SAGAR : षड़यंत्र कर हत्या करने वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास
सागर। न्यायालय- श्रीमान एस. बी. साहू द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने हत्या के आरोपी इकबाल पिता महबूब खान उम्र 35 साल एवं आरोपी राहुल पिता प्रहलाद आदिवासी उम्र 24 साल दोनों निवासी ग्राम भड़राना थाना बण्डा, जिला सागर म.प्र. को धारा 302, 201 में दोषी पाते हुए आरोपी इकबाल को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास 5000 रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास, 3000 रूपये का अर्थदण्ड तथा आरोपी राहुल को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास 1000 रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, 500 रूपये का अर्थदण्ड से दंडित किया। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से उप-संचालक (अभियोजन) श्री अनिल कुमार कटारे द्वारा पैरवी की गई।
लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ए.डी.पी.ओ. ने बताया कि फरियादी माखन यादव ने दिनांक 21.05.2019 को थाना उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका बेटा सुरेन्द्र यादव उम्र 32 साल दिनांक 20.05.2019 को दिन में करीब 03 बजे दुकान जाने की कहकर घर से गया था जो बापस घर नही आया आस-पास पता किया जिसकी कोई जानकारी नही मिली। उक्त घटना के संबंध में थाना कोतवाली गुम इंसान रिपोर्ट दर्ज कर अपराध पंजीबद्ध किया गया प्रकरण विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान ज्ञात हुआ कि मृतक सुरेन्द्र आरोपीगण इकबाल मुसलमान एवं राहुल गौड के साथ उनकी मोटर साइकिल पर गया था। जिसकी सी.सी.टी.व्ही. फुटेज की सी.डी. जप्त की गयी। उक्त दोनों संदेही आरोपीगण को गिरफ्तार कर समक्ष गवाहन पूछताछ करने पर आरोपीगण ने बताया कि दिनांक 20.05.2019 को मृतक को अपनी मो.सा. पर बिठाकर शराब पिलाते हुए कढ़ान नदी पर ले जाकर पत्थरों से उसका सिर कुचल कर उसकी हत्या की और उसको वही पर डाल दिया। विवेचना के दौरान आये साक्ष्य के आधार पर मृतक की पत्नि उत्तरा यादव का आरोपी इकबाल के साथ प्रेम संबंध होना एवं आरोपी इकबाल से फोन पर लगातार बात करना पाया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोगपत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण में अभियोजन की ओर से 23 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया, प्रकरण में साक्ष्य के दौरान प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण साक्षी पक्षद्रोही हो गये थे किन्तु प्रकरण में अन्य साक्ष्य, घटना की सी.डी.आर., सी.सी.टी.व्ही. फुटेज को साक्ष्य के दौरान प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। प्रकरण की गंभीरता और अभियोजन के तर्को से सहमत होकर विद्वान न्यायाधीश श्रीमान एस. बी. साहू द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने आरोपीगण को धारा 302, 201 में दोषी पाते हुए आरोपी इकबाल को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास, 5000 रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास, 3000 रूपये का अर्थदण्ड तथा आरोपी राहुल को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास, 1000 रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, 500 रूपये का अर्थदण्ड से दंडित किया।
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