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किसानों के हित में अधिकारी पुनर्वास का अच्छे से अच्छा कार्य करे : मंत्री भूपेंद्र सिंह

किसानों के हित में अधिकारी पुनर्वास का अच्छे से अच्छा कार्य करे : मंत्री भूपेंद्र सिंह


★ हनौता सिंचाई परियोजना अंतर्गत पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक संपन्न
 
सागर । जल संसाधन विभाग की हनौता सिंचाई परियोजना अंतर्गत पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक कलेक्टर सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री  भूपेंद्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देष दिए कि किसानों के हित में पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन का अच्छे से अच्छा काम हो। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में उदारतापूर्वक कार्य करें। बैठक में कलेक्टर श्री दीपक सिंह, अपर कलेक्टर श्री अखिलेष जैन, खुरई एसडीएम श्री मनोज चौरसिया, राहतगढ़ एसडीएम श्री रमेष पाण्डे, परियोजना प्रबंधक श्री सौरभ त्रिवेदी और खुरई तहसील के परियोजना प्रभावित गांवों के किसान मौजूद थे।
बैठक में प्रभावित किसानों ने सिंचाई परियोजना से भू-अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में अपनी विभिन्न समस्याएं रखीं। जिन्हें गंभीरता से सुना गया। बैठक में मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों के हित में मानवीय दृष्टिकोण के साथ अच्छे से अच्छा कार्य किया जाए, ताकि किसानों को दिक्कत न हो।
बैठक में कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने कहा कि किसानों के साथ संवेदनषीलता के साथ कार्य होगा। जिला स्तर के कार्य जिला स्तर पर और नीतिगत मामलों में राज्य शासन के स्तर पर भेजकर कार्य किया जाएगा। जो जमीन का रकबा सिंचाई भूमि रूप में दर्ज है। उसमें सिंचाई भूमि के हिसाब से मुआवजा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि हनौता सिंचाई परियाजना बीना नदी पर ग्राम हनौता तहसील खुरई जिला सागर और विदिषा जिले के ग्राम गौड़खेरी के मध्य प्रस्तावित है। इससे 40 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होगी। इसमें 29 हजार 500 हेक्टेयर सागर जिले तथा 11 हजार 500 हेक्टेयर विदिषा जिले से संबंधित है। इस पर 1392 करोड़ 42 लाख रूपये की स्वीकृति सिंचाई विभाग द्वारा दी गई है।

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बैठक में बताया गया कि भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्षिता का अधिकार के तहत सहायताएं और सुविधाएं दी जाएंगी। ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावित किसी मकान से वंचित किए जाने की दषा में पीएम आवास योजना में विनिर्देषों के अनुसार एक निर्मित मकान उपलब्ध कराया जाएगा। जिसका कुर्सी क्षेत्र 50 वर्गमीटर से कम नहीं होगा।  यदि कोई प्रभावित परिवार मकान न लेने का विकल्प करता है, तो मकान के बदले मकान का खर्च प्रस्तावित किया जाएगा। प्रत्येक प्रभावित कुटुम्ब अर्जित भूमि से विस्थापित किया गया है, को अधिनिर्णय की तारीख से एक वर्ष की अवधि तक प्रतिमास तीन हजार रूपये के समतुल्य मासवार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। प्रभावित परिवार को भवन सामग्री, घरेलु सामग्री और पषुओं के स्थानांतरण के लिए परिवहन खर्च के रूप में एक बार 50 हजार रूपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। पुनर्व्यावस्थापित परिवारों के लिए ग्रामों के भीतर सड़क और पक्की सड़क, मार्ग से जुड़ी पर्याप्त सुविधाएं की जाएगी। आंगनबाड़ी, पंचायत भवन, सामुदायिक केन्द्र, उचित मूल्य दुकानें आदि व्यवस्थाएं हांगी।                    
 

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