द्वारा जांच किये जाने पर फरियादी के अलावा उसके पुत्र 08 वर्षीय पीडित बालक एवं अन्य 15 साक्षियों के कथन लेख किये गये।

पुलिस एवं अध्यक्ष बाल कल्याण समीति सागर के द्वारा सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम श्यामपुरा सागर संस्था का निरीक्षण किया गया जिसमें निरीक्षण के समय संस्था की किचिन एवं अन्य जगह मांस एवं उसके अवशेष नही पाये गये, प्रार्थना कक्ष में सभी धर्मों के धर्म चिन्ह दीवाल पर लगे पाये गये एवं सभी धर्मो के धर्म ग्रंथ यथा गीता, कुरान, वाईबिल आदि पुस्तके पाई गई। बच्चो के कथन में बच्चो द्वारा अलग अलग धर्म को मानने एवं उसकी पूजा प्रार्थना करने संबंधी बात बताई गयी एवं खाने में चावल, दाल, रोटी - सब्जी और सप्ताह में एक मुर्गी का अण्डा दिया जाने और जो चिकिन नही खाते है उने दूसरी सब्जी दिया जाना बताया गया व गलती करने पर समझाने की बात बताई गयी जांच पर उक्त *संस्था द्वारा खाने में गाय का माँस खिलाना एवं ईसाइ धर्म हेतु बच्चो को प्रेरित करना या इसके लिये परेशान करना नही पाया गया* अपितु पीडित बालक द्वारा अपने कथन में आश्रम के फादर एवं एक अन्य द्वारा मारपीट करने की बात बताई गयी जिसके कथन का सर्मथन उसके पिता द्वारा किया गया इसके अतिरिक्त अन्य किसी साक्षियों द्वारा उसका सर्मथन नही किया गया मामले में विधिक राय प्राप्त कर आवेदक एवं 8 वर्षीय पीडित बालक के कथन में आये तथ्यों के अनुसार प्रथम दृष्टिया फादर एवं एक अन्य पर दिनांक 13/12/21 को किशोर न्याय बालको के देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम की धारा 75 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आये साक्ष्यो के अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जायेगा।
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