नेशनल अचीवमेंट सर्वे की तैयारीयो की हुई मॉनिटरिंग, स्कूलों में मिली खामियां, छात्र नही दे पाए जवाब

नेशनल अचीवमेंट सर्वे की तैयारीयो  की हुई मॉनिटरिंग, स्कूलों में मिली खामियां, छात्र नही दे पाए जवाब

सागर । आगामी 12 नवंबर को आयोजित होने बाले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की तैयारियों का जायजा लेने शिक्षा बिभाग सागर के संयुक्त संचालक डॉ मनीष वर्मा ने सहायक संचालक डॉ आशुतोष गोश्वामी के साथ स्कूलों का दौरा किया। शालाओं की शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की। साफ सफाई व्यवस्था देखी। सर्व प्रथम इम्लाई प्राथमिक शाला  में 3, 5 के बच्चे गणित के प्रश्नों  का जावब नहीं दे पाये। उच्चतर माध्यमिक शाला लक्ष्मणकुटी में अंग्रेजी की तैयारी हेतु क्लास में सभी 60 छात्र उपस्थित थे। उनकी आई क्यू का स्तर अच्छा पाया गया। अंग्रेजी के शिक्षक कि प्रषंसा  की गई । अधिकारिओं ने हटा में सबसे पहले नगर के सबसे बड़े कन्या विद्यालय महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में निरीक्षण किया। जहाँ कक्षा आठवीं एवं दसवीं में छात्राओं की कम उपस्थिति एवं परिसर में पर्याप्त साफ सफाई ना होने पर नाराज़गी व्यक्त की । उन्होंने यहाँ के प्रभारी प्राचार्य एवं समस्त स्टॉफ की बैठक लेकर आवश्यक सुधार हेतु निर्देशित किया ।
 इसके पश्चात वे माध्यमिक शाला नावघाट पहुँचे जहाँ कक्षा आठवीं की उपस्थिति एवं उन बच्चों का शैक्षणिक स्तर देखकर प्रसन्नता व्यक्त की । यहाँ उन्होंने बच्चों से कक्षा में संवाद भी स्थापित किया । शाला प्रबंधन को अच्छे संचालन हेतु बधाई भी दी । इस दौरान उनके साथ बी आर सी टी आर कारपेंटर एवं बी ए सी महेन्द्र पटैल की उपस्थिति रही ।
जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में छत्रध्यापको को 12 नवंबर को होने वाली राष्ट्रीय उत्थान सर्वेक्षण को सुचारु रूप से अयोजित करने के लिए उनके क्षेत्र जांचकर्ता के कार्य को करने के लिए मार्गदर्शन दिया ,जे डी डॉ वर्मा ने कहा की एनएएस के परीक्षा में विद्यार्थी अधिक से अधिक सफल हो इसे लिए शिक्षको को विशेष तैयारी करनी होगी।   जिला प्रभारी, सहायक संचालक डॉ. आशुतोष गोस्वामी ने कहा  कि आप उन भाग्यशाली लोगो में है जिन्होने शिक्षा जैसा पवित्र पेशा चुना,जो संतोष बच्चों को शिक्षा देने में होता है वह किसी अन्य पेशे में नहीं होता।जे डी डॉ वर्मा ने बताया कि एन ए एस सर्वे चार साल में एक बार भारत सरकार आयोजित करती है पूरे भारत मे यह परीक्षा होती हैजो प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में आयोजित होती हैं सभी जिलों मे परीक्षा के बाद रैंकिंग के आधार पर शैक्षणिक बजट और अन्य व्यवस्थाओं को प्राथमिकता से तय किया जाता है  इस दौरान डाइट प्राचार्य श्री आर पी विश्वकर्मा और बीआरसीसी टी आर कारपेंटर उपस्तित रहे।

 
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