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विश्व पर्यावरण दिवस : भूल सुधार नहीं हमें मूल सुधार करना है: केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल

विश्व पर्यावरण दिवस : भूल सुधार नहीं हमें मूल सुधार करना है: केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल

जबलपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रकृति मित्र पर्यावरण समिति एवं एलुमनी शासकीय विज्ञान महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय हॉस्टल जबलपुर के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था इकोसिस्टम रीस्टोरेशन। कार्यक्रम के प्रारंभ में फरीदाबाद से डॉ मथुरेश जायसवाल द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस की संबंध में संगोष्ठी की भूमिका इसका इतिहास, इसकी उपादेयता और करणीय कार्यों के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला गया।


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इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय एवं सांसद श्री प्रहलाद जी पटेल द्वारा संगोष्ठी के उद्घाटन भाषण में बताया गया कि हमें वृक्षों को संरक्षण करना आवश्यक है। हमें अपनी जिम्मेदारियों का पुनर्विलोकन करना आवश्यक है। मूल सुधार करना आवश्यक है ना कि भूल सुधार करना है। प्रकृति के साथ रहेंगे तो चुनौतियों और संकटों को कम कर सकेंगे। हम आने वाली पीढ़ी को वृक्षों के संरक्षण हेतु प्रेरित करें। पर्यावरणीय असंतुलन पर विचार करें। प्रत्येक व्यक्ति अपना रिपोर्ट कार्ड स्वयं तैयार करें प्रकृति के लिए उसने क्या कार्य किया है। मुख्य वक्ता के रूप में मैरीलैंड अमेरिका से प्रोफेसर हेमंत जी शुक्ला जी ने पारिस्थितिक तंत्र को सुधार करने संबंधी विषयों पर चर्चा की गई। 
 प्रकृति मित्र पर्यावरण समिति की ओर से वक्ता डॉ यतीश जैन द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पर्यावरण में जो क्षति हो रही है उनके आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि अगर इको सिस्टम रीस्टोर नहीं किया गया तो काफी नुकसान प्रकृति को झेलना पड़ सकता है। इसके लिए हमें अपनी जीवनशैली में भी परिवर्तन करना आवश्यक है अन्यथा प्रकृति का पूर्ण संरक्षण नहीं कर सकेंगे। संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई  हैदराबाद से श्रीमती तुलसी नंदा द्वारा बच्चों को पर्यावरण के प्रति संस्कार देने की बात पर बल दिया गया। फरीदाबाद से श्री नितिन शर्मा द्वारा इकोसिस्टम रीस्टोरेशन एवं उनके द्वारा संधारित पौधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। ऑस्ट्रेलिया से भूवैज्ञानिक श्री संजय सिंह द्वारा ओजोन लेयर एवं ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव के संबंध में जानकारी दी गई एवं उनके द्वारा जीवन शैली में किए गए बदलाव और उसके प्रभाव की जानकारी दी गई।
सत्र समापन कार्य एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभाग अध्यक्ष, संसाधन प्रबंधन विभाग, शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर कि डॉ ज्योति जैन द्वारा प्रस्तुत किया गया एवं इकोसिस्टम रीस्टोरेशन के संबंध में अपने विचार रखे गए। इस अवसर पर टेक्निकल यूनिवर्सिटी, गुड़गांव के रजिस्टर श्री रणधीर सिंह द्वारा भी विचार प्रस्तुत किया गए।
 कार्यक्रम के संयोजक, प्रकृति मित्र संस्था के सचिव एवं  कार्यक्रम का संचालन फरीदाबाद से प्रोफेसर मथुरेश जायसवाल द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन हैदराबाद से डॉ धनंजय द्विवेदी किया गया। इस अवसर पर राकेश जी भड़ाना, फरीदाबाद, विवेक श्रीवास्तव इंदौर, रजनीश जोली, अनिल गुप्ता, अमोल जोशी, श्रीमती अनीता शर्मा, ध्रुव ज्योति मुखर्जी आदि ने कार्यक्रम में पर्यावरण क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, प्राध्यापक गण एवं गणमान्य नागरिक जुड़े थे।

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