पाजिटिव हुई और सस्थ्य होकर नए अनुभवों के साथ कोविड सेंटर में सेवाएं दे रही स्टाफ नर्स
सागर। कोरोना काल में अपने घर परिवार को छोड कर कोविड केयर सेंटर में सेवाएं देने वाली छह स्टाफ नर्स जिन के कारण ही रहली कोविड केयर सेंटर का सफल संचालन हो पा रहा है।इनमें से एक दो तो इस दौरान संक्रमित भी हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी हार नही मानी और अपने इलाज के साथ साथ मरीजो का भी समय पर इलाज किया और कोरोना को मात दी,अपने अनुभव और कार्य कुशलता से आज रहली कोविड केयर सेंटर का सफल संचालन इन्ही के माध्यम से किया जा रहा है।
डां गजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि रहली सेंटर पर वर्तमान में कुल 12 मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे है और कल रात में चार मरीज स्वस्थ्य होकर निकले है।आज हम ऐसे ही कोरोना योद्वाओ से आपका परिचय करा रहे है।
यहां हम सबसे पहले बात करेगें सिनियर स्टाफ नर्स कृष्णा विश्वकर्मा की जो कि नियमित कोविड सेंटर पर अपनी डियूटी कर रही है घर में भरा पूरा परिवार है जिसमें एक छोटा नाती भी है जो दादी को बहुत चाहता है लेकिन कोविड सेंटर में डियूटी के कारण दादी घर नही आती उसे दुलार नही कर पाती उन्हे डर रहता है कि कही बच्चे को संक्रमण ना हो जाए।
नेहा नायक व आरती कुर्मी इन दोनो की तैनाती पहले कोविड सेंटर गढाकोटा में लगाई गई थी लेकिन रहली में सेंटर खुले के बाद से ही यहां पर डियूटी कर रही है और अपने अनुभव का लाभ भर्ती मरीजो को दे रही है।
पूनम वायकर काम करते समय ये रहली कोविड सेंटर में संक्रमित हो गई थी और यही रहकर स्वयं व मरीजो का इलाज किया और आज खुद भी स्वस्थ्य है और कई मरीजो को भी स्वस्थ्य कर के रवानगी दे चुकी है।
पूनम पटैल जो लगातार डियूटी पर तैनात है इस दौरान परिवार में कोरोना से मौत भी हो गई लेकिन अपनी डियूटी को प्रथम दर्जा दिया और लगातार सेवा में लगी हुई है।
पूजा वैस इनकी शादी के कुछ दिन बाद ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई और तब से बिना कोई अवकाश लिए कोविड सेंटर में सेवाएं दे रही है इस दौरान ये भी संक्रमित हुई थी। इन वास्तवित कोरोना योद्वाओ को आज हम सलाम करते है।
सागर। कोरोना काल में अपने घर परिवार को छोड कर कोविड केयर सेंटर में सेवाएं देने वाली छह स्टाफ नर्स जिन के कारण ही रहली कोविड केयर सेंटर का सफल संचालन हो पा रहा है।इनमें से एक दो तो इस दौरान संक्रमित भी हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी हार नही मानी और अपने इलाज के साथ साथ मरीजो का भी समय पर इलाज किया और कोरोना को मात दी,अपने अनुभव और कार्य कुशलता से आज रहली कोविड केयर सेंटर का सफल संचालन इन्ही के माध्यम से किया जा रहा है।
डां गजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि रहली सेंटर पर वर्तमान में कुल 12 मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे है और कल रात में चार मरीज स्वस्थ्य होकर निकले है।आज हम ऐसे ही कोरोना योद्वाओ से आपका परिचय करा रहे है।
यहां हम सबसे पहले बात करेगें सिनियर स्टाफ नर्स कृष्णा विश्वकर्मा की जो कि नियमित कोविड सेंटर पर अपनी डियूटी कर रही है घर में भरा पूरा परिवार है जिसमें एक छोटा नाती भी है जो दादी को बहुत चाहता है लेकिन कोविड सेंटर में डियूटी के कारण दादी घर नही आती उसे दुलार नही कर पाती उन्हे डर रहता है कि कही बच्चे को संक्रमण ना हो जाए।
नेहा नायक व आरती कुर्मी इन दोनो की तैनाती पहले कोविड सेंटर गढाकोटा में लगाई गई थी लेकिन रहली में सेंटर खुले के बाद से ही यहां पर डियूटी कर रही है और अपने अनुभव का लाभ भर्ती मरीजो को दे रही है।
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पूनम वायकर काम करते समय ये रहली कोविड सेंटर में संक्रमित हो गई थी और यही रहकर स्वयं व मरीजो का इलाज किया और आज खुद भी स्वस्थ्य है और कई मरीजो को भी स्वस्थ्य कर के रवानगी दे चुकी है।
पूनम पटैल जो लगातार डियूटी पर तैनात है इस दौरान परिवार में कोरोना से मौत भी हो गई लेकिन अपनी डियूटी को प्रथम दर्जा दिया और लगातार सेवा में लगी हुई है।
पूजा वैस इनकी शादी के कुछ दिन बाद ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई और तब से बिना कोई अवकाश लिए कोविड सेंटर में सेवाएं दे रही है इस दौरान ये भी संक्रमित हुई थी। इन वास्तवित कोरोना योद्वाओ को आज हम सलाम करते है।
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