SAGAR: प्रशासनिक अफसर , खुद कोरोना संक्रमित या परिजन हुए पाजिटिव, होम आईसोलेशन में कर रहे काम
★ चार SDM : जो कोरोना से जंग से लड़ते हुए जुटे है कामो में
#sagarfightcorona
सागर । कोरोना संक्रमण काल में ऐसा कोई भी तबका नही बचा जिसमें स्वयं या परिजन में से कोई कोरोना संक्रमित न हुआ हो। ऐसे कठिन समय मे प्रशासनिक जिम्मेदारी को निभाना भी एक चुनोती है। सागर जिले के युवा चार अनुविभागीय अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में दायित्व निभा रहे है। ये सभी कोरोना संक्रमित है या फिर इनके परिजन।
ये अधिकारी वर्क फ्रॉम होम कहे या होम आईशोलेशन में कार्य करना, बड़ी ही जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों को निभा रहे है। खासतौर से क्षेत्र में आक्सीजन , रेमडीसीवर इंजेक्शन आदि की कही कोई कमी न रहें, इस बात का प्राथमिकता से ध्यान रख रहे हैं।
कोविड केयर सेंटर पर व्यवस्थाएं जुटी रहें, संक्रमित क्षेत्र में प्रतिदिन सैनिटाइजेशन का कार्य होता रहे, कंटेनमेंट क्षेत्र बनाना ,किसी तरह से संक्रमण नही फैले , यह कोशिश जारी है। इसके साथ ही कोरोना जनता कर्फ्यू के साथ रोको टोको अभियान के तहत कार्रवाई करने की बात हो या कोविड गाईड लाईन का सफलता पूर्वक पालन कराना प्रमुख है।सभी कार्य ये समस्त अनुभवी अधिकारी बखूबी निभाकर अपने अपने अनुविभाग में संक्रमण रोकने का कार्य 24 घंटे कर रहे हैं।
अब बात करें खुरई अनुविभागीय अधिकारी मनोज चौरसिया की जो कोरोना संक्रमण को रोकते-रोकते स्वयं संक्रमित हो गए। और घर पर आयसोलेट होने के बाद निरंतर अपना दायित्व निभाते रहे। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए घर से ही संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश दे रहे हैं। पर आज उनकी स्थिति अचानक खराब हो जाने के कारण कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश पर उन्हें इंदौर की एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां वे उपचार रत हैं।
अब बात करें बंडा अनुभाग अधिकारी सुश्री शशि मिश्रा की जो 15 अप्रैल को कोरोना संक्रमीत होने के तत्काल पश्चात होम आइसोलेट हो गई और घर पर रहकर ही शासन एवं कोरोना संक्रमण रोकने के समस्त निर्देशों का पालन करती एवं कराती रहीं। सुश्री शशि मिश्रा घर से ही समस्त अमले को दिशा निर्देश देती रही और आज पूर्ण स्वस्थ होकर अपने कार्य पर वापस भी आ गईं और बखूबी पूरी शक्ति के साथ संक्रमण रोकने के लिए कार्य प्रारंभ कर रहीं हैं।
इसी प्रकार बात करें देवरी अनुविभागीय अधिकारी अमन मिश्रा की। श्री अमन मिश्रा के माता-पिता जबलपुर में रहते हुए संक्रमित हुए। श्री अमन मिश्रा ने जबलपुर जाकर अपने माता-पिता का उपचार कराया। किंतु श्री मिश्रा को अपने अनुविभाग देवरी की चिंता लगातार सता रही थी तो उन्होंने अपने माता-पिता, जो कि आज भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर देवरी में उनके निवास पर आइसोलेशन में उपचार रत हैं, उन्हें देवरी बुलाकर उनके इलाज के साथ-साथ देवरी अनुविभाग में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। श्री मिश्रा ने बताया कि माता पिता की सेवा के साथ-साथ पूरे क्षेत्र की निवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने की जवाबदारी भी मेरी ही है। इसलिए मैंने अपने माता-पिता को देवरी लाकर उनके इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कराई है और अपने काम को बखूबी निभाते जा रहा हूँ ।
अब बात करते हैं रहली अनु विभागीय अधिकारी जितेंद्र पटेल की जो कि 1 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए और होम आइसोलेशन में रह कर निरंतर कार्य कार्य किया और 15 अप्रैल को अपने कर्तव्य पर वापस लौटकर लगातार कोरोना संक्रमण को हराने के लिए प्रयासरत हैं।इन सभी प्रशासनिक अधिकारियों के ज़िम्मेदारी निभाने के जज़्बे को सलाम।
