प्रदेश के 23 ओबीसी संगठनो की भोपाल मे सयुक्त बैठक, 54 सूत्रीय मांग पत्र सौपा गया मुख्य मंत्री को
भोपाल। पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों की एक बैठक होटल अशोका लेकव्यू में दोपहर मे 2 सत्र में संपन्न हुई। समस्त संगठनों ने भविष्य की रणनीति तय कर तैयार ज्ञापन में पिछड़े वर्ग की विभिन्न मांगों को शासन के सामने प्रस्तुत करने के लिए सभी ने सहमति प्रदान की।
मप्र सरकार के निमंत्रण पर पिछड़ा वर्ग के सभी संगठनों के पदाधिकारी चर्चा हेतु सम्मिलित हुए ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता मे मुख्यमंत्री निवास पर दौर शाम आयोजित चर्चा बैठक मे नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह पिछड़ा वर्ग विभाग के मंत्री रामखिलावन पटेल पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्र यादव कृषि मंत्री कमल पटेल की उपस्थिति मे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अधिकार संगठन के संयोजक रमाकांत यादव, महासचिव मदन गोपाल रजक ,भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल जी ओबीसी यूनाइटेड फ्रंट के राजकुमार सिंह संयुक्त मोर्चा के पूर्व डिप्टी कलेक्टर महेंद्र सिंह पिछड़ा वर्ग एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से रामेश्वर ठाकुर एडवोकेट श्रीसहाय, प्रकाश धाकड़,यश भारती रेलवे एसोसिएशन के पप्पू यादव ,संतोष प्रजापति सागर एवं अन्य संगठनो के महत्वपूर्ण गण उपस्थित रहे।
सभी के विचार उद्गार पश्चात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आश्वासन दिया कि सरकार पिछड़े वर्गों को 27% आरक्षण नौकरियो में देगी।
यदि मामला अदालत में जाता है तो सरकार की पूरी कोशिश होगी कि पिछड़े वर्ग का अधिकार उनको मिले। यह भी कहा कि 15 अगस्त 2021 को उन्होंने जो पिछड़ा वर्ग कमीशन बनाने की घोषणा की है वह पिछड़े वर्गों का सामाजिक शैक्षणिक एवं आर्थिक आधार पर सर्वे करायेगा।इस मुद्दे पर रमाकांत यादव ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुये कहा की सर्वे मे आर्थिक आधार की शर्त नहीं होनी चाहिए ।
तब मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की ओर से तीन मंत्रियों की एक क्वार्डिनेसन कमेटी पिछड़े वर्ग के संगठनों के प्रमुखों से चर्चा करती रहेगी जिसमें आप अपना पक्ष रख सकते हैं।इस बात को लेकर रमाकांत यादव ने पुन अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारा काम अपने अधिकारों के लिए समाज को जागरूक करना लोगों को वास्तविकता से अवगत कराना अपने हक अधिकार को लेकर सड़कों पर आंदोलन करना और इसके अलावा शासन प्रशासन से संवाद करना भी है क्योंकि लोकतंत्र में बिना संवाद के आगे बढ़ना सही तरीका नहीं है। इसलिए हमने शासन के सामने अपनी बात रखी एवं शासन ने अपनी बात हम सबके सामने रखी है आने वाले समय में यदि शासन सकारात्मक पहल करने में सक्षम या सफल नहीं होता अथवा हमें लगता है कि सही नियत से पिछड़े वर्गों का हित नहीं हो पा रहा है तब आंदोलन की भूमिका हमसे कोई नहीं छीन सकता।
प्रदेश के 23 ओबीसी संगठनो की भोपाल मे सयुक्त बैठक सम्पन्न 54 सूत्रीय मांग पत्र सौपा गया मुख्य मंत्री को
सभी संगठनो की सयुंक बैठक मेंसर्व सम्मति से 54 सूत्रीय मांग पत्र तय किया गया न तात्पष्यात मुख्यमंत्री निवास परसभी संगठनो के प्रतिनिधियों की बैठक चली । उक्त बैठक में मुख्यमंत्री के साथ राज्य मंत्री श्री रामखिलावन पटेल, श्री कमल पटेल, श्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर, श्री इंदर सिंह परमार, श्री बिजेन्द्र यादवतथा महाधिवक्ता श्री पी.के. कौरव भी मोजूद थे बैठक मे संगठनो द्वारा तय की गई विधिक मुद्दो की मांगो को अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा मुख्यमंत्री को विस्तार पूर्वक समझाया गया तथा अन्य मांगों को पूर्व डिप्टी कलेक्टर महेंद्र सिंह तथा भुभनेश पटेल द्वारा बताया गया ! समस्त मांगो मे सेकुछ मांगो पर तत्काल अमल में लागू करने के निर्देश दिए गए जिनमे प्रमुख 27% आरक्षण के प्रवर्तन में विरोधाभाष को दूर कर लागू करने, चयनित शिक्षको की लिस्ट प्रकाशित करने, NHM की भर्तियों की जांच कराने तथा दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही करने, आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 6(2) मेसंशोधन करने, राज्य परीक्षा सेवा नियम 2015 में किए गए संशोधन दिनांक 17/2/2020 को रिपील (निरष्त )करने, हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने हेतु संघो द्वारा सुझाए अधिवक्ताओ कोशासन की ओर से नियुक्त करने तथा आरक्षण से संवन्धित गलत एवं भ्रामक समाचार प्रकाशित करने वालो पर कार्यवाही करने, जातिगत जनगणना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने, जाति प्रमाणपत्रों का सरलीकरण करने, दिनांक 18/8/2021 को 27 छात्रों पर दर्ज FR निरस्त करने तथा ओबीसी एडवोकेट्स वेल्फेयर एसोसिएयन के नामित अधिवक्ताओ को आरक्षण के प्रकरणों मे शासन पक्ष कीओर से अधिकृत करने का आश्वासन एवं निर्देश दिए गए, सभी संगठनो के साथ मुख्यमंत्री ने डिनर(रात्री भोज) करते समय कहा कि शासन एवं ओबीसी संगठनो का संवाद निरंतर जारी रहेगा तथाओबीसी संगठनो की ओर से समीक्षा कमेटी अधिकृत की गई तथा मुख्य मंत्री द्वारा तीन मंत्रियों की पेनल भी नामित की गई जिनके सतत संपर्क मे ओबीसी सयुंक्त संगठनो की कमेटी रहेगी तथा ओबीसी के समवंध मे शासन एवं प्रशासन के कार्यों की समीक्षा करेगी।
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