अपराधों पर अंकुश लगाने की अपील करता दिखा नाटक 'कुत्ते'

अपराधों पर अंकुश लगाने की अपील करता दिखा नाटक 'कुत्ते'
#रवीन्द्र भवन में आयोजित हुए अन्वेषण थियेटर ग्रुप केशो
सागर । सागर नगर के नाट्य कला प्रेमी दर्शकों को महान नाट्य लेखक विजय तेंदुलकर के नाटक कुत्ते का प्रदर्शन देखने को मिला । स्थानीय रविंद्र भवन में जगदीश शर्मा के निर्देशन में उक्त नाटक प्रस्तुत किया गया । नाटक की कथा को देखें तो किसी कंपनी का एक सेल्समैन एक पिछड़े गांव में नियुक्त होता है। वहां वह अपने सहायक कर्मी घोड़के के माध्यम से एक असामान्य मनोवृत्ति की स्त्री के संपर्क में आता है । पहले वह उससे बहुत प्रभावित होता है और उसके साथ उसकी आध्यात्मिक वृत्ति से जुड़कर बीमार सा हो जाता है । दरअसल वह महिला विधवा है और उसका मानना है कि उसके पति ने पुनर्जन्म लिया है तथा वर्तमान में एक काले कुत्ते के रूप में धरती पर है । अपनी इसी सोच के चलते वह काफी संख्या में काले कुत्ते पालती और उनकी देखरेख करती है।  मंच पर कुत्तों की उपस्थिति ध्वनि के माध्यम से दिखाई गई है। आगे बढ़ते हुए कथाक्रम में जीवन की अनेक विडंबनाओं को दिखाया गया है। अंत में सेल्समैन की मानसिकता में विकृति आती है, घोड़के उसे हवा देता है और सेल्समैन महिला के साथ बलात्कार हेतु चला जाता है । लेकिन वह गलती से महिला की विक्षिप्त बेटी के कमरे में पहुंचता है और उसी को अपनी हवस का शिकार बना डालता है ।
क्या दिशा देता है नाटक -
एकदम सामान्य तरीके से समझें तो नाटक यही संदेश देता है कि जब भी हमारी इंसानियत पर विकृत मानसिकता हावी होती है, तो उसका नतीजा हमेशा बुरा होता है, और लोग बलात्कार जैसे पाप कर डालते हैं। कैसे? शायद इसी का मनोविज्ञान इस नाटक में दिखाया गया है। वर्तमान समय में हो रही नित नई रेप की घटनाओं को देखते हुए निश्चित ही यह नाटक हमें बहुत कुछ संदेश देता है, जिसे आत्मसात कर हम अपने समाज को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में बढ़ सकते हैं।
 क्या कहते हैं निर्देशक जगदीश शर्मा -
आपराधिक प्रवृत्ति हमारे समाज में दिनों दिन बढ़ती जा रही है तो इस नाटक के माध्यम से समाज में अपराध रोकने खासतौर से बलात्कार की घटनाओं के विरोध में संदेश प्रस्तुत किया जा सकता है ।अन्वेषण की युवा इकाई द्वारा इस नाटक के प्रस्ताव पर इसीलिए मैंने सहमति दी । उक्त चर्चा करते हुए नाटक के निर्देशक जगदीश शर्मा कहते हैं कि यदि दो लोगों तक भी इस नाटक का सार्थक संदेश पहुंचता है तो अन्वेषण की यह प्रस्तुति सफल होगी।
 नाटक के कलाकारों के कथन
दीपगंगा साहू - नाटक में मुख्य भूमिका निभा रही दीपगंगा का कहना है कि इस नाटक का अनुभव अलग ही रहा है क्योंकि इसकी कथावस्तु रेप जैसे अपराधों पर रोक लगाने का संदेश देती है डीप गंगा का कहना है कि मेरा खुद का अनुभव है कि लोग महिलाओं लड़कियों को गंदी नजर से देखते हैं यह सब बंद होना चाहिए।
करिश्मा गुप्ता - इस नाटक के दो में दो में से एक शो में करिश्मा गुप्ता औरत का किरदार निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि मैं यह नाटक पहले भी कर चुकी हूं लेकिन अब और विस्तृत तरीके से स्क्रिप्ट को समझते हुए करने का अवसर मिला है तो बहुत कुछ नया सीखने भी मिल रहा है बहुत अच्छा अनुभव है उनका कहना है कि समाज में हो रहे अपराधों में दोनों हाथ से तालियां बजने वाली बात लागू होती है यह बात भी नाटक में शामिल है इसलिए सभी पक्षों को इस नाटक से सीख लेना चाहिए। संतोष सिंह दांगी- नाटक कुत्ते में संतोष मुख्य भूमिका (सेल्समैन) में है संतोष का कहना है कि एक बार उन्होंने यह कहानी पढ़ी और इसे करने की इच्छा हुई, पहले इसे किया भी लेकिन अब इसे और बारीकियों और उत्कृष्टता के साथ करने का प्रयास है। समाज में लड़कियों के साथ हो रही घटनाओं को देखकर दुख होता है। एक अभिनेता और कला के स्तर पर इस नाटक को करने में आनंद आ रहा है लेकिन समाज की इन घटनाओं से मन का दुख स्थाई है। महिलाओं के साथ होने वाली घटनाएं रुकना ही चाहिए।
अतुल श्रीवास्तव- नाटक में ताड़पत्री वाले साहब की भूमिका में अतुल श्रीवास्तव हैं। उनका कहना है इसे करने में बहुत मजा आया । मेरा दृश्य हास्य भी पैदा करता है और लोगों का मनोरंजन होता है । हालांकि नाटक एकदम समसामयिक है । विकृत मानसिकता और बलात्कार जैसे मामलों पर इसकी कथावस्तु मारक है और लोग इस से सीख ले सकते हैं।
 प्रवीण कैम्या - नाटक में सेल्समैन के सहायक घोड़के की भूमिका में प्रवीण हैं । दो साल तक सीखने के बाद पहली बार मंच पर आ रहे हैं उनका कहना है कि मेरे लिए यह एक अवसर था और लोगों ने मेरे काम को पसन्द भी किया है।
मनोज सोनी - नाटक के एक शो में घोड़के का किरदार निभा रहे मनोज सोनी का कहना है कि मंचीय भाषा और साहित्य के नजरिए से विजय तेंदुलकर की स्क्रिप्ट उत्कृष्ट होने के साथ ही कठिन भी होती हैं  । इनमें काम करने की अपनी अलग गरिमा तो होती ही है उसके साथ एक चुनौती भी होती है मैं इस नाटक का हिस्सा बना यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है ।
बेक स्टेज के कलाकारों की भूमिका
नाटक में बैकस्टेज कार्यों से जुड़े कलाकारों में सतीश साहू राजीव जाट ऋषभ सैनी आकाश विश्वकर्मा छोटू कपिल नाहर राहुल सेन क्षमता जुड़े ले असरार अहमद आदि ने मंच सज्जा कॉस्टयूम लाइट साउंड प्रॉपर्टी जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों के निर्वहन निभाए दायित्व को निभाया। जबकि मंच की कलाकार प्रतिदिन लगभग 8:00 10 घंटे अपनी-अपनी भूमिकाओं के अभ्यास हेतु निर्देशक श्री शर्मा के साथ रिहर्सल में मशगूल रहे। इससे पूर्व आयोजन के आरंभ में साहित्यकार डॉ शरद से डॉक्टर वर्षा ...सहित नाट्य निर्देशक जगदीश शर्मा व सभी कलाकारों ने मां सरस्वती का पूजन किया ।तत्पश्चात नाटक की प्रस्तुति आरंभ हुई। 
नाट्य प्रस्तुति के दौरान सभागार में देश देश देश देश सहित नगर के रंग कला प्रेमी दर्शक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे । 

