मासूम बालिका से कुकृत्‍य करने वाले पिता अरविंद जैन को हुई तिहरे आजीवन कारावास की सजा ★ विकृत मानसिकता पर शोध की जरूरत ,न्यायालय ने कहा

मासूम बालिका से कुकृत्‍य करने वाले पिता अरविंद जैन को हुई तिहरे आजीवन कारावास की सजा
★ विकृत मानसिकता पर शोध की जरूरत ,न्यायालय ने कहा


★ मॉं के काम पर चले जाने पर अकेली बच्‍ची के साथ करता था दुराचार 
 
★ विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल के उत्‍कृष्‍ट अभियोजन संचालन से हुआ तिहरा आजीवन कारावास 

 
भोपाल। न्‍यायालय श्रीमती कुमुदिनी पटेल के न्‍यायालय ने नाबालिग बालिका के साथ दुराचार करने वाले आरोपी पिता अरविंद जैन को धारा 376 (क) (ख) , 376 (2)(एन) भादवि    तथा 5 एल/6 ,5 एम/6, 5 एन/6  में तिहरे आजीवन कारावास तथा कुल  3000 रू के अर्थदंड  तथा धारा 506 भादवि में 1 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया। दंडित करते हुये न्‍यायालय ने कहा कि  पिता  का यह सा‍माजिक तथा कानूनी दायित्‍व होता है कि वह अपने बच्‍चों की सुरक्षा करें परंतु यह घटना ठीक इसके विपरीत है। अभियुक्‍त ने न सिर्फ प्रकृति, समाज तथा कानून की व्‍यवस्‍था को तोडा है बल्कि अपनी ही 5 साल की मासूम बच्‍ची के साथ जिसे बलात्‍कार एवं लैंगिक संबंधों के बारे में जानकारी ही नहीं है, के साथ उसकी पेशाब वाली जगह पर पीडादायक कृत्‍य किया है। न्‍यायालय द्वारा अभियुक्‍त के प्रति नम्र  एवं सहानुभूति पूर्वक दृष्टिकोण न अपनाते हुये अभियोजन द्वारा प्रकरण में प्रस्‍तुत किये गये समस्‍त साक्ष्‍यों एवं मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुये तिहरे आजीवन कारावास से  दंडित किया गया। शासन की ओर से अभियोजन का संचालन  विशेष लोक अभियोजक श्री टी.पी. गौतम एवं श्रीमती मनीषा पटेल ने किया।
 
जनसंपर्क अधिकारी संभाग भोपाल  मनोज त्रिपाठी ने बताया कि दिनांक     30.05.2019 को  पीडिता की मॉं  ने थाना कोतवाली भोपाल में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख करायी कि वह दो बच्चियों एवं 1 बालक की मॉं है।  जब वह काम से घर के बाहर जाती है तो उसका पति आरोपी अरविंद जैन उसकी 5 वर्षीय मंझली बेटी के प्राईवेट पार्टस (पेशाब वाली जगह) पर अंगुली डालकर  लगभग 4-5 माह से  दुराचार करता था। बच्‍ची द्वारा जब मॉं को पूरी घटना बताई तो मानो मॉं के पैर के नीच से जमीन ही खिसक गई और वह जब अपने पति से पूछने गई तो पति पत्नि से लडने लगा और कमरे में जाकर पेट्रोल डालकर आत्‍महत्‍या करने का नाटक करने लगा। विवेचना के दौरान अभियोक्‍त्री के मेडिकल में उसके प्राईवेट पार्टस पर चोट पाई गई थी तथा उसका हाईमन पुराना फटा हुआ मिला था। शासन द्वारा उक्‍त प्रकरण को जघन्‍य एवं सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित किया गया था। 

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न्‍यायालय द्वारा विशेष टिप्‍पणी करते हुये विधि एवं विधायी विभाग को भेजी गई है प्रतिलिपि 

विशेष न्‍यायालय द्वारा कहा गया है कि पिता द्वारा अपनी ही पुत्री के साथ बलात्‍कार कारित करने की घटनाऐं लगातार बढती जा रही हैं इसलिये यह अपराध किन परिस्थिति व मानसिकता के कारण हो रहा है इस पर शोध करने की आवश्‍यकता है। बच्‍चो के प्रति बढते हुये लैंगिक अपराधो को हमे पीडियोफिलिक वैश्‍य व्‍यक्तित्‍व तथा व्‍यवहार के विकार के रूप में सोचना होगा। ऐसा कृत्‍य मनोवैज्ञानिक यौन विकृति की ओर इंगित करता है, जिसका विस्‍तृत अध्‍ययन किया जाना आवश्‍यक है। मासूमों को ऐसे गंभीर अपराधों से बचाया जा सके इसके लिये शासन को पहल कर संबंधित व्‍यक्ति की पृष्‍ठभूमि सजा के दौरान उसकी मनोवैज्ञानिकता एवं तत्‍संबंध में आवश्‍यक शोध की आवश्‍यकता है। अत- निणर्य के प्रति उचित कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन विधि एवं विधायी कार्यविभाग भोपाल की ओर प्रेषित की गई है। 
 
 
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