वैष्णव सन्त आचार्य चक्रधर प्रसादजी भक्तिशास्त्री महाराज का समाधिस्थ

वैष्णव सन्त आचार्य चक्रधर प्रसादजी भक्तिशास्त्री महाराज का समाधिस्थ

★  गुरुधाम मंदिर के संस्थापक थे, पूरे देश में चैतन्य महाप्रभु की परंपरा के तहत हरिनाम संकीर्तन का प्रचार किया। 

सागर। चैतन्य महाप्रभुजी की परंपरा के गौड़ीय वैष्णव संत व श्री गुरुधाम के संस्थापक आचार्य चक्रधर प्रसादजी भक्तिशास्त्रीजी महाराज (85) का सोमवार को गौलोकगमन हो गया। उन्होंने भोपाल के बंसल अस्पताल में देहत्याग किया है। 
श्री गुरुदेव के गौलोकगमन होने के बाद सागर सहित देश भर में शिष्यों, भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई।

गुरुधाम से मिली जानकारी अनुसार गुरुजी का अंतिम संस्कार वृन्दावन में किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि गुरु महाराज ने सागर में 1960 में बड़े महाराजश्री वैष्णव सन्त गुरुभगवान वासुदेव शरणजी महाराज 'विरहीजी' के साथ सागर पधारे थे।

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