Idea

चाईम्स एविएशन अकादमी की गतिविधियों पर लगी रोक,ढाना हवाई पट्टी के उयोग पर,विमानन संचालनलय भोपाल ने दिए आदेश

# ट्रेनी पायलट और ट्रेनी की मौत को लेकर सने आई लापरवाहियां,उड़ान में मानकों का हुआ उल्लंघन

सागर । विमानन संचालनालय मध्यप्रदेश  राजाभोज अंतर्राष्ट्रीय विमानतल भोपाल ने ढाना स्थित शासकीय हवाई पट्टी के उपयोग चाईम्स एविएशन अकादमी की गतिविधियों स्थिगित कर दिया है।  ट्रेनी पायलट और ट्रेनी की मौत को लेकर यह सने आया कि उड़ान सम्बन्धी गतिविधयों में मानकों  का उल्लंघन हुआ है और ट्रेनी और ट्रेनर की मौत होना एक गंभीर लापरवाही है । तीन जनवरी को हुए इस हादसे की जांच  मंत्रालय द्वारा की जा रही है


इसमे घटना के विसुल 

और रोक सम्बन्धी पत्र की प्रति है

चाईम्स एविएशन अकादमी की गतिविधियों पर लगी रोक,ढाना हवाई पट्टी के उयोग पर,विमानन संचालनलय भोपाल ने दिए आदेश

चाईम्स एविएशन अकादमी की गतिविधियों पर लगी रोक,ढाना हवाई पट्टी के उयोग पर,विमानन संचालनलय भोपाल ने दिए आदेश

