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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा की गई समस्त भर्तियों को हाईकोर्ट ने किया याचिका के निर्णाधींन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा की गई समस्त भर्तियों को हाईकोर्ट ने किया याचिका के निर्णाधींन

★ कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर के 2850 पदों पर की गई भर्ती याचिका के निर्णय ने अगली सुनवाई 27 सितंबर को
★ ओबीसी के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड कर अभिमत के आधार पर 14% के बजाय दिया 6% आरक्षण एवं ईडब्ल्यूएस को 10 के बजाय दिया 22.8 प्रतिशत आरक्षण


जबलपुर । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा 2850 पदों पर जारी किया गया विज्ञापन दिनांक 13 मई 2021 की संवैधानिकता को चुनौती सहित लगभग 22:00 सौ पदों पर जारी की गई चयन सूची कि संवैधानिकता को ओबीसी वर्ग के छात्रों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए माननीय मुख्य न्यायमूर्ति श्री मोहम्मद रफीक एवं विजय कुमार शुक्ला की युगल पीठ द्वारा पाया गया कि विज्ञापन दिनांक 13 मई 2021 मैं विज्ञापनों की कुल संख्या 2850 मैं से ओबीसी वर्ग को केवल 189 पद ही आरक्षित किए गए हैं जो 6.6% आरक्षण है तथा ईडब्ल्यूएस को 10% के स्थान पर 22.8 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किया गया है जो प्रवर्तित नियमों के विपरीत है अधिवक्ता रामेश्वर सिंह के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को न्यायालय के निर्णय अधीन करने का अंतरिम आदेश पारित पारित किया गया तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग को 2 हफ्ते के अंदर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए तथा प्रकरण की आगामी सुनवाई 27 सितंबर 2021 निर्धारित की गई है ।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा की गई शासन की ओर से पैरवी बीडी सिंह द्वारा की गई । ज्ञातव्य हो कि  अभ्यार्थियों की शिकायत के आधार पर शासन द्वारा छवि भारद्वाज को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मैं डायरेक्टर के पद से हटा दिया गया है तथा भर्तियों में की गई गड़बड़ी के जांच के भी आदेश जारी किए गए हैं उनके स्थान पर प्रियंका दास को डायरेक्टर बनाया गया है । 
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