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14 नवम्बर डायबिटीज डे : IMA लगाएगा शिविर, होगी निःशुल्क जांच : डॉ. राजेन्द्र चउदा


14 नवम्बर डायबिटीज डे :  IMA लगाएगा शिविर, होगी निःशुल्क जांच : डॉ. राजेन्द्र चउदा
★ शिविर में डायबिटीज, ब्लड शुगर, डायबिटीज के कारण डैमेज होने वाले हार्ट, गुर्दे, आंखों के विशेषज्ञ करेंगे मरीजों की जांच

सागर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सागर 14 नवम्बर दिन रविवार को वर्ल्ड डॉयबिटीज-डे के अवसर पर नि:शुल्क "विशाल डॉयबिटीज शिविर" का आयोजन करने जा रहा है। यह सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक, रवींद्र भवन में आयोजित होगा। खास बात यह है कि सागर के पहली दफा शिविर लगाकर डायबिटीज के कारण होने वाली गंभीर बीमारियां जिनमें आंखे, हार्ट, गुर्दे, लकवे सहित अन्य बीमारियों की ऑन स्पॉट जांच की जाएगी।
आईएमए सागर के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र चउदा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिविर में केवल  डॉयबिटीज से पीड़ित मरीज़ों को ही देखा जाएगा।

मरीज़ों का रजिस्ट्रेशन रविवार को  सुबह 9 बजे से 12 बजे तक ही होगा। 

डॉ चउदा के अनुसार इस आयोजन में बीमारी से होने वाले ख़तरों की जाँचें होंगी। उन्होंने आगे बताया कि डॉयबिटीज से होने वाले ख़तरे, जिनमें अगर डॉयबिटीज कंन्ट्रोल में नहीं है तो उससे निम्न ख़तरे हो सकते हैं।
1. डॉयबिटीज से शरीर की धमनियाँ प्रभावित होती हैं जिससे ब्लड प्रेशर, हार्ट अटेक, लकवा, गुर्दे की ख़राबी, गेंग्रीन एवं आँखों में अंधापन आदि की सम्भावना बढ़ जाती है ।

2. डॉयबिटीज के मरीज़ों में हार्ट अटैक होने की सम्भावना 5 गुना एवं लकवा होने की सम्भावना दोगुना ज़्यादा होती है।

3. डॉयबिटीज वाले मरीज़ों में हार्ट अटैक होने पर कई बार उसे दर्द कम होता है , एवं अटैक से होने वाले ख़तरे जैसे हार्ट फ़ेल्यर आदि ज़्यादा होते हैं।  सामान्य की तुलना में डॉयबिटीज के मरीज़ों में मृत्यु होने की सम्भावना भी ज़्यादा होती है।

4. डॉयबिटीज अंधा होने के मुख्य कारणों में से एक है जिसे बचाया जा सकता है।  डॉयबिटीज में मोतियाबिंद एवं कांचियाबिंद ज़्यादा होता है एवं आँख का पर्दा भी ख़राब हो जाता है।
5. अगर डॉयबिटीज कंट्रोल में नहीं है तो गुर्दे में ख़राबी हो जाती है, इसे बचाया जा सकता है।
* शिविर में Blood sugar , Glycosylated Hb., आँखों की जाँच, गुर्दे की जाँच, हार्ट की जाँच एवं चिकित्सक द्वारा दवा एवं दिनचर्या सम्बन्धी परामर्श सब कुछ निशुल्क रहेगा।

*ग्लायकोसायलेटेड हीमोग्लोबिन ( HbA1c) : जाँच से पिछले 4 से 6 महिने का डॉयबिटीज का औसत कंन्ट्रोल पता चलता है। बीमारी से जुड़ी सभी भ्रांतियों, मरीज़ की शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की जाएगी.। 
डॉ. राजेन्द्र चउदा अध्यक्ष IMA एवं डॉक्टर सर्वेश जैन सचिव IMA  ने निवेदन किया है कि बीमारी से परेशान मरीज़ अपने सभी पुराने पर्चे एवं दवा लेकर उपस्थित हों।
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