दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई - मुख्यमंत्री
37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे
★ मॉयलॉन लैब के बाद हैटरो हैल्थकेयर से एक लाख इंजेक्शन आपूर्ति का निर्णय
★ ऑक्सीजन एक्सप्रेस के सुझाव को मिली केन्द्र की हरी झण्डी
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जन-प्रतिनिधियों से निरंतर परामर्श किया जाए। उनसे प्राप्त सूचनाओं पर कमिश्नर्स त्वरित कार्रवाई करें। प्रदेश में सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करते हुए पॉजिटिविटी रेट घटाने के पूरे प्रयत्न हों। किस अस्पताल में कितने बेड हैं, इसकी जानकारी प्रचार माध्यमों के साथ ही हिन्दी एप के माध्यम से भी दी जाए। समाजसेवी संगठनों को जोड़कर लोगों की मदद के लिए प्रेरित किया जाए। कोरोना संक्रमित लोग कोविड केयर सेंटर से लाभान्वित हों। होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगियों से चिकित्सक सम्पर्क में रहें और जरूरी मार्गदर्शन देते रहें। औषधियों और इंजेक्शन के वितरण की न्यायपूर्ण व्यवस्था हो। इनकी कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के कमिश्नर्स, प्रभारी अधिकारियों से कोरोना संक्रमण पर चर्चा एवं समीक्षा कर रहे थे।
नए ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे
समीक्षा में बताया गया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति इस माह के आखरी तक 700 मीट्रिक टन हो जाएगी। आज प्रदेश को 390 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई है। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति निरंतर बढ़ रही है। टेंकर्स की संख्या भी अब 46 हो गई है। प्रदेश के 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे। ये प्लांट आगामी एक से तीन माह में स्थापित करने की तैयारी है। इससे भविष्य की दिक्कतें समाप्त होंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा पीआईयू और कार्य एजेंसी इन संयंत्रों के लिए स्थल चयन करें, तेजी से कार्य सम्पन्न हो।
इंजेक्शन की नहीं होगी कमी, बढ़ रही आपूर्ति
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में संभागों को आज 17 हजार इंजेक्शन भेजे जा चुके हैं। संभागों से जिलों तक इनका वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की आज हैटरो हैल्थकेयर लिमिटेड से भी इंजेक्शन आपूर्ति के संबंध में चर्चा हुई है। कंपनी को एक लाख इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए कहा गया है। इसके पूर्व मॉयलॉन लैब ने भी इंजेक्शन की आपूर्ति की है। निरंतर अनुश्रवण से परिणाम मिल रहे हैं और मध्यप्रदेश को होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति में निरंतर वृद्धि हुई है।
रोगियों के हित में जल्दी मिले रिपोर्ट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जाँच रिपोर्ट 24 घंटे में उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए। टेस्ट रिपोर्ट आने तक जाँच करवाने व्यक्ति को आइसोलेशन में रहना है, यह परामर्श दिया जाए। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रयासों में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। ऐसे निर्धन परिवार, जो होम आइसोलेशन में हैं यदि उनके लक्षण गंभीर होते हैं तो प्राथमिकता से कोविड केयर सेंटर ले जाया जाए। इन केन्द्रों में चाय, नाश्ता, भोजन उपलब्ध करवाया जाए। रोगियों की पूरी देखभाल की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रोगियों को एक अस्पताल से दूसरे में न जाना पड़े, इसके लिए बेड की उपलब्धता प्रदर्शित करें। निर्धारित नंबरों पर नागरिकों को जानकारी मिलना चाहिए। गंभीर रोगियों को सभी जिले में प्रशासनिक अधिकारी अथवा अस्पताल द्वारा उपचार देने में पूरा सहयोग प्रदान किया जाए। इंदौर में राधास्वामी सत्संग ब्यास द्वारा की गई पहल अनुकरणीय है। अन्य संभाग में भी यह पहल हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसी भी स्थिति में संक्रमण की चेन तोड़ना है। ऐसे प्रयास करें कि यह कार्य एक अभियान बन जाए।
प्रांतों से मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि उन्होंने मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन और औषधियों के आवश्यक प्रबंध के लिए गुजरात, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की है। सभी राज्यों से सहयोग मिल रहा है। मध्यप्रदेश में उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से भी ऑक्सीजन आपूर्ति में सहयोग मिला है। संकट के दौर में सभी राज्यों में परस्पर सहयोग और समन्वय की भावना है।
संभागों से चर्चा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कमिश्नर्स से चर्चा के दौरान निर्देश दिए कि सभी संभागों में रोगियों की संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन के न्यायपूर्ण वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित हो। कमिश्नर भोपाल ने बताया कि संभाग में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। कल भोपाल में 8566 टेस्ट हुए हैं। जबलपुर कमिश्नर को मेडिकल कॉलेज जबलपुर में आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए स्थान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। टेस्ट क्षमता में वृद्धि के लिए कमिश्नर रीवा को भी निर्देशदिए गए। कमिश्नर सागर को संभाग के सभी जिलों में जाँच और उपचार की सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में सागर में 500 बेड क्षमता है। अभी 398 बेड का उपयोग हो रहा है। कमिश्नर इंदौर ने बताया कि इंदौर में 7400 बेड उपलब्ध हैं, वर्तमान में 6422 बेड का ही उपयोग हो रहा है।
