डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने आयोजित की एम्स भोपाल के कोरोना एक्सपर्ट्स के साथ ऑनलाइन परिचर्चा
साग़र। डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर द्वारा भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर एवम कोविड़ उपरांत उत्पन्न होनेवाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं , कोरोना की तीसरी लहर के संभावना और टीकाकरण से संबंधित कई प्रश्नों के समाधान हेतु विश्वविद्यालय अंतर्गत स्वास्थ्य एवम स्वच्छता विभाग, टीएलसी तथा यूनिवर्सिटी सेनिटाइजेशन कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में ऑनलाइन परिचर्चा कोविड टू कोवीन के दूसरे चरण का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में मेडिकल स्पेशलिस्ट के रुप में एम्स, भोपाल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर सागर खड़ंगा, सह प्राध्यापक एवम दंतचिकित्सा विभाग के सह प्राध्यापक डॉ अंशुल राय उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री संतोष सोहगौरा ने परिचर्चा का प्रतिनिधित्व करते हुए सभी के मन में उठनेवाले विभिन्न प्रश्नों को इनके समक्ष प्रस्तुत किया।
श्री संतोष सोहगौरा ने पूछा कि कोविड के उपरांत क्या क्या स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां उत्पन्न हो सकती है तो इसके जवाब में डाक्टर सागर खड़ांगा जो कि एक पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट भी है बताया कि अधिकांश लोगों में घबराहट, सांस फूलना, थकावट आना, सूंघने एवम स्वाद पहचानने की क्षमता का कम होना, मानसिक तनाव में रहने जैसे लक्षण पाए जाते है, जो कि छह हफ्ते से लेकर छह महीने में ठीक हो जाते है। कुछ ही लोगो में ब्लैक फंगस, रक्त वाहिनियों में थक्का जमने, व्हाइट फंगस जैसी जटिल बीमारियां उत्पन्न हो सकती है जो कि समय रहते हुए सजगता और सही उपचार से ठीक हों जाती हैं।इसके अतिरिक्त उन्होंने रेड फ्लैग साइन के बारे में कहा कि ये सिर्फ 1 से 2 प्रतिशत लोगों में ही कोविड उपरान्त देखने मिलते है जिसमे ब्लैक फंगस जैसी बीमारियां होती है। उन्होंने यह भी कहा कि कोवीड के बचाव के लिए भले ही टीकाकरण कारगर उपाय है लेकिन मास्क लगाना और हाथों को बार बार साबुन और पानी से धोना भी उतना ही कारगर उपाय है ।
श्री संतोष सोहगौरा ने डॉक्टर अंशुल राय से mucormycosis यानि कि ब्लैक फंगस जो कि कोवीड उपरान्त कई मरीजों में देखा जा रहा हैं , इसको कैसे पहचाने और इससे बचने का क्या उपाय हैं इसपर प्रश्न किया तो डॉक्टर अंशुल राय ने बताया कि अधिकतर यह बीमारी डायबिटीज से पीड़ित एवम जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम है, उन लोगों को ग्रसित कर रही है और साथ ही उन्होंने स्टीरॉयड का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह पर लेने को कहा। ब्लैक फंगस के लक्षणों में चेहरे पर सूजन, दातों का अचानक से हिलना, बार बार नाक बंद होना, नाक आंख मसूड़ों तालू के आसपास कालापन उत्पन्न होना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसके इलाज के लिए उन्होंने बतलाया कि लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेने को कहा और सर्जरी और injection amphotericin b ki भी उपयोगिता बताई।
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श्री सोहगौरा के कोविड उपरान्त होनेवाली समस्याओं से कैसा बचा जा सकता है के प्रश्न के जवाब मे डाक्टर सागर खड़ंगा ने कहा कि दवाइयों के अलावा मरीज को तनाव से मुक्त रहना , अच्छा पोष्टिक अन्न का सेवन, व्यायाम,योग जैसी चीज भी दिनचर्या में शामिल करने की बात की ।इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर जनक दुलारी ने अपने स्वागत संबोधन में सभी लोगों से कोविड-19 से संबंधित नियमों का पालन करने का आग्रह किया और कहा कि क्यो हमे आनेवाली सांभवी तीसरी लहर के लिए सचेत रहना चाहिए। विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विभाग की प्रभारी डॉ किरण माहेश्वरी और डॉक्टर भूपेंद्र पटेल ने भोपाल Aiims के मेडिकल स्पेशलिस्ट का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया तथा विश्वविद्यालय की ओर से कई चिकित्सकीय सवाल पूछे l
कार्यक्रम में टीएलसी के कोऑर्डिनेटर डॉ संजय शर्मा ने दर्शकों की ओर से कोरोना से संबंधित सवाल विशेषज्ञों से किए जिसका उन्होंने बड़े ही आसान तरीके से जवाब दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विवेक जैसवाल द्वारा किया गया। श्री अनुराग श्रीवास्तव ने फेसबुक और यूट्यूब पर लाइव प्रसारण करने मे सहायता प्रदान की।
चिकित्सा अधिकारी ने आभार व्यक्त किया। उक्त कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक गण अधिकारी गण, कर्मचारी गण और काफी संख्या में विद्यार्थीगण शामिल हुए। उक्त कार्यक्रम का फेसबुक एवम यू ट्यूब पर लाइव प्रसारण किया गया जिसमें देश भर के कई लोगो ने सहभागिता निभाई तथा विशेषज्ञों से कोविड से संबंधित प्रश्न पूंछे।
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