दक्ष स्किल लैब मातृ शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए मील का पत्थर होगी: मंत्री गोविंद राजपूत




दक्ष स्किल लैब मातृ शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए मील का पत्थर होगी: मंत्री 
गोविंद राजपूत

सागर।  दक्ष स्किल लैब शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए मील का पत्थर साबित होगी । उक्त विचार मध्यप्रदेश शासन के राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने जिला चिकित्सालय में दक्ष स्किल लैब के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किए।
इस अवसर पर विधायक  शैलेंद्र जैन ,कलेक्टर  दीपक सिंह ,संयुक्त संचालक लोक स्वास्थ्य डॉ बीके खरे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश बौद्ध ,सिविल सर्जन डॉक्टर एमडी गायकवाड डॉक्टर ज्योति चौहान, प्रदीप चौहान, डॉक्टर विपिन खटीक ,डॉक्टर डीके गोस्वामी, डॉक्टर मधु जैन ,सीनियर कोऑर्डिनेटर श्री कपिल  चौबे, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल से विशिष्ट अतिथि के रुप में पधारे डॉक्टर प्राची अग्निहोत्री, डॉ सुधा अस्थाना ,डॉक्टर सरिता दुबे डॉ स्मिता चोरे सहित अन्य डॉक्टर , पैरामेडिकल स्टाफ सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे ।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शिरीष वासियों को अच्छे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कोशिश की  और वह स्वयं 24 घंटे  काम  करते रहे ।  मंत्री श्री राजपूत ने जिला चिकित्सालय के समस्त डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ  ,चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि आप लोगों ने कठिन समय में जो सेवाएं दी हैं उसको कभी भुलाया नहीं जा सकता ।
इस अवसर पर विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने कहा कि कोरोना का भी मध्यांतर हुआ है हम सब को जागरूक और सतर्क रहना होगा जिससे कोरोना संक्रमण की  तीसरी लहर को रोका जा सके।विधायक श्री जैन ने जिला प्रशासन सहित समस्त डाक्टरों एवं जिले वासियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि आज सभी लोगों के सहयोग से  जिले में 9 लाख से अधिक व्यक्तियों का वैक्सीनेशन हो गया है।
कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने कहा कि कोरोना की जंग जीतने के लिए वैक्सीनेशन एवं जागरूकता व सतर्कता एकमात्र उपाय है और हमें इसको गंभीरता से लेना होगा । कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिला चिकित्सालय में मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है जिसके माध्यम से जिला चिकित्सालय लगभग 200 बिस्तरों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति पलंग तक पाइप लाइन के माध्यम से हो सकेगी ।
उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में कोरोना संक्रमण की संभावना को देखते हुए बच्चों का आईसीयू वार्ड तैयार कराया जा रहा है जो कि 15 अगस्त के पूर्व तैयार होगा ।
स्किल लैब की नोडल अधिकारी डॉ ज्योति चौहान ने स्वागत भाषण एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी भी देश की उन्नति का आकलन करने के लिए जो पैरामीटर इस्तेमाल किए जाते हैं उनमें एमएमआर एवं  मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर प्रमुख हैं। अन्य देशों की तुलना में भारत में यह दोनों आंकड़े बहुत भयावह है। 2010 की एसआरएस रिपोर्ट में मातृ मृत्यु दर 212 थी जो 2014 के एसआरएस रिपोर्ट में घटकर 167 हो गई परंतु मध्य प्रदेश की मृत्यु दर अभी भी 173 है।
शिशु मृत्यु दर 64 से घटकर 40 हो गई मगर मध्य प्रदेश में अभी भी 48 है अतः हमारे राज्य शासन ने इसे सुधारने का  बीड़ा उठाया और एनएचएम के द्वारा स्किल्स लैब का निर्माण किया। इसके लिए ट्रेनिंग दिल्ली से दिलवाई गई, जिससे हम जान सके कि राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्य कैसे होता है। तत्पश्चात यह स्किलैब हमारे राज्य में स्थापित किए और अब हम दक्ष मेंटर्स के द्वारा यह सभी डिलीवरी प्वाइंट पर कार्यरत डॉक्टर और नर्स तक पहुंचाएंगे। इसके लिए उन्हे दक्ष करना आवश्यक है, जो पहले हम वर्किंग मॉडल्स के द्वारा करवाएंगे और फिर पेशेंट्स पर प्रैक्टिस करवाएंगे। इसके पश्चात ही उन्हें डिलीवरी प्वाइंट पर कार्य करने हेतु भेजेंगे। शासन की मंशा है कि इस प्रकार हम शासकीय संस्थाओं में प्रसव सुरक्षित तरीके से करा सकेंगे और मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहतर सुविधाएं दे सकेंगे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया एवं आभार भोपाल से पधारी डॉ प्राची अग्निहोत्री ने माना।


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