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बारिश में लगाए यें प्लांट, ताकि मिले भरपूर ऑक्सीजन ★प्रीति द्विवेदी

बारिश में लगाए यें प्लांट, ताकि मिले भरपूर ऑक्सीजन

★प्रीति द्विवेदी

भोपाल। कोरोना ने किस कदर हम सभी की जिंदगी में कोहराम मचाया है इससे तो सभी वाकिफ हैं। इस दौरान जो सभी जरूरी चीज रही है वो है प्राण वायु यानि की ऑक्सीजन। जिसके लिए हर तरफ हाहाकार मची। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है तो ऐसे में क्यों न हम कुछ ऐसे पौधों के बारे में जानें जो हमारे घर की सुंदरता तो बढ़ाते ही हैं साथ ही साथ भरपूर ऑक्सीजन भी देते हैं। इन पौधों को ज्यादा केयर की जरूरत भी नहीं होती। यह मौसम भी पर्याप्त अनुकूल होता है इन्हें लगाने के लिए। 
   घर में ऑक्सीजन देने वाले इंडोर प्लांट्स को रखना बेहतर विकल्प है। पौधों को घर के अंदर रखने से न केवल हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि आप मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ महसूस करते हैं। घर बैठे ऑक्सीजन लेने का ये वो तरीका है, जो आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ेगा और आपका स्वास्थ्य भी बनाए रखेगा। 
तो आइए ऐसे रूम प्लांट्स के बारे में जानते हैं, जो न केवल वातावरण में ऑक्सीजन बढ़ाते हैं बल्कि बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन जैसे हानिकारक रसायनों को सोख भी लेते हैं।

तुलसी — 

हर भारतीय घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। इसे घर में रखने से घर में अच्छा स्वास्थ्य और भाग्य आता है। माना जाता है कि तुलसी के पौधे को घर के अंदर रखा जाए, तो ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है। ये दिनभर में 20 घंटे ऑक्सीजन तो देता ही है साथ ही साथ यह हवा से कार्बन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करता है। 

रोजाबैंबू — 

रोजाबैंबू का पौधा हवा से टोल्यूनि को हटाता है। टोल्यूनि तीखी गंध वाला रंगहीन तरल होता है। जब टोल्यूनि हवा में फैलता है, तो यह नाक, आंख और गले में जलन जैसे हानिकारक प्रभाव डालता है। अन्य पौधों की तरह इसका काम भी हवा में पाए जाने वाले बेंजीन, फॉर्मलडिहाइड जैसे विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करना है। घर में बैंबू प्लांट रखने से ऑक्सीजन लेवल काफी बढ़ जाता है।

एलोवेरा — 

एलोवेरा ऐसा पौधा है, जो आमतौर पर लगभग हर घर में लगा मिल जाएगा। आुयर्वेद में भी इसके फायदों का जिक्र किया गया है। ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए इसे घर में रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इसकी पत्तियों में वातावरण में मौजूद बेंजीन और फॉर्मलडिहाइड को अब्जॉर्ब करने की बेहतरीन क्षमता है। चूंकि यह पौधा धूप में पनपता है, इसलिए इसे घर में ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां पर्याप्त धूप आती हो।

स्पाइडर प्लांट — 

स्पाइडर प्लांट घर के अंदर की हवा को स्वच्छ रखने के लिए बेहतरीन पौधा है। इस सुंदर पौधे की देखभाल करना काफी आसान है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए यह एक अच्छा इंडोर प्लांट है। इसे रिबन प्लांट के नाम से भी जानते हैं। यह पौधा कार्बन मोनोऑक्साइड, बेंजीन और फॉर्मलडिहाइड को छानकर हवा की क्वालिटी में सुधार करता है। इतना ही नहीं, ज्यादातर लोग हैप्पी वाइब्स और स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए इस पौधे को घर में लगाते हैं। इसे आप घर के लिंविंग रूम में रखें और हफ्ते में मात्र एक बार पानी दें।

एरिका पाम — 

एरिका पाम हवा को शुद्ध करने वाले ऑक्सीजन प्लांट्स में से एक है। यह इंडोर प्लांट आपके आसपास हवा में मौजूद खतरनाक गैसों को अब्जॉर्व कर लेता है। इस पौधे की खासियत है कि ये कम रोशनी और कम पानी में भी रह सकता है। नासा के अनुसार, घर के अंदर कंधे के बराबर के चार एरिका प्लांट रखे जाएं, तो अच्छा होता है। यह पौधा केवल ऑक्सीजन की आपूर्ति ही नहीं करता, बल्कि बच्चों और भ्रूण के संपूर्ण विकास में भी सहायक है।

