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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से शांति, सद्भाव एवं सतत जीवन’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार

'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से शांति, सद्भाव एवं सतत जीवन' विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार


महू (इंदौर).।  'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से शांति, सद्भाव एवं सतत जीवन' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित करते हुए प्रोफेसर पीआर त्रिवेदी संस्थापक कुलाधिपति ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी नागालैंड ने कहा कि 'शांति नहीं होगी तो अशांति होगी और विश्व में शांति, सद्भाव के साथ सुखमय जीवन के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एकमात्र रास्ता है.' प्रोफेसर त्रिवेदी डॉ. बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (ब्राउस), इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एजुकेटर्स फॉर वर्ल्ड पीस, ग्लोबल पीस एंड डेवलपमेंट सर्विस एलायंस एवं वर्ल्ड स्प्रिक्चुअल पॉर्लियामेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेबीनार में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा आध्यात्मिक गुरुओं की इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका है. प्रोफेसर त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इस दिशा में जो प्रयास किया गया है, वह उल्लेखनीय है.   
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एजुकेटर्स फॉर वर्ल्ड पीस के नेशनल चांसलर डॉ. मार्कण्डेय राय ने वेबीनार में बीज वक्तव्य में कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ही विकास के साथ सद्भाव एवं शांति का मार्ग प्रशस्त करती है. उन्होंने इस संदर्भ में नोबल शांति पुरस्कृत मलाला का उदाहरण देेते हुए बताया कि शिक्षा कैसे सोच और दृष्टि को बदलती है. आईआईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रोफेसर राजीव सांगल ने कहा कि कोरोना ने बता दिया कि प्रकृति और मनुष्य के बीच अंर्तसंबंध है. मानव, मानव के बिना नहीं रह सकता है. शिक्षा से ही शांति एवं सद्भावना का विकास होता है. उन्होंने सामूहिक परिवार की आवश्यकता को भी परिभाषित किया. जीपीडीएसए के डेविड एस कापरा ने संस्था के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अनेक स्तर पर कार्य किया जा रहा है.
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 ग्लोबल पीस फाउंडेशन के डॉ. टोनी डिवाइन ने एजुकेशन एकालॉजी की विस्तार से चर्चा की. पीपीटी के माध्यम से डॉ. डिवाइन ने ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा में शिक्षकों की गुणवत्ता, विद्यार्थियों के साथ समन्वय एवं पालकों की जवाबदारी संयुक्त भुमिका का उल्लेख किया. उन्होंने शिक्षा को कौशल विकास से जोडऩे की पैरवी की. पटना यूर्निवसिटी के पूर्व कुलपति प्रो. अरूण कुमार सिन्हा ने शिक्षा को यूनाइटेड नेशन के सतत विकास लक्ष्यों (एस डी गोल) से जोडऩे की बात कही.
डॉ. बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (ब्राउस) के मीडिया एवं नेक सलाहकार डॉ. सुरेन्द्र पाठक ने आज के विषय को नई दृष्टि देते हुए कहा कि हमें शिक्षा और व्यवस्था के अंर्तसंबंध को समझना होगा. शिक्षा से दृष्टि विकसित होती है और दृष्टि से मानसिकता,  मानसिकता से आचरण , आचरण से व्यवस्था बनती है. उन्होंंने कहा कि समुदाय चेतना से मुक्त होकर मानव चेतना के रूप में शिक्षा को आगे बढ़ाना होगा. डॉ. पाठक का कहना था कि हम कॉमन सिविल कोड की बात करते हैं तो हमें अखंड समाज के लिए  मानवीय आचार संहिता और सार्वभौमिक आचरण की बात करनी होगी. वेबीनार की अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने कहा कि एक विकसित समाज के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है किन्तु अब हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बात करना है. उन्होंने आज के सन्दर्भ में सामूहिक परिवार की आवश्यकता पर जोर दिया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. विद्या तांतेड ने किया. डॉ. विद्या ने आरंभ में विश्वविद्यालय की गतिविधियों का परिचय दिया और बताया कि एक सामाजिक विज्ञान का विश्वविद्यालय किस तरह नवाचार करने में जुटा है. वेबीनार के सफल आयोजन में डीन डीके वर्मा, रजिस्ट्रार अजय वर्मा, मीडिया प्रभारी मनोज कुमार एवं सम्पूर्ण ब्राउस परिवार का सक्रिय सहयोग रहा. वेबिनर में बड़ी संख्या में अनेक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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