खग्रास चंद्रग्रहण कल, दिखेगा सुपर फ्लावर ब्लड मून, बुध का भी होगा गोचर @ प्रीति द्विवेदी

खग्रास चंद्रग्रहण कल, दिखेगा सुपर फ्लावर ब्लड मून, बुध का भी होगा गोचर

@ प्रीति द्विवेदी

भोपाल। 26 मई का दिन कई मायनों में खास होने वाला है। इस दिन कई विशेष योग बन रहे हैं। कल यानि बुधवार को वैशाख पूर्णिमा के साथ—साथ बुध राशि का परिवर्तन भी होने जा रहा है। बुध, वृष राशि से अपनी स्वराशि मिथुन में प्रवेश करेंगे। इसी दिन खग्रास चंद्रग्रहण भी है। जिसमें खगोलीय घटना सुपर फ्लावर ब्लड मून भी दिखाई देगा। परन्तु यह चंद्रमा पूर्वी क्षितिज के नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में दिखाई नहीं देगा।

क्या है सुपर फ्लावर ब्लड मून 
चंद्रग्रहण के कारण बुधवार को सुपर फ्लावर ब्लड मून की घटना होगी। हालांकि भारत में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में ब्लड मून दिखाई नहीं देगा। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया से चंद्रमा की रोशनी छिप जाती है। फलस्वरूप जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्रमा ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। जब चंद्रमा, पृथ्वी के पास धीरे-धीरे पहुंचता है तो वह ज्यादा चमकीला दिखाई देने लगता है। फलस्वरूप उसका आकार भी बड़ा दिखाई देता है। कुछ जगहों से देखने पर यह अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है। इस घटना को सुपर फ्लावर ब्लड मून कहा जाता है।


बुध का होगा गोचर

पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार ग्रहों में राजकुमार कहे जाने वाला ग्रह बुध 26 मई को यानि कल सुबह 8:55 बजे अपनी स्वराशि मिथुन में गोचर करेगा। पांच दिन बाद यानि 30 मई को सूर्योदय पूर्व तड़के 4:05 बजे वक्री हो जाएगा और 3 जून को सूर्योदय पूर्व रात्रि में 2 बजकर 11 मिनट पर वक्री अवस्था में पुन: वृष राशि में लौट आएगा। इस प्रकार 9 दिनों में वापस मिथुन से वृषभ राशि में आ जाएगा। संयोग की बात यह है कि 3 जून को ही सुबह 6:14 बजे बुध पश्चिम में अस्त भी हो जाएगा। इसके बाद 7 जुलाई को सुबह 11:05 बजे फिर से मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 

परिवर्तन का रहेगा असर 
बुध के इन परिवर्तनों से प्रकृति, पर्यावरण, मौसम और मनुष्यों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। लोगों के कार्यों को गति मिलनी शुरू हो जाएगी। रोगों पर लगाम लग सकती है। इससे लोगों की वाणी में मधुरता आएगी। आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इसी के साथ मौसम में भी तेजी से बदलाव आएगा। सूरज की तपिश भी बढ़ सकती है। आंधी, तूफान, बारिश, वायुयान दुर्घटना की आशंका भी बनी रहेगी।

वैशाख स्नान का होगा समापन 
पिछले एक माह से वैशाख का स्नान कर रहे श्रद्धालु वैशाख पूर्णिमा के साथ इसका समापन करेंगे। पूर्णिमा तिथि 25 मई को रात्रि 8:31 बजे से प्रारंभ होकर 26 मई को शाम 4:45 बजे तक रहेगी। वैशाख स्नान के समापन पर विधिवत भगवान श्री विष्णु—लक्ष्मी का पूजन करके ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा देना चाहिए।

बुद्ध और कूर्म जयंती भी 
बुधवार को बुद्ध जयंती और कूर्म जयंती भी है। इसी दिन अकाल मृत्यु और रोगों से मुक्ति के लिए यम के निमित्त जलकुंभ का दान किया जाता है। एक मिट्टी के कुंभ में जल भर कर दान देने से अकाल मृत्यु की आशंका टल जाती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें