दमोह उपचुनाव: काँग्रेस के अजय टण्डन ने भाजपा के राहुल सिंह को 17 हजार से अधिक वोटो से हराया

दमोह उपचुनाव: काँग्रेस के अजय टण्डन ने भाजपा के राहुल सिंह को 17 हजार से अधिक वोटो से  हराया 

दमोह। एमपी में एकमात्र उपचुनाव वाले क्षेत्र दमोह में भाजपा को झटका लगा है। दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टण्डन ने भाजपा के राहुल सिंह को 17089 मतों से  पराजित किया। राहुल सिंह कांग्रेस छोड़ भाजपा में  शामिल हुए थे। उन्होंने सन 2018 में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को कम वोटो से हराया था। दमोह के इन नतीजों के कई अर्थ निकाले जा रहे है। राहुल सिंह ने अपनी हार का जिम्मेवार भितरघात और जयंत मलैया को बताया। 

दमोह प्रत्याशी अजय टण्डन ने शुरुआती दौर से ही बढ़त बना ली थी। दो तीन राउंड में बढ़त भी मिली लेकिन ज्यादा अंतर नही था। राहुल सिंह खुद अपना पोलिंग बूथ हार गए। ऐसी अटकलें थी कि कुल 26 राउंड में से 17 के बाद ग्रामीण इलाकों में लोधी बाहुल्य वोट है। जो उम्मीद थी। हालांकि जब तक जीत का अंतर 18 हजार था। इसके बाद के राउंड की गिनती में झलक दिखी। कांग्रेस प्रत्याशी अजय टण्डन पिछड़े भी। लेकिन पहले लम्बा अंतर मिलने से उनका जितना तय हो गया।  दमोह का रुझान समझते ही केंद्रीय राज्य मंत्री और क्षेत्रीय सांसद प्रह्लाद पटेल ने जीत की अग्रिम शुभकामनाओं का ट्वीट  गिनती के दौरान ही कर दिया था। 

इस चुनाव से पूर्व मंत्री जयंत मलैया की आगे की राजनीति पर भी फर्क पड़ेगा।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मांन मनोव्वल के बाद जयंत मलैया सक्रिय हुए। लेकिन उनके समर्थक नही निकले। कही न कही भितरघात भी देखी जा रही है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के कहर को रोकने में सरकार और स्थानीय प्रशासन की कमजोरी का असर भी मतदाताओं में देखने मिला। वही भाजपा दलबदल को लेकर बने गुस्सा को शांत नही कर सकी। कई जगह राहुल सिंह के खुलकर विरोध हुआ। 


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भाजपा ने  लगाई थी पूरी ताकत

उपचुनाव में  भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। चुनावी प्रबंधन में माहिर नेताओं की टीम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खड़ी की। खुद मुख्यंमन्त्री ने आधा दर्जन से अधिक सभाएं की। ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई मन्त्री और सांसद- विधायक  मौजूद रहे। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा कई दिनों तक यहां रहे।उन्ही की देखरेख में कमान थी। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड के प्रभावशाली नेता और मन्त्री गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह जैसे नेताने पूरे महीने समय दिया। केन्द्रीय राज्य मंत्री और क्षेत्रीय सांसद प्रह्लाद पटेल ने की जिम्मेदारियां खूब थी। प्रचार ,प्रबंधन और धन सब कुछ के सहारे लड़ने के बाद भी भाजपा यहां से बुरी तरह हारी। इसके नतीजे आने वाले समय मे दिखेंगे। 
उधर दमोह की जीत कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर गयी। पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे बड़े नेताओं के सहारे कांग्रेस यहां थी।  कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी यहां  मेहनत करते नजर आए। फिलहाल  दमोह के नतीजों ने पूरे प्रदेश में सन्देश दिया है। 

राहुल सिंह ने भाजपा की हार के लिए भितरघात प्रमुख कारण बताया

भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह ने  कहा जयंत मलैया के कारण चुनाव हारे है। जिन्हें शहर का प्रभारी बनाया था उनका ही वार्ड हार गए। जो पार्टी को मा कहा करते थे उनका ही वार्ड पोलिंग हार गए और कहा मलैया परिवार की रणनीति सफल हुई और हम चुनाव हार गए।

पूर्व सीएम कमलनाथ का ट्वीट

जीत आखिर सच की ही हुई।
दमोह उपचुनाव के परिणाम से प्रदेश से भाजपा की उल्टी गिनती की शुरुआत हो गयी है। भाजपा की "जनता से पहले चुनाव को प्राथमिकता" की नीति व सोच को जनता ने इस परिणाम से कड़ा सबक सिखा दिया है।दमोह की जनता ने आज देश भर में संदेश दे दिया है कि वो किस रास्ते पर चलना चाहती है, उसने बता दिया कि वो सच्चाई के साथ है, भारत की जोड़ने वाली संस्कृति के साथ है।
भाजपा सरकार के पिछले एक वर्ष के नाकारापन , कुशासन की सजा आज पूरा प्रदेश भुगत रहा है, इस परिणाम से यह स्पष्ट हो चुका है।



केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल का ट्वीट

दमोह के विधानसभा उपचुनाव में जीत की ओर अग्रसर कांग्रेस के उम्मीदवार अजय टंडन जी को शुभकामनाएँ ।हम जीते नहीं पर सीखे बहुत ?!




दमोह विधानसभा उपचुनाव में जनता का जनादेश शिरोधार्य है ।हम कांग्रेस उम्मीदवार को उनकी जीत के लिए बधाई देते हैं । भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व दमोह के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर गहराई से असफलता के कारणों की समीक्षा करेगा। दमोह उप चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए मैं दमोह की जनता, चुनाव कार्य में लगे अधिकारी कर्मचारी और भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।

: विष्णु दत्त शर्मा अध्यक्ष  भाजपा मध्य प्रदेश



दमोह विधानसभा चुनाव अभी तक 

1951 हरिश्चंद्र मरोठी कांग्रेस
1957 हरिश्चंद्र मरोठी कांग्रेस
1962 आनंद श्रीवास्तव निर्दलीय
1967 प्रभु नारायण टंडन कांग्रेस
1972 आनंद श्रीवास्तव निर्दलीय
1975 प्रभु नारायण टंडन कांग्रेस (उपचुनाव)
1977 प्रभु नारायण टंडन कांग्रेस
1980 चंद्रनारायण टंडन कांग्रेस
1984  जयंत मलैया भाजपा (उपचुनाव)
1985  मुकेश नायक कांग्रेस
1990  जयंत मलैया भाजपा
1993  जयंत मलैया भाजपा
1998  जयंत मलैया भाजपा
2003  जयंत मलैया भाजपा
2008  जयंत मलैया भाजपा
2013   जयंत मलैया भाजपा
2018   राहुल सिंह लोधी कांग्रेस
2021 उपचुनाव अजय टंडन कांग्रेस

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