हिन्दी दिवस: व्याख्यानमाला, पुस्तक विमोचन और हिन्दी सेवी सम्मान
★ डॉ.चंचला दवे श्यामलम् हिन्दी सेवी सम्मान से सम्मानित
सागर। नगर की प्रतिष्ठित संस्था श्यामलम् द्वारा हिंदी दिवस के आठवें वार्षिक कार्यक्रम में व्याख्यानमाला, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन मंगलवार को आदर्श संगीत महाविद्यालय सभागार में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. लक्ष्मी पांडेय ने व्याख्यानमाला के विषय "स्वातंत्र्योत्तर भारत में हिन्दी की यात्रा" पर बोलते हुए कहा एकात्मवाद और वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणाओं को सार्थक करना है तो संकीर्ण प्रादेशिकता के भावों से उठकर राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को प्रतिष्ठित करना होगा। राष्ट्रीय और श्रेष्ठ भारत के बारे में विचार करते हुए हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करना अपरिहार्य है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सुरेश आचार्य ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी संस्कृत से आई हुई वैज्ञानिक भाषा है। जो बोला जाता है हिंदी में वही लिखा जाता है। भवानी प्रसाद मिश्र ने कहा है "जिस तरह मैं बोलता हूं उस तरह तू लिख और उसके बाद भी मुझसे बड़ा तू दिख"।
डॉ.श्याम मनोहर सीरोठिया ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि गीत गाया जाता है, कविता पढ़ी जाती है।गीत, संगीत,नृत्य इन सभी कलाओं के मूल में प्रेम ही होता है।वह व्यक्ति को व्यक्ति से ,समाज से, देश से एवं प्रकृति से जोड़ने का कार्य करता है। डॉ चंचला दवे की कविताएँ मानवीय संवेदनाओं की कविताएँ है जिनमें अद्भुत संप्रेषणीयता है। हिंदी दिवस पर सागर की सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था श्यामलम् का यह आयोजन भी समाज को साहित्य,भाषा एवं कला से जोड़ने का काम कर रही है।
डॉ. सुश्री शरद सिंह ने पुस्तक पर समीक्षा वक्तव्य में कहा कि विमोचित संग्रह में संग्रहीत डॉ. चंचला दवे की कविताएं व्यष्टि से समष्टि की कविताएं हैं जो निज के बहाने सर्वजन की बात करती हैं। उन्होंने कहा आशा की जानी चाहिए कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह धारा 370 और तीन तलाक़ जैसे मुद्दों पर ऐतिहासिक निर्णय लिया उसी प्रकार हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का ऐतिहासिक क़दम उठाएंगे। विशेष आमंत्रित अतिथि स्मार्ट सिटी सागर के सीईओ राहुल सिंह राजपूत, दिल्ली से पधारे देश के सुप्रसिद्ध गजल गायक और संगीतकार बृजेश मिश्र के अलावा अशोक गोपीचंद रायकवार ने भी अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर वरिष्ठ कवयित्री डॉ. चंचला दवे के नंए काव्य संग्रह "हां! मैं ऐसी ही हूं" का विमोचन भी किया गया साथ ही उन्हें वर्ष 2021 के "श्यामलम् हिंदी सेवी सम्मान" से शाल, श्रीफल, पुष्पमाला, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह, सम्मान - निधि भेंट व बैज लगाकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन - अर्चन से हुई।लोक गायक शिवरतन यादव ने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना की। तत्पश्चात सागर के सुप्रसिद्ध कवि स्व.निर्मल चंद निर्मल को श्रद्धांजलि स्वरूप हिंदी पर लिखी उनकी कविता के वाचन का प्रसारण किया गया। श्यामलम् संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने कार्यक्रम परिचय दिया। पाठक मंच केंद्र संयोजक आर के तिवारी ने इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा श्यामलम् संस्था को भेजे गए संदेश का वाचन किया। रमाकांत शास्त्री ने सम्मानित लेखिका डॉ. चंचला दवे के जीवन परिचय और कपिल बैसाखिया सचिव द्वारा सम्मान पत्र का वाचन किया गया। संचालन अ. भा. महिला काव्य मंच की अध्यक्ष डॉ. अंजना चतुर्वेदी तिवारी एवं म.प्र.हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी ने किया। श्यामलम् सह सचिव संतोष पाठक ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का समापन कवि ज ला राठौर प्रभाकर द्वारा हिंदी पर लिखी कविता के गायन से हुआ।
इस अवसर पर शुकदेव प्रसाद तिवारी,डॉ महेश तिवारी, हरी शुक्ला, संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी, हरीसिंह ठाकुर, रमेश दुबे,डॉ आशीष द्विवेदी,टी.आर त्रिपाठी, अंबिका यादव, डॉ.यू.के.चौबे, डॉ.अनिल जैन, डॉ.ऋषभ भारद्वाज, सुनीला सराफ, कुंदन पाराशर,दीपा भट्ट, डॉ.संदीप श्रीवास्तव किड्स, पुष्पदंत हितकर, डॉ.आर.आर. पांडे,ज.ला.राठौर प्रभाकर, पी. आर. मलैया,अतुल श्रीवास्तव, पूरन सिंह राजपूत, नरेंद्र जैन पथरिया, वीरेंद्र प्रधान, प्रभात कटारे, असरार अहमद, अयाज सागरी, दामोदर अग्निहोत्री, एम डी त्रिपाठी, पुष्पेंद्र दुबे कुमार सागर, प्रदीप पांडे, मुकेश तिवारी, डॉ.सिद्धार्थ शुक्ला दामोदर प्रजापति, जे सी श्रीवास्तव,शशि दीक्षित,राजश्री दवे, मनीषा पटेरिया, ममता भूरिया, संदीप मेहता,अंबर चतुर्वेदी, धीरेन्द्र सेन, वर्षा पंथ, नेहा चौरसिया सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
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