रंग ही नहीं सेहत और आय के लिए भी कमाल की है "कुमकुम" यानी लाल भिंडी
★ बैड कोलेस्ट्रॉल, बीपी कम करने में मददगार
★ मंडी में मिल रहा हरी भिंडी से प्रति किग्रा तीन से पांच गुना रेट
★ गिरीश पांडेय
(एनीमिया) से संबंधित रोगों की रोकथाम में कारगर है। प्रोटीन की 5 फीसद मात्रा शरीर के मेटाबोलिज्म सिस्टम को दुरुस्त रखता है।
बुआई का उचित समय फरवरी से अप्रैल के दूसरे हफ्ते तक है। इस समय भी इसकी बुआई की जा सकती है। दिसंबर-जनवरी में इसकी बढ़वार कम रहेगी,पर फरवरी से फल आने लगेंगे जो नवम्बर तक मिलेंगे। अगैती फसल के भाव भी अच्छे मिलते हैं।
किसानों ने कहा, पीएम और सीएम की नवाचार की अपील से मिली प्रेरणा
हापुड़ के दोहरी गांव निवासी विनीत तोमर और हाथरस के गढ़ाखेड़ा गांव के मनोज कुशवाहा के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की आय दोगुनी करने को प्रतिबद्ध हैं। इस बाबत बार-बार वे किसानों से खेतीबाड़ी में विविधीकरण (डाइवर्सिफ़िकेशन) और नवाचार ( इन्नोवेशन ) की अपील करते हैं। ऐसा करने वाले किसानों की चर्चा प्रधानमंत्री अक्सर अपने मन की बात में भी करते हैं। मुख्यमंत्री ऐसे कई किसानों को अपने आवास या सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मनित करते रहतेहैं। अधिक से अधिक किसान नवाचार के जरिए अपनी आय बढ़ाने के साथ बाकी किसानों के लिए नजीर बनें इस मकसद से मुख्यमंत्री की पहल पर झांसी में स्ट्राबेरी, सिद्धार्थनगर में कालानमक, मुजफ्फरनगर एवं लखनऊ में गुड़ महोत्सव भी आयोजित हो चुका है। अन्य जगहों पर भी इस तरह के महोत्सव के आयोजन की योजना है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रीकी ही प्रेरणा से हमने लाल भिंडी की खेती के बाबत सोचा।
थोक मंडी में अगर हरी भिंडी के भाव प्रति किग्रा 12 से 15 रुपए हैं तो लाल भिंडी मांग और गुणवत्ता के अनुसार 45 से 80 रुपए की दर से बिक जाती है।
बुलंदशहर के सिकंदरा निवासी, हापुड़ के अनवरपुर निवासी उमेश सैनी और सीतापुर के रामपुरबेह निवासी मुरली भी लाल भिंडी की खेती से संतुष्ट हैं। सब इस सीजन में इसकी खेती का रकबा बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं।
चार से पांच गुना बढ़ सकती है किसानों की आय
यूपीएल उत्त्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के रीजनल मैनेजर कृष्ण कुमार सारस्वत के मुताबिक आयरन और प्रोटीन से भरपूर कुमकुम बीपी, सुगर और बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मददगार है। बढ़ती आय के साथ लोग सेहत के प्रति जागरूक हुए हैं। आय बढ़ने के साथ यह जागरूकता भी बढ़ेगी। साथ ही पोषण के लिहाज से ऐसी चीजों की मांग भी। इन चीजों के प्रति किसानों को जागरूक कर दिया जाए तो उनकी आय चार से पांच गुना तक बढ़ सकती है।
सब्जी की खेती करने वाले किसानों को लाल भिंडी तंदुरूस्त बनाएंगी। इतना ही नहीं यह सबके स्वास्थ्य का ख्याल भी रखेगी। इसमें पाए जाने पोषक तत्वों से सेहत ठीक रहेगी। समान्य भिंडी से महंगी कीमत में बिकने से किसान भी मालामाल होंगे। विषेषज्ञों का मानना है कि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जातें हैं। यह मधुमेह को नियंत्रित करने में बहुत कारगर है।
कृषि विषेषज्ञों की मानें तो लाल भिंडी सेहत का भरपूर खजाना है। लाल भिंडी में हार्ट की बीमारी, मोटापा और डायबिटीज को कंट्रोल करने की क्षमता होती है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल को रोकने में मदद मिलेगी। 94 प्रतिषत पॉली अनसेचुरेटेड फैट बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। 66 प्रतिषत सोडियम उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित करने में मददगार है। 21 फीसद आयरन रक्ताल्पता से संबंधित एनीमिया और अन्य रोगों की रोकथाम में कारगर है। प्रोटीन की 5 फीसद मात्रा शरीर के मेटाबोलिज्म सिस्टम को दुरुस्त रखने में सहायक है। कुल मिलाकर यह औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
सब्जियों की कई प्रज्तियों की खोज करने वाले आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह के अनुसार लाल रंग के नाते इसमें एंथोसायनिन पाया जाता है। इसीसे इसकी पोषण क्षमता (न्यूट्रिशनल वैल्यू) बढ़ जाती है। इसमेें मौजूद क्रूड फाइबर सुगर नियंत्रित करता है। इसमें काफी मात्रा में बी कम्पलेक्स भी होता है।
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