जहां साईकिल पंचर सुधारे वही हुआ स्वागत केबिनेट मंत्री वीरेंद्र कुमार का
★मंच पर रखी थी पुश्तेनी साईकिल रखी और हवा भरने वाला पम्प
★ बेनर पर लिखा था " डॉ वीरेंद्र कुमार की साईकिल सुधारने वाली कर्मभूमि "
★ एक तरफ उनके बचपन का फोटो तो दूसरी तरफ पिता जी का
★ स्वागत के आत्मीय तरीके से अभिभूत हुए, जन आशीर्वाद यात्रा में
सागर। केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार जन आशीर्वाद यात्रा सागर आई है।एक स्वागत कार्यक्रम चर्चा में रहा। हालांकि
सागर। केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार जन आशीर्वाद यात्रा सागर आई है।एक स्वागत कार्यक्रम चर्चा में रहा। हालांकि
इसमे पहुचते पहुचते देर रात्रि हो गई थी।
दरअसल तीनबत्ती पर अपने पुराने दौर में डॉ वीरेंद्र कुमार और उनके पिताजी श्री अमर सिंह साईकिल सुधारते थे। उसी स्थान पर यहां स्वागत मंच बनाया गया था। यहां बाकायदा साईकिल सुधारने का जिक्र करते हुए स्वागत बेनर लगा है। यहां उनकी 50 साल पुरानी पुश्तेनी साईकिल भी आयोजको ने रखी। हवा भरने का पम्प रखा था। दो बेनर भी लगाए गए थे । जिन पर लिखा था " डॉ वीरेंद्र कुमार की साईकिल सुधारने वाली कर्मभूमि," । एक तरफ उनके बचपन का फोटो तो दूसरी तरफ पिता जी का । यह स्थल पूरे दिनभर चर्चा का विषय बना रहा। दिनभर लोग यहा इंतजार करते रहे। चर्चा का केंद्र बना रहा।
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रात में पहुचे अपनी कर्मभूमि पर
शहर के व्यस्ततम इलाके में बने इस स्थान पर देर रात्रि में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार का काफिला पहुचा। जैसे ही उन्होंने बेनर और फोटो देखे तो चोंक गए। सारी यादे ताजा हो गई। कुछ देर भावुक हुए फिर इस क्षेत्र के लोगो से मिले और पुरानी यादें साझा की। इसके पहले उन्होंने डॉ गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
साईकिल सुधारने के दिन हमेशा याद आते है...प्रेंरणा भी देते है : डॉ वीरेंद्र कुमार
केंद्रीय मंत्री से जब पूछा कि आज उसी स्थान पर खड़े है जहां से शुरुआत की। तो उन्होंने पूरी कहानी सुनाई। मंत्री के मुताबिक दुकान में बैठने के साथ पढाई भी की और संघ से जुड़ गया। मीसाबंदी में 16 महीने जेल में रहे है । इस दौरान पिताजी भी साथ मे ही थे। उनको मीसाबंदी होने के कारण विवि में एग्जाम देने नही मिला। 1977 कि सरकार में परीक्षा दे सके।
साईकिल सुधारने के दिन हमेशा याद आते है...प्रेंरणा भी देते है : डॉ वीरेंद्र कुमार
केंद्रीय मंत्री से जब पूछा कि आज उसी स्थान पर खड़े है जहां से शुरुआत की। तो उन्होंने पूरी कहानी सुनाई। मंत्री के मुताबिक दुकान में बैठने के साथ पढाई भी की और संघ से जुड़ गया। मीसाबंदी में 16 महीने जेल में रहे है । इस दौरान पिताजी भी साथ मे ही थे। उनको मीसाबंदी होने के कारण विवि में एग्जाम देने नही मिला। 1977 कि सरकार में परीक्षा दे सके।
अपने कमजोर दिनों को याद करते हुए वीरेंद्र जी बताते है कि रामजनभूमि आंदोलन के समय बजरंग दल के संयोजक बने। फिर विधार्थी परिषद से जुड़े। लोकसभा चुनाव सागर से लदा और राजनीतिक सफर शुरू हुआ। लगातार चार दफा जीते। परिसीमन के चलते टीकमगढ सीट से लडे। तीन दफा से लगातार जीत रहा हूँ। यह सब जनता का आशीर्वाद है। जब में प्रोटेम स्पीकर बना तो मुझे पुराने दिन याद आये। आज केन्दीय मंत्री बना हूँ। तब कर्मभूमि याद है। यह साईकिल सुधारने का स्थान मुझे प्रेरणा देता है।
यहां स्वागत करने वालो में अनुराग भंडारी, राजा खटीक, पहलवान जलेबी वाले, कपिल खटीक, विशाल खटीक, कुलदीप खटीक सहित अनेक लोग शामिल है।
ट्वीट कर याद किया कर्म भूमि को केबिनेट मंत्री ने
आज सागर में एक समय की कर्मस्थली जहाँ साइकिल सुधारने,पंचर लगाने का काम किया करता था।पुराने वक्त की यादें भावुक कर गईं।
बचपन के मित्र गोयल जी ने उस समय का एक पुराना फ़ोटो भी निकाल के दिया।वहीं सामने स्थित डॉ. हरी सिंह गौर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।
https://twitter.com/Drvirendrakum13/status/1429151411627982851?s=19
बचपन के मित्र गोयल जी ने उस समय का एक पुराना फ़ोटो भी निकाल के दिया।वहीं सामने स्थित डॉ. हरी सिंह गौर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।
https://twitter.com/Drvirendrakum13/status/1429151411627982851?s=19
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