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EWS आरक्षण को चुनोती दी गई याचिकाओ की सुनवाई कर प्रेषित की मुख्य न्यायमूर्ति की बैंच को ★ 10% EWS की सीटो को अनारक्षित सीटो मे से ही एलोकेट न करने को चुनोती

EWS आरक्षण को चुनोती दी गई  याचिकाओ की सुनवाई कर प्रेषित की मुख्य न्यायमूर्ति की बैंच को 

★ 10% EWS की सीटो को अनारक्षित सीटो मे से ही एलोकेट न करने को चुनोती 
★ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को कुल सीटो मे से 10% आरक्षित करने को दी गई चुनोती याचिका रेफर की मुख्य नयायमूर्ति की बैंच को ! 
★ EWS की भांति लागू किया जाए ओबीसी का 13% आरक्षण, को पेरिटी (समानता) के आधार पर दायर याचिकाओ की सुनवाई कर न्यायमूर्ति श्री प्रकाश श्रीवास्तव की डिवीजन बैंच ने मुख्य न्यायमूर्ति की बैंच को प्रेषित की याचिकाए 

जबलपुर।  मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा 29 हजार शिक्षको की प्राविधिक चयन सूची जारी कर दी गई है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार की ओर से आरक्षण की पूर्व से विचारधीन याचिका कर्मांक 5901/2019, 16552/2019 मे ओबीसी के 13% आरक्षण को होल्ड करने का आवेदन दिया गया था, जिस पर माननीय मुख्य न्यायमूर्ति की डिवीजन बैंच द्वारा  दिनांक 13/7/2021 को शासन द्वारा प्रस्तुत उक्त आवेदन कर्मांक IA NO॰5654/2021, 8457/2020, तथा 425/2021  स्वीकार करते हुए शासन की मंशानुसार ओबीसी का 13% आरक्षण होल्ड कर दिया गया है, तथा दिनांक 13/7/2021 के ही आदेश मे EWS का 10% आरक्षण याचिका कर्मांक 20293/2019 के निर्णयधीन करते हुए नियुक्तिपत्रों मे यह उल्लिखित करने का भी आदेश दिया गया है कि उक्त नियुक्ति/भर्ती प्राविधिक एवं याचिका के निर्णधीन रहेगी ! दुविधा  यह है कि शासन द्वारा उक्त आदेश दिनांक 13/5/2021 को केवल पीएससी द्वारा की जा रही मेडीकल आफिसरो की नियुक्तियों मे ही लागू करेगी या सम्पूर्ण की जाने बाली भर्तीयों मे ? यदि शासन द्वारा उक्त आदेश शिक्षक भर्ती मे लागू कर चयन सूची रिवाइज की जाती है तो 5 हजार से ज्यादा ओबीसी के चयनित शिक्षक नियुक्ति से बंचित रह जाएगे ! उपरोक समस्त तथ्यो के आधार पर याचिकाए दायर की गई है, याचिकाओ मे कोर्ट से निवेदन किया गया है कि जिस प्रकार EWS आरक्षण को याचिका के निर्णयधीन किया गया है ठीक उसी प्रकार ओबीसी का 13% भी लागू करने का आदेश दिया जाए क्यूकि हाल ही मे सूप्रीम कोर्ट ने एक मामले मे स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समान तथ्यो एवं परिथितियों मे अलग-अलग प्रकार के आदेश जारी नही किए जा सकते ! वर्तमान मे ओबीसी का 13% तथा EWS का 10% आरक्षण को हाई कोर्ट मे एक ही आधार पर चुनोती दी गई है, कि इंद्रा साहनी के निर्णय के मुताबिक कुल आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा नही हो सकती अर्थात मध्य प्रदेश मे ये सीमा 73% हो रही है तथा ईडबल्यूएस को 10% सीटो का आवंटन सम्पूर्ण सीटो मे से किया गया है जो नियमतः गलत है क्यूकि ईडबल्यूएस का कोटा अनारक्षित/समान्य से लिया गया है । 
तदानुसार 10% सीटो का एलोकेसन (आवंटन) 37% अनारक्षित /समान्य वर्ग से होना चाहिए । उक्त तथ्यो पर दायर याचिकाओ  की  आज दिनांक 31/7/2021 को माननीय न्यायमूर्ति श्री प्रकाश श्रीवास्तव एवं श्री वीरेंद्र सिंह की युगल पीठ द्वारा की गई, अधिवक्ता रामेश्वर सिंह द्वारा दिए गए  तर्को को सुनने के बाद, उक्त समस्त याचिकाओ को माननीय मुख्य न्यायमूर्ति की मुख्य बैंच को प्रेषित कर दी गई है ! उक्त याचिकाओ की आगामी सुनवाई दिनांक 10/8/2021 को होगी ! माननीय न्यायमूर्ति द्वारा कहा गया कि समस्त पीड़ितो को विचारधीन याचिकाओ मे इंर्वीन बनना चाहिए, तब अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा कोर्ट को बताया गया कि इंटरबीन करने बालो की हैसियत या तो याचिका कर्ता का समर्थन करना या रिस्पंडेंट का सपोर्ट करना या विरोध करने के आलावा अन्य कोई भी राहत का दावा नही किया जा सकता, वर्तमान परिथितियों मे ओबीसी की 51% आवादी को सरकार 27% आरक्षण लागू करना नही चाहती, इसका प्रमाण दिनांक 13/7/2021 मे स्पष्ट रूप से उल्लिखित है अधिवक्ता रामेश्वर सिंह द्वारा कोर्ट को बताया गया कि उक्त प्रश्न शासन द्वारा भविष्य उठाए जाने की संभावनाओ को देखते हुए समस्त याचिका कर्ता ओ की ओर से इंटर्बीन/हस्तेक्षेप, याचिका भी दाखिल की जा चुकी है ।


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