शाजापुर: हत्या के आरोपी माँ -बाप और बेटे को आजीवन कारावास की सजा
शाजापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश शाजापुर के द्वारा आरोपीगण विक्रम पिता गोकुल सिंह उम्र 25 वर्ष, गोकुल पिता रामाजी उम्र 51 वर्ष, मानूबाई पति गोकुल उम्र 48 वर्ष निवासीगण ग्राम मंडोदा थाना मो.बडौदिया को धारा 302/34 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए तीनों आरोपीगण को आजीवन कारावास एवं 5-5 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
सहायक जिला मीडिया प्रभारी रमेश सोलंकी, अति.डी.पी.ओ. शाजापुर ने बताया कि - घटना दिनांक 10.11.2018 को फरियादी जगदीश भील निवासी मंडोदा ने थाना मो. बडोदिया पुलिस को रिपोर्ट लिखाई कि उसका भाई कालू उर्फ त्रिलोक घर से करीब साढे 11 बजे आरोपी विक्रम चमार की किराना दुकान पर किराना समान व दूध लेने के लिए गया था। कुछ देर तक उसका भाई त्रिलोक घर वापस नहीं आया तो फरियादी जगदीश तथा माखन त्रिलोक को देखने के लिए आरोपी विक्रम के घर तरफ गये तो उन्होंने आरोपीगण विक्रम, उसकी माता व पिता को उनके घर से भागते हुए देखा। फरियादी जगदीश व माखन ने आरोपीगण के घर के अन्दर जाकर देखा तो जगदीश के भाई त्रिलोक की खून से लथ-पथ लाश पडी हुई थी तथा वह मर चुका था, त्रिलोक के लिंग को पेंट व अण्डरवियर सहित काट कर अलग कर दिया था । आरोपी विक्रम की पत्नी लाडकुंवर बाई भी उसके घर के बाहर बैठी थी जिसने फरियादी जगदीश और माखन को बताया कि आरोपी विक्रम ने उसे भी चरित्र शंका पर नाक, छाती एवं गुप्तांगों में दराता मारकर चोट पहुचाई है ।
फरियादी जगदीश ने रिपोर्ट में यह भी बताया था कि उसके भाई त्रिलोक पर आरोपी विक्रम अपनी पत्नी के अवैध सम्बन्ध की शंका करता था। इसी बात को लेकर आरोपी विक्रम एवं उसके माता-पिता ने मिलकर उसके भाई की हत्या की है। आरोपी की पत्नी लाडकुंवर बाई ने भी बताया है कि उसका पति विक्रम, उसकी सास मानूबाई व ससुर गोकुल ने अपने घर में त्रिलोक उर्फ कालू को पानी पीने के लिये बुलाया और उसकी सास मानूबाई व ससुर गोकुल ने उसके हाथ पांव पकड लिये और उसके पति विक्रम ने दराते से त्रिलोक उर्फ कालू का लिंग काट दिया जिससे घटना स्थल पर ही त्रिलोक उर्फ कालू की मौत हो गई।
पुलिस थाना मोहनबडोदिया ने धारा 302, 34 भादवि में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना उपरान्त आरोपीगण के विरुद्ध अभियेाग पत्र माननीय न्यायालय शाजापुर में प्रस्तुत किया।
आज दिनांक को माननीय विशेष न्यायाधीश महोदय शाजापुर द्वारा उक्त तीनों अभियुक्तगण को दोषी पाते हुये आजीवन कारावास व जुर्माने से दण्डित किया गया।
उक्त अपराध की विवेचना तात्कालीन निरीक्षक टी एस डाबर द्वारा की गई थी तथा अभियोजन संचालन सुश्री प्रेमलता सोलंकी उपसंचालक अभियोजन एवं श्री रमेश सोलंकी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी जिला शाजापुर द्वारा किया गया।
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