गांधी जयंती : "सर्वधर्म प्रार्थना सभा" में डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव ने किया "महावीराष्टक स्तोत्रम्" का पाठ
नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की 152वीं जन्म जयंती पर "गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति" तीस जनवरी मार्ग नई दिल्ली में "सर्वधर्म प्रार्थना" एवं "भक्ति संगीत" का आयोजन किया गया। "अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस" पर अहिंसा का संदेश पूरे विश्व में गूँजा। इस कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी एवं सभी विशिष्ट जनों ने बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित करके उन्हें नमन किया।
"सर्वधर्म प्रार्थना" में "जैन प्रार्थना" के अंतर्गत कविवर भागचंद्र विरचित संस्कृत भाषा के "महावीराष्टक स्तोत्रम्" का डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव द्वारा सस्वर पाठ किया गया। "गांधी जयन्ती" पर आयोजित संगीतमय भावांजलि,सर्वधर्म प्रार्थना एवं भक्ति संगीत का सीधा प्रसारण दूरदर्शन के विभिन्न चैनल के माध्यम से जन-जन तक पहुँचा।
सर्वधर्म प्रार्थना के अंतर्गत "विश्व शांति" की भावना से "जैन प्रार्थना" में गुरुजी द्वारा "णमोकार महामंत्र" का पाठ एवं डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव द्वारा प्रस्तुत "महावीराष्टक स्तोत्रम्" की गूँज दूरदर्शन के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंची।
डॉ. इन्दु ने प्राकृत भाषा में "णमो जिणाणं" तथा "जय जिनेन्द्र" कहने के बाद कहा कि "जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव से लेकर अन्तिम एवं चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने समस्त विश्व में शांति की स्थापना तथा प्रत्येक प्राणी के कल्याण के लिए" अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रम्हचर्य, अपरिग्रह ये पंच अणुव्रत के सिद्धांत बताए तथा सम्यक् दर्शन, ज्ञान, चारित्र को अपनाकर आत्म कल्याण का मार्ग दिखाया।" अणुव्रत के सिद्धांत तथा रत्नत्रय की महिमा बताकर डॉ. इन्दु ने "महावीराष्टक स्तोत्रम्" का सस्वर पाठ किया तथा समस्त विश्व के कल्याण की भावना अभिव्यक्त की।
सर्वधर्म प्रार्थना एवं पद्मश्री हंसराज हंस जी के सुमधुर भक्ति संगीत के बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी सभी धर्म के प्रतिनिधियों अभिवादन किया तथा सभी की कुशलता की कामना व्यक्त की। धर्म गुरुओं ने भी प्रधानमंत्री जी की सकुशलता की भावना को अभिव्यक्त करते हुए उनका अभिवादन किया।
अभिवादन के क्रम में जब माननीय प्रधानमंत्री जी से डॉ. इन्दु जैन ने "मिच्छामि दुक्कडं" कहा तो माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी "मिच्छामि दुक्कडं" कहकर अपने भावों को अभिव्यक्त किया।
ज्ञातव्य है कि विगत कई वर्षों से भारत में आयोजित कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव "जैन धर्म" का प्रतिनिधित्व कर चुकीं हैं। आपने नवीन संसद भवन के भूमिपूजन में "जैन धर्म" का प्रतिनिधित्व करके पूरे विश्व की जैन समाज का गौरव बढ़ाया था।जिनेन्द्र देव ,गुरुओं और माता-पिता के आशीर्वाद से, आप अपने विशेष कार्यों के लिए कई विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकीं हैं। आप निरंतर राष्ट्रसेवा, जैनदर्शन,जीवन मूल्य, प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी भाषा और शाकाहार के प्रचार-प्रसार में पूर्णत: समर्पित रहतीं हैं।
भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, जी. किशन रेड्डी, श्रीमती मीनाक्षी लेखी,पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन जी, महात्मा गांधी जी की पोती तारा गाँधी जी, उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल जी आदि कई गणमान्य व्यक्तियों ने डॉ. इन्दु द्वारा प्रस्तुत "महावीराष्टक स्तोत्रम्" के सस्वर वाचन की प्रशंसा की तथा भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
गाँधी स्मृति दर्शन समिति के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल जी एवं निदेशक दीपंकर श्री ज्ञान के कुशल नेतृत्त्व में इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का कुशलता पूर्वक संचालन राजदीप जी ने किया।
"गाँधी जयंती" पर गाँधी स्मृति के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल जी द्वारा खादी का अंगवस्त्र भेंट करके सभी धर्म प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया तथा इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बापू को भावपूर्ण नमन किया गया।
गाँधी जयंती पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में "सर्वधर्म प्रार्थना सभा" के अंतर्गत जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, बहाई, यहूदी,मुस्लिम,सिक्ख, हिन्दु सभी धर्म के प्रतिनिधियों ने बापू को नमन करते हुए "विश्व शांति" की भावना से प्रार्थनाएं कीं। तत्पश्चात् भक्ति संगीत में सुविख्यात गायक पद्मश्री हंसराज जी द्वारा गाँधी जी के प्रिय भजनों को प्रस्तुत किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम बहुत सादगी पूर्वक सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। भारत का प्रत्येक नागरिक यदि मन में करुणा की भावना धारण करते हुए अहिंसामय जीवन जीने का संकल्प ले तो बापू की जन्म जयंती पर, ये उन्हें सच्ची भावांजलि होगी।
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