जलाभिषेकम् स्थानीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम- केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ★जल संरचनाओं से 2.50 लाख हे. भूमि पर होगी सिंचाई: मुख्यमन्त्री ★ सागर जिले के ढाई हजार से अधिक जल संरचनाओं का लोकार्पण

जलाभिषेकम् स्थानीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम- केन्द्रीय मंत्री  राजनाथ सिंह
★जल संरचनाओं से 2.50 लाख हे. भूमि पर होगी सिंचाई: मुख्यमन्त्री
★ सागर जिले के ढाई हजार से अधिक जल संरचनाओं का लोकार्पण

सागर।  केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जलाभिषेकम् स्थानीय ही नहीं राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है। जल ही जीवन है और जगत के अस्तित्व का आधार भी है। किसानों की आय दोगुना करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जन-भागीदारी से किए जा रहे जल-संरक्षण कार्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने तथा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक होंगे। उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य-तिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ष्हर खेत को पानी और हर हाथ को कामष् की मंशा को पूर्ण करते श्जलाभिषेकम्श् के कार्य गाँव, गरीब और किसान की बेहतरी में सहायक सिद्ध होंगे। मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है और कोविड काल में इसका महत्व और बढ़ा है।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह श्जलाभिषेकम्श् अभियान के अंतर्गत प्रदेश में निर्मित 57 हजार से अधिक जल-संरचनाओं के वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम को नई दिल्ली से संबोधित कर रहे थे। मिंटो हॉल में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण तथा ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर दिल्ली से वर्चुअली शामिल हुए।

जलवायु परिवर्तन के कारण बूंद-बूंद पानी रोकना जरूरी

केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण तथा ग्रामीण विकास व पंचायत राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश नेतृत्व, प्रबंधन और कई योजनाओं में देश में प्रथम है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की गाँव, गरीब और विकास के प्रति संवेदनशीलता के परिणाम स्वरूप ही यह उपलब्धि संभव हो पाई हैं। प्रदेश में आवास उपलब्ध कराने, सड़क निर्माण के साथ-साथ कोरोना नियंत्रण में भी अच्छा कार्य हुआ। सभी जरूरतमंद श्रमिकों को रोजगार देकर राहत दी गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में उपयोगी संरचनाओं का निर्माण संभव हो पाया। जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम चक्र को देखते हुए बूंद-बूंद पानी को रोकना जरूरी है। जलाभिषेकम् अभियान में बनी जल-संरचनाएँ इस कार्य में सहायक होंगी।  

मनरेगा योजना ताकत बनकर उभरी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज श्जलाभिषेकम्श् के अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 57 हजार जल-संरचनाओं का वर्चुअल लोकार्पण हुआ है। इन जल-संरचनाओं से प्रदेश की 2.50 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी और वह भी बिना एक इंच जमीन डुबाए। इन छोटी-छोटी जल-संरचनाओं ने ऐसा काम कर दिया, जो बड़े डेम नहीं कर पाए। कोरोना के कठिन काल में मनरेगा योजना ताकत बनकर उभरी है। हमारे गाँवों में लौटे प्रवासी श्रमिकों को इस माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया गया, निर्माण कार्य हुए और बड़े क्षेत्र में जल सुविधा का विस्तार हुआ। इन सब गतिविधियों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खजाना खोलकर राज्य को भरपूर सहयोग दिया है।

कोरोना काल में बड़ी संख्या में जल-संरचनाएँ बनीं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में 57 हजार 653 जल-संरचनाओं का निर्माण हुआ। इनमें से 53 हजार 517 मनरेगा में और 4,136 वॉटरशेड क्षेत्रों में बनी। इन पर 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि व्यय की गई। इन जल-संरचनाओं में 17 हजार 604 व्यक्तिगत खेत-तालाब हैं, 2,365 सामुदायिक खेत-तालाब,  5,119 तालाब, 1,972 परकोलेशन टेंक, 5,773 स्टॉप डेम-चैक डेम, 19 हजार 8 कपिलधारा कूप और 5,288 सामुदायिक कूप हैं। अभियान में 864 बावड़ियों का जीर्णोद्धार भी किया गया है। इन जल-संरचनाओं से लगभग ढाई लाख हेक्टेयर भूमि में कृषि सिंचाई सुविधा विकसित हुई है और भूमिगत जल-स्तर भी बढ़ा है।

ऐतिहासिक तालाबों का होगा जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति ही जल संस्कृति है। उन्होंने रहीम और तुलसीदास जी का संदर्भ देते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड में महाराज छत्रसाल द्वारा व्यापक स्तर पर तालाबों का निर्माण कराया गया। बुंदेलखण्ड में निर्मित चंदेलकालीन ऐतिहासिक तालाबों को चिन्हित कर उनके जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ किया जा रहा है। प्रदेश में नदियों के पुनर्जीवन का कार्य भी चल रहा है।


साग़र: 100 प्रवासी श्रमिकों को मिला रोजगार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सागर जिले की ग्राम पंचायत छुल्ला में आयोजित कार्यक्रम में रहली जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री संजय दुबे से बात की और पूछा कि कोरोना काल कैसा निकला। इस पर श्री संजय दुबे ने बताया कि लगभग 100 प्रवासी श्रमिक पंचायत क्षेत्र में आए थे। इन सभी को रोजगार उपलब्ध कराया गया। जल-संरचनाओं के निर्माण से सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हुआ है।  
आंरभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कन्या-पूजन किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने लोकार्पित जल-संरचनाओं की जानकारी दी। लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव तथा नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतें जुड़ी और कार्यक्रम का विभिन्न संचार माध्यमों से सीधा प्रसारण किया गया।

सागर जिले के रहली जनपद पंचायत के ग्राम छुल्ला में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ श्री इच्छित गढ़पाले, रहली जनपद पंचायत के अध्यक्ष श्री संजय दुबे, छुल्ला सरपंच श्रीमती प्रीति पटेल और ग्रामीणजन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को देखा व सुना गया। जिले की ढाई हजार से अधिक जल संरचनाओं का लोकार्पण किया। इनमें विभिन्न प्रकार की जल संरचनाएं तालाब, खेत तालाब, हितग्राहीमूलक कूप, कंटूर ट्रेंच, चेक डेम, स्टाप डेम, प्राचीन बाबड़ियों की मरम्मत आदि कार्य शामिल है। 
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