सागर । कोरोना संक्रमण काल में ऐसा कोई भी तबका नही बचा जिसमें स्वयं या परिजन में से कोई कोरोना संक्रमित न हुआ हो। ऐसे कठिन समय मे प्रशासनिक जिम्मेदारी को निभाना भी एक चुनोती है। सागर जिले के युवा चार अनुविभागीय अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में दायित्व निभा रहे है। ये सभी कोरोना संक्रमित है या फिर इनके परिजन।
ये अधिकारी वर्क फ्रॉम होम कहे या होम आईशोलेशन में कार्य करना, बड़ी ही जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों को निभा रहे है। खासतौर से क्षेत्र में आक्सीजन , रेमडीसीवर इंजेक्शन आदि की कही कोई कमी न रहें, इस बात का प्राथमिकता से ध्यान रख रहे हैं।
कोविड केयर सेंटर पर व्यवस्थाएं जुटी रहें, संक्रमित क्षेत्र में प्रतिदिन सैनिटाइजेशन का कार्य होता रहे, कंटेनमेंट क्षेत्र बनाना ,किसी तरह से संक्रमण नही फैले , यह कोशिश जारी है। इसके साथ ही कोरोना जनता कर्फ्यू के साथ रोको टोको अभियान के तहत कार्रवाई करने की बात हो या कोविड गाईड लाईन का सफलता पूर्वक पालन कराना प्रमुख है।सभी कार्य ये समस्त अनुभवी अधिकारी बखूबी निभाकर अपने अपने अनुविभाग में संक्रमण रोकने का कार्य 24 घंटे कर रहे हैं।
अब बात करें खुरई अनुविभागीय अधिकारी मनोज चौरसिया की जो कोरोना संक्रमण को रोकते-रोकते स्वयं संक्रमित हो गए। और घर पर आयसोलेट होने के बाद निरंतर अपना दायित्व निभाते रहे। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए घर से ही संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश दे रहे हैं। पर आज उनकी स्थिति अचानक खराब हो जाने के कारण कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश पर उन्हें इंदौर की एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां वे उपचार रत हैं।
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अब बात करें बंडा अनुभाग अधिकारी सुश्री शशि मिश्रा की जो 15 अप्रैल को कोरोना संक्रमीत होने के तत्काल पश्चात होम आइसोलेट हो गई और घर पर रहकर ही शासन एवं कोरोना संक्रमण रोकने के समस्त निर्देशों का पालन करती एवं कराती रहीं। सुश्री शशि मिश्रा घर से ही समस्त अमले को दिशा निर्देश देती रही और आज पूर्ण स्वस्थ होकर अपने कार्य पर वापस भी आ गईं और बखूबी पूरी शक्ति के साथ संक्रमण रोकने के लिए कार्य प्रारंभ कर रहीं हैं।
इसी प्रकार बात करें देवरी अनुविभागीय अधिकारी अमन मिश्रा की। श्री अमन मिश्रा के माता-पिता जबलपुर में रहते हुए संक्रमित हुए। श्री अमन मिश्रा ने जबलपुर जाकर अपने माता-पिता का उपचार कराया। किंतु श्री मिश्रा को अपने अनुविभाग देवरी की चिंता लगातार सता रही थी तो उन्होंने अपने माता-पिता, जो कि आज भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर देवरी में उनके निवास पर आइसोलेशन में उपचार रत हैं, उन्हें देवरी बुलाकर उनके इलाज के साथ-साथ देवरी अनुविभाग में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। श्री मिश्रा ने बताया कि माता पिता की सेवा के साथ-साथ पूरे क्षेत्र की निवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने की जवाबदारी भी मेरी ही है। इसलिए मैंने अपने माता-पिता को देवरी लाकर उनके इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कराई है और अपने काम को बखूबी निभाते जा रहा हूँ ।
अब बात करते हैं रहली अनु विभागीय अधिकारी जितेंद्र पटेल की जो कि 1 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए और होम आइसोलेशन में रह कर निरंतर कार्य कार्य किया और 15 अप्रैल को अपने कर्तव्य पर वापस लौटकर लगातार कोरोना संक्रमण को हराने के लिए प्रयासरत हैं।इन सभी प्रशासनिक अधिकारियों के ज़िम्मेदारी निभाने के जज़्बे को सलाम।
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