सांप्रदायिक सौहार्द्र का पक्षधर है नाटक 'गांधी ने कहा था' ★ अन्वेषण नाट्य समारोह के तीसरे दिन हुई संप्रेषणा नाट्य मंच कटनी की प्रस्तुति, डॉ. गौर को समर्पित है समारोह

सांप्रदायिक सौहार्द्र का पक्षधर है नाटक 'गांधी ने कहा था'

★ अन्वेषण नाट्य समारोह के तीसरे दिन हुई संप्रेषणा नाट्य मंच कटनी की प्रस्तुति, डॉ. गौर को समर्पित है समारोह

सागर । स्थानीय रवींद्र भवन में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से चल रहे 'अन्वेषण नाट्य समारोह 2021'  के तीसरे दिन 26 नवंबर को नाटक 'गांधी ने कहा था' की प्रस्तुति हुई | राजेश कुमार द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन सादात भारती ने किया | गांधी ने कहा था नाटक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है | यह घटनाक्रम आज़ादी के समय हुये दंगों और विकृत हुई सांप्रदायिकता का है | उस समय भाईचारे के लिए सत्य और अहिंसा पर आधारित महात्मा गांधी के प्रयासों के इर्द-गिर्द इस नाटक का ताना-बाना बुना गया है | नाटक के निर्देशक सादात भारती का कहना है कि यह प्रयास आज भी प्रासंगिक हैं और यह नाटक तोड़ने वाली ताकतों की ख़िलाफ़त करता हुआ जोड़ने वालों को शक्ति प्रदान करता है | 
       इस नाटक में मंच पर शुभम रजक, अनुज मिश्रा (गांधी), योगेश तिवारी (तारकेश्वर), नेहा केवट (सुमित्रा), के.एन. राव (आचार्य), युग रजक, ध्रुव शर्मा और अतुल वर्मा (आफताब) इसके अलावा अनन्या तिवारी, शिवानी रोहित, कृतिका गुप्ता, सतीश अहिरवार, प्रहलाद रजक, अनिल बर्मन, ऋषि परोहा, चंद्रकांत देशपांडे, आदित्य गोस्वामी, शिवकुमार रजक, निर्मल सिंह और दीपक केवट ने अभिनय किया | मंच परे गोलू शर्मा, अलखनंदन, गणेश माथुर, रोज़लीन शाह, द्वारिका दहिया, राजू रीझवानी आदि ने कार्य किया | मंच पर नाटक के सजीव मंचन ने एक बार पुनः सभी को उसी घटनाक्रम के काल में पहुंचा दिया और दर्शकों ने डूबकर इस नाटक का आनंद लिया | माँ सरस्वती एवं मंच पूजन के बाद नाटक का मंचन शुरू हुआ | मंच संचालन सतीश साहू ने किया | नाटक के दौरान आयोजक संस्था अन्वेषण थिएटर ग्रुप के निर्देशक जगदीश शर्मा, प्रबंधक अतुल श्रीवास्तव सहित अथग के सभी कलाकार उपस्थित रहे | नाटक के दौरान पूरा प्रेक्षागृह दर्शकों से भरा रहा | 

       
अन्वेषण नाट्य समारोह 2021 में 27 नवंबर का नाटक - अरे ! शरीफ लोग
लेखक - जयवंत दलवी
निर्देशक - शरद शर्मा प्रस्तुति - अभिनव रंगमंडल, उज्जैन 
समय - शाम 7:00 बजे से
स्थान रवींद्र भवन, सागर

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