1971 के युद्ध की जीत की याद में स्वर्णिम विजय वर्ष पर स्वर्णिम विजय मशाल का भव्य आत्मीय स्वागत ★ सेना के पराक्रम की मिसाल और सर्वोच्च बलिदान को सागर वासियों ने दी सलामी ★ MRC के वॉर मेमोरियल में हुआ कार्यक्रम


1971 के युद्ध की जीत की याद में  स्वर्णिम विजय वर्ष पर स्वर्णिम विजय मशाल का भव्य आत्मीय स्वागत

★ सेना के पराक्रम की मिसाल और सर्वोच्च बलिदान को सागर वासियों ने दी सलामी

★ MRC  के वॉर मेमोरियल में हुआ कार्यक्रम


सागर । 1971 की अभूतपूर्व विजय, सैनिकों के अदम्य साहस और शौर्य की परिचायक यह जीत हर भारतवासी को गौरवान्वित करती है। भारत पाकिस्तान के 1971 के युद्ध की जीत की याद में 2021 का यह साल स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस विजय वर्ष के स्वागत में स्वर्णिम विजय मशाल रविवार को नासिक से सागर पहुंची। सागर पहुंचते ही स्वर्णिम विजय मशाल का भव्य एवं आत्मीय स्वागत किया गया। रविवार को मोतीनगर चौराहे के साथ साथ सागर की सड़कों पर  उपस्थित लोग और उनका जोश इस बात का सबूत है कि कैसे हर एक भारतीय 1971 की उस जीत को आज भी जीता आ रहा है और भारतीय सेना के पराक्रम और सैनिकों के द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के प्रति अपार श्रद्धा रखता है।

सागर पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल के स्वागत में बड़ी संख्या में आम नागरिक, जनप्रतिनिधि, आर्मी ऑफिसर्स, जिला एवं पुलिस प्रशासन मौजूद रहा। मोती नगर चौराहे पर विजय ज्योति का ससम्मान स्वागत किया गया साथ ही 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने साहस का परिचय देने वाले योद्धाओं का सम्मान भी किया।


रविवार को कैप्टन एपी सेपाहा एसआईजी, लेफ्टिनेंट कर्नल राम सिंह एमआर, मेजर एससी शर्मा गार्ड्स, कैप्टन कुन्दनलाल एमआर, सब मेजर पीएन सिंह एमआर, एनके देवकी नंदन कष्यप एसआईजी, एनके लखन सिंह एमआर, एसईपी द्वारका प्रसाद एमआर, एसईपी हरि प्रसाद पी सोनिया ईएमई, जीडीएसएम बजरंग सिंह गार्ड्स, कैप्टन यूपीएस भदौरिया (नेवी) और मेजर गजराज सिंह एएससी का सम्मान किया गया।

स्वर्णिम विजय मशाल के साथ वीर योद्धाओं का सम्मान करने पहुंचे विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रप्रेम का अलख कभी बुझने ना पाए। 1971 में भारतीय सेना द्वारा दिए गए अदम्य साहस और शौर्य के परिचय के प्रति हर भारतवासी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। 
इस अवसर पर कलेक्टर  दीपक आर्य ने स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत करते हुए कहा कि, आज हम सभी सुरक्षित हैं क्योंकि सीमा पर जवान तैनात हैं। उन्होंने कहा कि आज इस विजय ज्योति का सागर आगमन हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। यह हमें अवसर देता है कि हम 1971 में हुए  ऐतिहासिक युद्ध के बारे में और जानें। उन्होंने भारतीय सेना के योद्धाओं के बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, समस्त सागर वासी इस स्वर्णिम विजय मशाल का पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत करें। 


1971 की लड़ाई लड़ने वाले सागर महार रेजीमेंट के रिटायर्ड कर्नल श्री राम सिंह ने कहा कि,1971 की लड़ाई ना केवल भारतीय सेना के पराक्रम को दर्शाती है बल्कि, एक नए राष्ट्र के निर्माण की भी प्रतीक है। भारतीय सेना के अदम्य साहस ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के करीब 93 हज़ार सैनिकों को झुकने पर मजबूर कर दिया था। आज संपूर्ण भारतवर्ष उस ऐतिहासिक जीत की स्वर्ण जयंती मना रहा है।
★ MRC  के वॉर मेमोरियल में हुआ कार्यक्रम

स्वर्णिम विजय वर्ष के अवसर पर सागर महार रेजिमेंट सेंटर स्थित वॉर मेमोरियल में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 1971 के अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यक्तियों द्वारा मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। महार रेजिमेंट के वॉर मेमोरियल में अमर शहीदों को कलेक्टर श्री दीपक आर्य सहित ब्रिगेडियर नवनीत जरियाल, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल राम सिंह, सेवानिवृत्त मेजर एससी शर्मा, कर्नल उमंग चौधरी, ग्रुप कैप्टन ओआईसी जिला सैनिक बोर्ड श्री भदोरिया, सेवानिवृत्त मेजर गजराज सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल के सन्याल, मेजर करण सिंह,श्री वीणू राणा सहित अन्य आर्मी अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आर्मी बैंड ने देशभक्ति गीतों की धुनों से समा बांधा।                        
 

सागर में आठ दिनों तक रहेगी स्वर्णिम विजय मशाल

स्वर्णिम विजय मशाल 28 नवंबर तक कुल आठ दिन सागर में रहेगी। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें स्कूली छात्र छात्राओं, नौजवानों को भी जोड़ा जाएगा और 1971 की ऐतिहासिक जीत की स्वर्ण जयंती को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा का विचार समिति ने किया स्वागत

विजय मशाल के स्वागत में विजय जुलूस की शोभायात्रा में विचार समिति के पदाधिकारी, समन्वयक, मोहल्ला टीमों के सदस्य नई कलेक्ट्रेट बिल्डिंग के सामने सिविल लाइन में उपस्थित हुए। यहां पर महार रेजीमेंट सेंटर के सैनिक एवं भूतपूर्व सैनिकों का विचार समिति द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर विचार समिति के संस्थापक अध्यक्ष कपिल मलैया ने विचार समिति की टीम सहित सैनिकों का माल्यापर्ण कर चंदन लगाकर सम्मान किया एवं 1971 युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।


समिति की सचिव आकांक्षा मलैया ने मशाल के साथ आसीन भूतपूर्व सैनिकों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर वीनू राणा, अखिलेश समैया, सौरभ रांधेलिया, सुनीता अरिहंत, नितिन पटैरिया, पूजा पड़ेले, सुरेश पिंजवानी, मनोज जैन, धवल कुशवाहा, सचिन राजकमल, मनोज राय, कविता साहू, पूजा पड़ेले, ममता अहिरवार, पूजा प्रजापति, राहुल अहिरवार, माधव यादव, विनय चौरसिया, अरविंद अहिरवार, जवाहर दाऊ आदि उपस्थित थे।

 कांग्रेस ने स्वर्णिम विजय यात्रा का भव्य स्वागत किया 


जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष स्वदेष जैन, जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अतुल नेमा के नेतृत्व में स्थानीय राहतगढ़ बस स्टेंड चैराहे पर आॅल इंडिया स्तर पर निकलने वाली स्वर्णिम विजय यात्रा का स्वागत किया गया। सेवादल के अध्यक्ष सिंटू कटारे के नेतृत्व में सेवादल की टीम ने गार्ड आॅफ आनर देकर ज्योति यात्रा का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर लोगो को जानकारी देते हुये बताया की यह यात्रा 1971 में भारत-पाकिस्तान का जब युद्व हुआ था उस अवसर पर भारत ने विजय हासिल की थी और पाकिस्तान की सेना को धुल चलाई थी उस समय देष की प्रधान मंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी थी। जो आज स्वर्णिम यात्रा हमारे सागर में पधारी है यह हम षहरवासीयों के लिये गौरव का समय हैं। हमारे देष के वीर सैनिक जो इस युद्व में षहीद हुये है उनके लिये यह सच्ची श्रद्वांजली हैं। स्वर्णिम यात्रा का स्वागत गुलाव के फुलो की वर्षा कर स्थानिये लोगो के द्वारा भी आत्मीय स्वागत किया गया। स्वागत करने वालो में प्रदीप गुप्ता पप्पू, षाविर हुसैन, मनोज पवार, प्रदीप पांडे, प्रदीप जैन, जितेन्द्र चैधरी, पप्पू यादव, अभिषेक पाठक, षाहबाज कुरैषी, फिरर्दोष कुरैषी, मुन्ना तिवारी, मुन्ना पवार, राहुल जैन, कल्लू पटेल, ओमकार ठाकुर, षाहिद खान, जितेन्द्र चैधरी, नितिन पचैरी, जयदीप यादव, पप्पू यादव, अषरफ खान, आनंद हेला, लल्ला यादव, षल्लू ठेकेदार, मिधुन घारू, भुडटे बाबा, हनीफ ठेकेदार, पवन यादव, लल्ला यादव, षहजाद निहारिया, कंची यदव, हरप्रसाद यादव, जुनेद खान, गोपाल यादव, भूपेन्द्र यादव, षाबाज कुरैषी, लीलाधर सूर्यवंषी, छोटू यादव, षुभम यादव, नसीफ हली, रामु यादव आदि उपस्थित रहे।  

 

    













 
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