नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण में 2 नन्हे शावक और जन्मे
★ जंगल की रानी की बात निराली, बाघिन एन-1 जानी जाती है राधा के नाम से
★ जंगल की रानी की बात निराली, बाघिन एन-1 जानी जाती है राधा के नाम से
सागर 6 नंवबर ।मध्य भारत के सबसे बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण, जो कि सागर व आस पास के जिलों में फैला हुआ है। यह अभ्यारण वन्यप्राणियों के लिए आरामदायक आवास प्रदान करता है । लेकिन इस जंगल कि रानी की बात ही निराली है, बाघिन एन-1 जो की राधा के नाम से भी जानी जाती है।
विगत दिनों अपने पुराने स्थान से अलग हट कर विचरण करती नज़र आ रही थी। बाघिन की सुरक्षा का खास ध्यान रखते हुए वन मंडलाधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित करते हुए अनुश्रवण कराया जा रहा था, जब बाघिन घने जंगल में जाने लगी तो चंदा हथनी की सहायता से बाघिन की देखभाल का ध्यान रखा गया।
विगत दिनों अपने पुराने स्थान से अलग हट कर विचरण करती नज़र आ रही थी। बाघिन की सुरक्षा का खास ध्यान रखते हुए वन मंडलाधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित करते हुए अनुश्रवण कराया जा रहा था, जब बाघिन घने जंगल में जाने लगी तो चंदा हथनी की सहायता से बाघिन की देखभाल का ध्यान रखा गया।
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जैसा कि अनुमानित था दिनांक 5/11/21 की सुबह अनुश्रवण के दौरान बाघिन एन-1, 2 नन्हे शावकों (दूसरी बार जन्मे ) के साथ आराम करते देखी गईै।
जिसकी पुष्टि स्वयं अनुश्रवण टीम द्वारा छाया चित्र ले कर की गई । मादा और शावक स्वास्थ अवस्था में पाए गए एवं आस पास के क्षेत्रों में निगरानी बड़ा दी गई है, यह जानकारी नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण के समस्त टीम में हर्ष का विषय है और दिन रात जंगल की सुरक्षा का फल स्वरूप है।
जिसकी पुष्टि स्वयं अनुश्रवण टीम द्वारा छाया चित्र ले कर की गई । मादा और शावक स्वास्थ अवस्था में पाए गए एवं आस पास के क्षेत्रों में निगरानी बड़ा दी गई है, यह जानकारी नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण के समस्त टीम में हर्ष का विषय है और दिन रात जंगल की सुरक्षा का फल स्वरूप है।
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