स्नेक प्लांट — 

स्नेक प्लांट को नासा द्वारा हवा को शुद्ध करने और फॉर्मलडिहाइड, बेंजीन, नाइट्रोजन ऑक्साइड, जाइलीन और ट्राइक्लोरोइथाइलीन जैसे विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करने के लिए मान्यता दी गई है। इसमें ऑक्सीजन को लाने और कार्बनडाई आक्साइड को अवशोषित करने की बेहातरीन क्षमता होती है। इस पौधे की खासियत है कि यह रात के समय में ऑक्सीजन का उत्पादन ज्यादा करता है। इसे आप चाहें, तो अपने बेडरूम या फिर किचन में भी रख सकते हैं।

गरबेरा डेजी — 

वैसे तो कई लोग इसे घर की सजावट के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन रंग-बिरंगे फूलों वाला यह पौधा ऑक्सीजन भी देता है। नासा के स्वच्छ वायु अध्ययन के अनुसार गरबेरा डेजी हवा से फॉर्मलडिहाइड, बेंजीन और ट्राइक्लोरोइथाइलीन को साफ करता है। यह रात में ऑक्सीजन छोड़ता है और कार्बनडाईआक्साइड को अवशोषित करता है। इसे सीधी धूप की जरूरत होती है इसलिए आप इसे घर में किसी ऐसी जगह पर रखें, जहां कुछ घंटे धूप आती हो।

ड्रैगन ट्री

इस प्‍लांट को रेड-एज ड्रैसेनिया भी कहते हैं। यह हमेशा हरा-भरा रहने वाला पौधा है। यह पौधा बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख लेता है।  इस पौधे को सूरज की रोशनी की भी जरूरत होती है। इसलिए इसे ऐसी जगह भी रखा जा सकता है जहां धूप आती हो। इसमें नमी के अनुसार पानी की जरूरत होती है। आप इस पौधे को बालकनी या लिविंग रूम में ऐसी जगह पर रख सकते हैं जहां धूप आती हो।

पीपल का पेड़ — 

हिंदु धर्म में पीपल, तो बौद्ध धर्म में इसे बोधी ट्री के नाम से जानते हैं। कहते हैं कि इसी पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्‍त हुआ था। पीपल का पेड़ 60 से 80 फीट तक लंबा हो सकता है। यह पेड़ सबसे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन देता है। इसलिए पर्यावरणविद पीपल का पेड़ लगाने के लिए बार-बार कहते हैं।

बरगद का पेड़ — 

इस पेड़ को भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष भी कहते हैं। इसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र भी माना जाता है। बरगद का पेड़ बहुत लंबा हो सकता है और यह पेड़ कितनी ऑक्‍सीजन उत्‍पादित करता है ये उसकी छाया कितनी है, इस पर निर्भर करता है।

नीम का पेड़ — 

एक और पेड़ जिसके बहुत से फायदे हैं वो है नीम का पेड़। इस पेड़ को एक एवरग्रीन पेड़ कहा जाता है और पर्यावरणविदों की मानें तो यह एक नैचुरल एयर प्‍यूरीफायर है। ये पेड़ प्रदूषित गैसों जैसे कार्बन डाई ऑक्‍साइड, सल्‍फर और नाइट्रोजन को हवा से ग्रहण करके पर्यावरण में ऑक्‍सीजन को छोड़ता है। इसकी पत्तियों की संरचना ऐसी होती है कि ये बड़ी मात्रा में ऑक्‍सीजन उत्‍पादित कर सकता है। ऐसे में हमेशा ज्‍यादा से ज्‍यादा नीम के पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है। इससे आसपास की हवा हमेशा शुद्ध रहती है।

अशोक का पेड़

अशोक का पेड़ न सिर्फ ऑक्‍सीजन उत्‍पादित करता है बल्कि इसके फूल पर्यावरण को सुंगधित रखते हैं और उसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। यह एक छोटा सा पेड़ होता है जिसकी जड़ एकदम सीधी होती है। पर्यावरणविदों की मानें तो अशोक के पेड़ को लगाने से न केवल वातावरण शुद्ध रहता है बल्कि उसकी शोभा भी बढ़ती है। घर में अशोक का पेड़ हर बीमारी को दूर रखता है। ये पेड़ जहरीली गैसों के अलावा हवा के दूसरे दूषित कणों को भी सोख लेता है।