जन-सहयोग है जरूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आम जनता खुद कर्फ्यू व्यवस्था को लागू करें। जन-सहयोग से हम शीघ्र ही इस संक्रमण पर विजय प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे सोमवार को मंत्रियों से भी चर्चा कर उनके सुझावों के संबंध में अधिकारियों को निर्देश देंगे।
'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' केन्द्र की पहल सराहनीय
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से राज्यों तक उनकी आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की पहल की है। निश्चित ही यह सराहनीय है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा गत सप्ताह ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रेल के माध्यम से टेंकर लोड कर भेजे जाने का सुझाव दिया गया था।
ऑक्सीजन की क्षति न हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे समय जब ऑक्सीजन की बहुत जरूरत है, भोपाल के पास एक ऑक्सीजन टैंकर पलटा, लेकिन ऑक्सीजन की क्षति नहीं हुई। स्थानीय प्रशासन, परिवहन विभाग ने तत्परता से कार्यवाही की। मुख्यमंत्री ने कहा इसी तरह सभी का सतर्क रहना आवश्यक है। रोगियों के कार्य की वस्तुओं को सहेजने के लिए सजगता प्रशंसनीय है। इसी तरह ऑक्सीजन के अनावश्यक उपयोग पर नियंत्रण भी आवश्यक है।
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आगर-मालवा और शाजापुर जिलों के सैम्पल उज्जैन जाएंगे
बैठक में बताया गया कि उज्जैन के आरडी गार्डी अस्पताल में उज्जैन सहित आगर-मालवा और शाजापुर के सैम्पल भी भेजे जाएंगे। उज्जैन में वर्तमान में प्रतिदिन 2 हजार टेस्ट की क्षमता है। टेस्ट रिपोर्ट जल्द प्राप्त हो इस उद्देश्य से झाबुआ और अलीराजपुर में लिए गए सैम्पल अहमदाबाद भेजे जा रहे हैं। इससे एक दिन में ही रिपोर्ट मिलने लगी है।
छह संभाग में एक-एक हजार बिस्तर क्षमता केन्द्रों के लिए भवन चिन्हित होंगे
मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि छह संभागों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में कमिश्नर्स को कोविड केयर सेंटर के लिए भवनों को चिन्हित करने को कहा गया है। भविष्य में बढ़ने वाली रोगी संख्या की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह तैयारी करने को कहा गया है। इन भवनों में लगभग एक हजार बेड उपलब्ध होंगे। आइसोलेशन रोगियों के लिए जरूरत होने पर ऑक्सीजन बेड के रूप में भी इनका उपयोग किया जा सकता है। नर्सिंग स्टाफ एवं 450 अनुबंधित चिकित्सकों की सेवाएं इन केन्द्रों में ली जाएंगी।
अन्य राज्यों के रोगी लाभान्वित हो रहे
कोविड की नियमित समीक्षा में आज यह तथ्य भी सामने आया कि म.प्र. में जाँच, उपचार की बेहतर व्यवस्थाएँ होने से अन्य प्रांत के रोगी भी आ रहे हैं। ग्वालियर में झाँसी के रोगी आकर जाँच करवाते हैं। ग्वालियर संभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर प्रशासन को निर्देश दिए कि आइसोलेशन में रहने वालों का ध्यान रखें। छोटे आवास गृह में रहने वाले लोगों को आवश्यक सुविधाएँ दी जाएँ। ग्वालियर में 57 निजी अस्पताल भी इलाज कर रहे हैं। अच्छे अस्पतालों को अधिग्रहण कर सेवाएँ ली जा रहीं हैं। ग्वालियर की विस्तृत समीक्षा में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता कर्फ्यू स्वतः स्फूर्त हो, सभी दल भी इसमें सहयोगी हों।
अब मोबाइल फीवर क्लीनिक का संचालन
स्वास्थ्य विभाग के प्रजेंटेंशनमेंअपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में 12 हजार 248 रोगी हैं। रिकवर हुए रोगियों की संख्या 6497 है। एक्टिव केस 4,706 हैं। देश में मध्यप्रदेश के 4.4 प्रतिशत रोगी हैं। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट बीस है लेकिन रिकवर होकर रोगी घर आ रहे हैं। भोपाल, इंदौर में अभी केस स्थिर हैं। लेकिन नियंत्रण की चुनौती का सामना कर सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक चल रहे हैं। अब चलित फीवर क्लीनिक के संचालन की तैयारी भी की गई है। नागरिकों के घर तक सैम्पल लेने के लिए वाहन पहुँचेंगे। रैपिड टेस्ट के पश्चात पॉजीटिव परिणाम पर संबंधित व्यक्ति को वहीं किट भी प्रदान की जाएगी। साथ ही होम आयसोलेशन के संबंध में भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। जबलपुर और रीवा संभाग में रेपिड टेस्ट की क्षमता बढ़ाएंगे। इसी तरह विंध्य अंचल में व्यवस्थाएँ बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी रीवा में 1500 प्रतिदिन की टेस्ट क्षमता को 2000 तक ले जाने का प्रयास है। संभाग में लेब की सुविधा बढ़ाएंगे। इसके साथ ही सिंगरौली में अधिक टेस्ट हो सकें, इसके भी प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री के अन्य निर्देश
होम आयसोलेशन में रहने वाले रोगियों का स्वास्थ्य जल्दी ठीक हो, इसके लिए चिकित्सक सम्पर्क कर मार्गदर्शन दें।
वार्ड और मोहल्ले स्तर पर लोग स्वयं कोरोना कर्फ्यू लगाएँ। आगामी 30 अप्रैल तक इस व्यवस्था को प्रभावी रखा जाए।
बिस्तर क्षमता बढ़ाने के निरंतर प्रयास हों।
संक्रमण की चैन तोड़ने केलिए सरकार और समाज मिलकर कार्य करते रहें।
औषधियों और ऑक्सीजन की आपूर्ति की वितरण व्यवस्था सुचारू रखें।
वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं होगी, जिलों से आवश्यक राशि के प्रस्ताव समय पर मिलें।
शासकीय सेवक निर्धारित सीमा से अधिक कार्य पर न आएं।
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