रिश्वतखोर दो पटवारियों को 4 - 4 साल की सजा, सागर लोकायुक्त पुलिस ने किया था ट्रेप
टीकमगढ़। टीकमगढ जिले के दो पटवारियों को रिश्वत लेने के मामले में अदालत ने चार चार साक की सजा सुनाई है। लोकायुक्त पुलिस सागर ने इन पटवारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार किया था।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी संदीप सरावगी ने बताया कि प्रकरण में आवेदक सुरेंद्र मिश्रा निवासी ग्राम इमलाना तहसील बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़ ने दिनांक 13.09.2016 को लोकायुक्त कार्यालय सागर में इस आशय का आवेदन प्रस्तुत किया कि उसने जून 2016 में अपने दादाजी से 1 एकड़ जमीन खरीदी है, इस रजिस्ट्रीशुदा भूमि को स्वयं को नाम पर नामांतरण करने एवं भूमि पंजी बनवाने की कार्यवाही के लिये आरोपी पटवारी मनीराम सौंर से बात की तो उसने 4 हजार रूपये की मांग उक्त कार्य हेतु की, मैं रिश्वत देना नहीं चाहता हूँ, कार्यवाही की जावे। उक्त शिकायत की पुष्टि हेतु लोकायुक्त पुलिस द्वारा एक वॉयस रिकार्डर जारी कर पंचसाक्षी के साथ रिश्वत मांगवार्ता रिकार्ड करने हेतु भेजा गया। रिश्वत मांगवार्ता को रिकार्ड कर आवेदक द्वारा वॉयस रिकार्डर सहित दूसरा आवेदन लोकायुक्त पुलिस को दिया गया, रिकार्डिंग में रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी मनीराम सौंर पटवारी के विरूद्ध लोकायुक्त के अपराध क्र. 285/2016 अंतर्गत धारा 7 भ्रष्टचारण निवारण अधिनियम की प्रथम सूचना पंजीबद्ध कर आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने हेतु ट्रेपदल का गठन किया गया।
दिनांक 15.09.2016 को आवेदक द्वारा प्रस्तुत 4000/- रूपये के नोटों पर फिनाफ्थलीन पाऊडर लगाकर उसके पेंट की जेब में रखकर ट्रेपदल आरोपी को रंगे हाथों ट्रेप करने हेतु बल्देवगढ़ रवाना हुआ, आवेदक सुरेंद्र मिश्रा ने आरोपी पटवारी से संपर्क कर रूपये (रिश्वत) देने हेतु खरगापुर रोड कन्या हाई स्कूल के सामने स्थित पटवारी के किराये के कार्यालय में पहुँचा, उसके पीछे कार्यालय के बाहर अपनी पहचान छिपाते हुये लोकायुक्त की टीम खड़ी हो गई। जैसे ही आवेदक ने आरोपी पटवारी मनीराम को रिश्वत राशि 4000/- रूपये दी तो उक्त राशि उसने अपने कक्ष में बैठे अपने साथी पटवारी राधेश्याम नामदेव से गिनकर टेबिल पर रखी नामांतरण पंजी में रखवा दी। रूपये देकर आवेदक ने कार्यालय से बाहर निकलकर जैसे ही सिर पर हाथ फेरकर इशारा किया ट्रेपदल ने कार्यालय में बैठे दोनों आरोपी पटवारियों को को घेर लिया और उनसे उनका परिचय लेकर अपना परिचय दिया, एवं आरोपी मनीराम सौंर के बताये अनुसार रिश्वत राशि टेबिल पर रखी नामांतरण पंजी से जब्त की गई। आरोपीगण के हाथ सोडियम कार्बोनेट के घोल में धुलवाये गये चूंकि आरोपी मनीराम के द्वारा रिश्वत की राशि अपने हाथ में नहीं ली गई थी जिस कारण घोल का रंग मटमैला रहा लेकिन आरोपी राधेश्याम नामदेव के हाथ धुलवाये जाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया। दोनों आरोपीगण को गिरफ्तार कर निजी मुचलके पर रिहा किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोजन संचालन हेतु राजस्व विभाग भोपाल से अनुमति प्राप्त होने पर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। संपूर्ण विचारण उपरांत माननीय न्यायालय टीकमगढ़ द्वारा आरोपीगण को दोषसिद्ध ठहराते हुये आज दिनांक 04/08/2021 को घोषित अपने निर्णय में आरोपी मनीराम सौंर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा - 7 रिश्वत मांगने के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये के अर्थदण्ड से एवं धारा 13(2) रिश्वत लेने के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/- रूप्ये के अर्थदण्ड से तथा दूसरे आरोपी राधेश्याम नामदेव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा - 12 के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी एवं सहा.जिला अभियोजन अधिकारी श्री संदीप सरावगी द्वारा की गई।
----------------------------
तीनबत्ती न्यूज़. कॉम ★ 94244 37885
--------------------------
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें