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समूचे शहर को गड्ढे का शहर बना दिया स्मार्ट सिटी ने: रघु ठाकुर ★ चयनित शिक्षकों को नियुक्ति की बजाय मिले डंडे, शिवराज सिंह माफी मांगे

समूचे शहर को गड्ढे का शहर बना दिया स्मार्ट सिटी ने: रघु ठाकुर
★ चयनित शिक्षकों को नियुक्ति की बजाय मिले डंडे, शिवराज सिंह माफी मांगे

सागर 19 अगस्त. लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि सागर शहर में बगैर बाढ़ के बाढ़ आई है. विकास के नाम पर अव्यवस्थित ढंग से काम हुआ है और बीच में उसमें तारतम्य नहीं है. समूचे शहर को गड्ढे का शहर बना दिया है. 
 श्री ठाकुर आज सागर प्रवास के दौरान अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. उन्होने कहा कि अभी वक्त कागजी कार्यवाही का नहीं है बल्कि जमीन पर हकीकत दिखाने का है.प्रशासन को एक टीम बनाकर कार्य करना चाहिए। कभी ड्रेनेज के नाम पर तो कभो पेयजल के बहाने गढ्ढो को खोदने में प्रशासन लगा है। 
मंहगाई के मुद्दे पर उन्होने कहा कि देश में बढ़ती हुई मंहगाई आम आदमियों के लिए मारक हो गई है. देश और प्रदेश की सरकारें केवल पेट्रोलियम पदार्थों और घरेलू गैस सिलेंडर के ऊपर टैक्स लगाकर ही चल रही हैं. भारत सरकार ने स्वीकार किया है कि जीएसटी से ढाई लाख करोड़ तो पेट्रोलियम पदार्थो से 5 लाख करोड़ रूपए की आय हुई है. 

उन्होने कहा कि यूरोप और अमेरिका सहित कई अन्य ऐसे देश हैं जहाँ पर पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकारें टैक्स नहीं वसूलती हैं. लोहिया की दाम बांधों नीति लागू होना चाहिए. लोसपा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पेट्रोलियम पदार्थो और घरेलू गैस के दामों पर से सम्पूर्ण कर समाप्त किया जाए.


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चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र की बजाय मिले डंडे

उन्होंने कहा कि चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की बजाय डंडे सरकार दे रही है। सीएम शिवराज सिंह  पहले वादा कर चुके है इनकी भर्ती को लेकर। 
प्रदेश के चयनित शिक्षकों महिलाओं पर लाठीचार्ज कराने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की जनता से माफी मांगे उन्हें मामा कहलाने का कोई अधिकार नहीं  है।  उनको नियुक्ति देना चाहिए। 

देश की संसद ने निराश किया

समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि अफगानिस्तान में छह माह से हालात बिगड़ रहे थे। लेकिन संसद में गम्भीरता से चर्चा नही हुई। जबकि सामरिक, आर्थिक और वैश्विक दृष्टि से अहम है। हमारे देश की सीमा से जुड़ा मामला है। दूसरी चूक ड्रोन आतंकवाद को लेकर है। इसके लिए  तकनीकी विकास की जरूरत है। इनको लेकर सता और प्रतिपक्ष दोनो ने निराश किया है। मिली जुली कुश्ती का अड्डा बन गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी वही डिजिटल और मशीनरी कामो को बढ़ावा देने की नीति से  आर्थिक हालात बिगड़े है। सरकार को इनको बन्द करना चाहिए । 
उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे हुई मौतों का परिजनों को मुआवजा सरकारों को देना चाहिए। सुप्रीमकोर्ट ने भी इसके निःर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही मुआवजा की राशि तय करे और मौतों के आंकड़ो की प्रक्रिया अपने हाथों में ले। 

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