अर्जुन का पेड़ — 

अर्जुन के पेड़ के बारे में कहते हैं कि यह हमेशा हरा-भरा रहता है। इसके बहुत से आर्युवेदिक फायदे हैं। इस पेड़ का धार्मिक महत्‍व भी बहुत है और कहते हैं कि ये माता सीता का पसंदीदा पेड़ था। हवा से कार्बन डाई ऑक्‍साइड और दूषित गैसों को सोख कर ये उन्‍हें ऑक्‍सीजन में बदल देता है।

जामुन का पेड़

भारतीय अध्‍यात्मिक कथाओं में भारत को जंबूद्वीप यानी जामुन की धरती भी कहा गया है। जामुन का पेड़ 50 से 100 फीट तक लंबा हो सकता है। इसके फल के अलावा यह पेड़ सल्‍फर ऑक्‍साइड और नाइट्रोजन जैसी जहरीली गैसों को हवा से सोख लेता है। इसके अलावा कई दूषित कणों को भी जामुन का पेड़ ग्रहण करता है।

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मनी प्लांट — 

बेहद कम रोशनी में कमरों में आसानी से बढ़ने वाला मनी प्लांट भी तेजी से ऑक्सीजन बनाता है। नासा के अनुसार मनी प्लांट वातावरण से बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राई क्लोरो एथिलीन जैसे विषैले रसायनों को भी सोख लेते हैं। अपने इन गुणों के बावजूद मनी प्लांट बच्चों और पालतू जानवरों के लिए विषैले होते हैं। इसके पत्ते खाने से उल्टी-दस्त, मुंह और जीभ पर सूजन हो सकती है। घर में एक शख्स के लिए 18 इंच ऊंचा पौधा ठीक रहता है। मनी प्लांट को सीधी धूप की जरूरत नहीं होती। इसे भी सप्ताह में केवल एक बार पानी देने की जरूरत होती है। इसे किसी भी कमरे में, लेकिन बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।

वीपिंग फिग — 

वीपिंग फिग महारानी विक्टोरिया के समय से ही काफी पसंद किया जाने वाला रूम प्लांट है। प्राकृतिक अवस्था में यह 20 मीटर तक ऊंचे हो सकते हैं। दरअसल, इनके तनों से ही जड़ें निकलने लगती हैं, जब यह जड़ लटकते हुए जमीन तक पहुंच जाती हैं तो खुद एक अतिरिक्त तना बन जाती है। इसकी पत्तियां नीचे लटकती हुई ऐसी दिखती हैं जैसे आंसू टपक रहे हों। यह घर की हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोख लेता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को भी तेजी से सोखकर ऑक्सीजन रिलीज करते हैं। गमले या जमीन में इसकी जड़ें बहुत तेजी से फैलती हैं। यह बगीचे या मिट्टी के गमले को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे पालतू जानवरों को एलर्जी भी हो सकती है। इस पौधे को आराम भी चाहिए होता है यानी आमतौर पर सर्दियों में सूख जाए, तो भी इसे पानी या खाद नहीं दी जाती। इसे बालकनी या लिविंग रूम में ऐसी जगह रखना चाहिए जहां सूरज की रोशनी आती हो।


घरों में पौधे लगाने के फायदे

घर के भीतर कई तरह के परागण, धूल और यहां तक कि अच्छे से अच्छा पेंट भी हवा की गुणवत्ता पर असर डालते हैं। ऐसे में घर के भीतर ऐसे पौधे लगाना बढ़िया विकल्प है, जो एयर प्यूरिफायर की तरह काम करते हुए ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखते हैं। ऐसे पौधों को ऑक्सीजन फैक्ट्री भी कहा जा सकता है। ये हवा को शुद्ध करने के साथ ही मानसिक तनाव को कम करने में भी मददगार हैं। यानी कोरोना काल में ये पौधे सबसे बढ़िया काम कर सकते हैं।

पौधे चुनते समय रखें इन बातों का ध्यान
पौधों का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि ऐसे पौधे लें जो तेजी से बढ़ते हों। ये पौधे ज्यादा से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड कंज्यूम करते हैं। यानी ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ते हैं। साथ ही इन्हें मौसम के हिसाब से चुना जाना चाहिए। इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि पौधों में किसी तरह की कोई बीमारी या फंगल संक्रमण न हो। कोरोना के दौर में ब्लैक फंगस जैसी बीमारी तेजी से फैल रही है, ऐसे में स्वस्थ पौधे लेना और उन्हें स्वस्थ बनाए रखना ही सही है।

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