महार रेजिमेंट केन्द्र से सैन्य प्रशिक्षण पाकर 94 नव सैनिकों ने ली देश पर मर मिटने की कसम
सागर। सागर स्थित महार रेजिमेंट केन्द्र के ऐतिहासिक ' अनुसुईया प्रसाद परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य एवम् आकर्षक पासिंग आउट परेड ' के दौरान महार रेजिमेंट का आदर्श वाक्य " यश- सिद्धि " गुंजायमान हो उठा । 34 सप्ताह की कड़ी मेहनत और कठिन सैन्य प्रशिक्षण के उपरांत रिकूट कोर्स कमांक - 142 के 94 युवा सैनिकों ने तिरंगे के समक्ष राष्ट्र सेवा की शपथ ग्रहण की । कर्नल प्रदीप चौबे , डिप्टी कमांडेंट , महार रेजिमेंट केन्द्र ने नव सैनिकों को संबोधित करते हुए , महार रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास और उन वीर सैनिकों की शहादत का उल्लेख किया , जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए । नव - सैनिकों को वर्तमान परिस्थितियों और चुनौतियों के विरुद्ध डटे रहकर देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया तथा केन्द्र में प्रशिक्षणार्थियों को विषम परिस्तिथियों के बावजूद , प्रशिक्षण जारी रखते हुए उच्च कोटि के सैन्य प्रशिक्षण हॉसिल करने पर संतोष व्यक्त किया । डिप्टी कमांडेंट ने आपसी सौहार्द और टीम भावना पर जोर देते हुए नव सैनिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी नव सैनिक इसका पालन करेंगे ।
सागर। सागर स्थित महार रेजिमेंट केन्द्र के ऐतिहासिक ' अनुसुईया प्रसाद परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य एवम् आकर्षक पासिंग आउट परेड ' के दौरान महार रेजिमेंट का आदर्श वाक्य " यश- सिद्धि " गुंजायमान हो उठा । 34 सप्ताह की कड़ी मेहनत और कठिन सैन्य प्रशिक्षण के उपरांत रिकूट कोर्स कमांक - 142 के 94 युवा सैनिकों ने तिरंगे के समक्ष राष्ट्र सेवा की शपथ ग्रहण की । कर्नल प्रदीप चौबे , डिप्टी कमांडेंट , महार रेजिमेंट केन्द्र ने नव सैनिकों को संबोधित करते हुए , महार रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास और उन वीर सैनिकों की शहादत का उल्लेख किया , जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए । नव - सैनिकों को वर्तमान परिस्थितियों और चुनौतियों के विरुद्ध डटे रहकर देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया तथा केन्द्र में प्रशिक्षणार्थियों को विषम परिस्तिथियों के बावजूद , प्रशिक्षण जारी रखते हुए उच्च कोटि के सैन्य प्रशिक्षण हॉसिल करने पर संतोष व्यक्त किया । डिप्टी कमांडेंट ने आपसी सौहार्द और टीम भावना पर जोर देते हुए नव सैनिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी नव सैनिक इसका पालन करेंगे ।
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इस अवसर पर भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व . अटल बिहारी बाजपेई , भारत रत्न दवारा लिखि गई कविता के अनमोल पंक्तियों को याद किया :-
कदम मिला कर चलना होगा
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं ,
पाँवों के नीचे अंगारे , सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं ,
निज हाथों से हँसते - हँसते
आग लगाकर जलना होगा ।
कदम मिला कर चलना होगा
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कदम मिला कर चलना होगा
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं ,
पाँवों के नीचे अंगारे , सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं ,
निज हाथों से हँसते - हँसते
आग लगाकर जलना होगा ।
कदम मिला कर चलना होगा
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