मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य ने किया केन्द्रीय जेल का निरीक्षण
★ आचार्य विद्यासागर हथकरघा केन्द्र की स्थापना के 02 वर्ष पूर्ण होने पर शिरकत की
सागर । पूर्व मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन, अध्यक्ष एवं सदस्य मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग सबरजीत सिंह, भोपाल ने रविवार को केन्द्रीय जेल सागर एवं जेल के अंदर स्थापित आचार्य विद्यासागर हथकरघा केन्द्र की स्थापना के 02 वर्ष पूर्ण होने पर सक्रिय सम्यक दर्शन सहकार संघ जबलपुर एवं सकल दिगम्बर जैन समाज सागर एवं केन्द्रीय जेल सागर आयोजित श्री 1008 सिदध चक्र विधान के पुण्य अवसर पर शिरकत की ।
इस दौरान जेल में हो रहे नवाचारों यथा देश की जेलों में प्रथम अम्बर चरखा केन्द्र में रूई की पौनी से सूत ( धागा ) बनाकर कपड़ा निर्माण किया जा रहा है । उक्त कार्य में दक्ष बंदी महिलाओं को अध्यक्ष एवं सदस्य द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया एवं हथकरघा केन्द्र में वस्त्र निर्माण में पुरुष बंदियों को भी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया ।
इस दौरान जेल में हो रहे नवाचारों यथा देश की जेलों में प्रथम अम्बर चरखा केन्द्र में रूई की पौनी से सूत ( धागा ) बनाकर कपड़ा निर्माण किया जा रहा है । उक्त कार्य में दक्ष बंदी महिलाओं को अध्यक्ष एवं सदस्य द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया एवं हथकरघा केन्द्र में वस्त्र निर्माण में पुरुष बंदियों को भी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया ।
अध्यक्ष ने जेल के निरीक्षण के दौरान अपने वक्तव्य में इस तरह के नवाचारों को संपूर्ण मध्यप्रदेश की जेलों में लागू करने के लिये अपनी अनुशंसा मध्यप्रदेश शासन को भेजे जाने हेतु आश्वस्त किया ।
उन्होंने पुलिस, जेल की वर्दी के वस्त्र निर्माण की शुरूआत की अंतिम अंजाम तक ले जाने के लिये निर्देशित किया और विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्रीय जेल सागर आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर है । बंदियों को दी जाने वाली जमानत पर रिहाई एवं दिये जाने वाले परोल जैसे अवसर को जप्त न होने दे . ऐसी सलाह बंदियों को दी । कार्यक्रम के अंत में जेल की सुरक्षा, संरक्षा एवं किये जाने वाले नवाचार की सफलता के लिये अधीक्षक , केन्द्रीय जेल सागर एवं उनकी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।
उन्होंने पुलिस, जेल की वर्दी के वस्त्र निर्माण की शुरूआत की अंतिम अंजाम तक ले जाने के लिये निर्देशित किया और विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्रीय जेल सागर आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर है । बंदियों को दी जाने वाली जमानत पर रिहाई एवं दिये जाने वाले परोल जैसे अवसर को जप्त न होने दे . ऐसी सलाह बंदियों को दी । कार्यक्रम के अंत में जेल की सुरक्षा, संरक्षा एवं किये जाने वाले नवाचार की सफलता के लिये अधीक्षक , केन्द्रीय जेल सागर एवं उनकी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।
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