बनारस में भी मनाई गयी डॉ गौर जयंती, आनलाईन हुई परिचर्चा
बनारस। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में कार्यरत सागर विश्वविद्यालय के पुरा छा़त्र एवं सागर विश्वविद्यालय में पूर्व में कार्यरत शिक्षक, शहर में रहने वाले सागर विश्वविद्यालय से शिक्षित गणमान्य नागरिकों ने बनारस में गौर जयंती की पूर्व संध्या पर डॉ. हरिसिंह गौर का अवदान विषय पर परिचर्चा का आयोजन आफलाईन एवं आनलाईन मोड में किया.
विषय प्रवर्तन काशी हिन्दू युनिवेर्सिटी में कार्यरत सागर विश्वविद्यालय के पुरा छा़त्र समिति के समन्वय बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पदस्थ डिप्टी लाइब्रेरियन डा0 संजीव सराफ ने किया । आपने बताया कि
काशी में भी विगत 13 वर्षों से पुराछात्रों द्वारा गौर जयंती का आयोजन किया जा रहा है।
परिचर्चा की अध्यक्षता विधि संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा जी ने की। उन्होने डॉ गौर के विधि के क्षेत्र में उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डॉ गौर ने संविधान प्रारूप समिति में भी अपना योगदान दिया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आर एन सिंह ने डॉ गौर के संस्मरणों पर चर्चा की और डॉ गौर को भारत रत्न प्रदान किये जाने की मांग के लिए ज्ञापन प्रदान किये जाने की बात कही। आयोजन संयोजक डॉ विवेकानंद जैन ने डॉ गौर पर कविता के माध्यम से सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रो0 प्रत्यूष शुक्ला, डा0 नवलकुमार मिश्रा, प्रो0 हेमंत मालवीय, श्री रघुवीर अवस्थी, डा0 नीरज खरे, डा0 ओमप्रकाश सिंह, सुरेन्द्र कुमार जैन, मनीष शास्त्री, अंकित दांगी प्रमुख है। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ. राम कुमार दांगी ने किया।
डॉ संजीव सराफ ने बताया कि प्रति वर्ष अनुसार वाराणसी में गौर जयंती पर बुंदेलखंड के पूज्य संत गणेश प्रसाद वर्णी जी की प्रेरणा से भदैनी स्थित स्याद्वाद महाविद्यालय के जैन घाट पर दीपदान का आयोजन किया जाएगा ।
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