# ट्रेनी पायलट और ट्रेनी की मौत को लेकर सने आई लापरवाहियां,उड़ान में मानकों का हुआ उल्लंघन

सागर । विमानन संचालनालय मध्यप्रदेश  राजाभोज अंतर्राष्ट्रीय विमानतल भोपाल ने ढाना स्थित शासकीय हवाई पट्टी के उपयोग चाईम्स एविएशन अकादमी की गतिविधियों स्थिगित कर दिया है।  ट्रेनी पायलट और ट्रेनी की मौत को लेकर यह सने आया कि उड़ान सम्बन्धी गतिविधयों में मानकों  का उल्लंघन हुआ है और ट्रेनी और ट्रेनर की मौत होना एक गंभीर लापरवाही है । तीन जनवरी को हुए इस हादसे की जांच विमानन मंत्रालय द्वारा की गई थी। इसमे स्पस्टीकरण मांगा गया था।  विमानन संचालनालय मध्यप्रदेश  के अनिरूद्व-मुकर्जी , आयुक्त विमानन नेे चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर, मेसर्स चाईम्स् एविएशन प्रा. लि., ढाना हवाई पट्टी, सागर मध्यप्रदेश को  यह जानकारी दी। इसके अनुसार  सागर स्थित हवाई पट्टी पर दिनांक 03/01/2020 को आपकी संस्था का सेसना विमान VT-CAF की दुर्घटना के संबंध में आपकी संस्था से इस कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण चाहा गया था, जिसके प्रतिउत्तर में आपके द्वारा दिनांक 05.02.2020 में उल्लेख किया गया है कि दुर्घटना की जांच भारत शासन की संस्था AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) एवं Air Safety (DGCA) के जाँच दल द्वारा की जा रही है, DGCA द्वारा फ्लाईंग ट्रेनिंग इत्यादि पर रोक न लगाते हये फ्लाईंग गतिविधियों को जारी रखा गया है |

आपकी संस्था द्वारा भारत सरकार, नागर विमानन के पत्र क्रमांक AV 22011/6/2007-FGIP) दिनांक 2/3/2012 में दी गई अनुमति के बिन्दु क्रमांक-7 के विपरीत रात्रि में ट्रेनिंग फ्लाईंग हेतनिर्धारित मानकों का उल्लंघन किया गया है जिसके अनुसार "नाईट फ्लाईट कंडीशन में विमान 2500 की AGL (Above Ground Level) उंचाई पर उडान एवं एरोड्म से 2 nm (Nautical miles) से अधिक दूरी की उडान की अनुमति नहीं होती है ।

यह मानक संभवतः रात्रि के समय दुर्घटना को दृष्टिगत रखते हये इसलिये भी रखे गये है कि ट्रेनी  विमान को रात्रि के समय विमान को अधिक उंचाई और बहुत अधिक दूरी परन जाने लिये जावें ।"

उपरोक्त दुर्घटना के संबंध में कार्यालय कलेक्टर, सागर से प्राप्त जाँच रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया
गया है कि चाईम्स एविएशन के पायलेट पी.ओ.सी. केप्टन अशोक मकवाना एवं देनी पियूष चंदेल द्वारा दिनांक03.02.2020 को समय 18:50 बजे विमान से कास कंटी उडान (ढाना से महोबा) उडान की उचाई 4000 की
AGL (Above Ground Level) से अधिक एवं इस मार्ग की दूरी 106 nm (Nautical miles) थी, जो कि डीजीसीए द्वारा दी गई अनुमति का स्पष्ट उल्लधंन है । जिसकी पुष्टि संचालनालय स्तर पर गठित पायलेटों
की समिति द्वारा भी की गई है। इसी क्रम में संस्था के साथ हुये अनुबंध के बिन्दु क्रमांक 04, 16 एवं 20 में उल्लेख अनुसार हवाई पट्टी पर पार्किंग, संधारण, पायलेट प्रशिक्षण, वायुयान अनुरक्षण से संबंधित समस्त गतिविधिया, आवश्यक संचार के लिये वी.एच.एफ. उपकरण के कय तथा संधारण, विमान की सुरक्षा, पर्यावरण, आग्नचिकित्सा आदि समस्त की जिम्मेदारी भी आपकी संस्था मैसर्स चाईम्स एविएशन की है ।रात्रि में प्रशिक्षण उडान हेतु डीजीसीए के पैरा 2 में वर्णित मानको के विरूद्ध फ्लाईग के कारण उक्त घटना घटित हई जिससे एक पायलेट एवं एक ट्रेनी की मृत्यु हुई यह एक बहुत की गभीर मामला है, जो कि आपकी संस्था द्वारा बरती गई लापरवाही को दर्शाता है

अतः उपरोक्त अनुबंध की शर्तों, आपकी संस्था को जारी कारण बताओं सूचना-पत्र के प्रतिउत्तर, कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट एवं संचालनालय स्तर पर गठित समिति की रिपोर्ट अनुसार आपकी संस्था के साथ किये गये अनुबंध दिनांक 25/08/2007 के अनुक्रम में राज्य शासन आपकी संस्था द्वारा सागर स्थित हवाई पट्टी पर संचालित समस्त विमानन गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक स्थागित करने का आदेश देता है ।

कपिल धारा का कुआँ बना कागजो में ,अदालत ने दिए कार्यवाही के निःर्देश

कपिल धारा का कुआँ बना कागजो में ,अदालत ने दिए कार्यवाही के निःर्देश
सागर । सागर जिले के रहली के ग्राम पंचायत बरोदा  में हुई बढी धाधली भ्रष्टाचार किसान का कपिल धारा योजना का कुंआ गायब हो गया। किसान ने  उच्च न्यायालय की शरण ली ।  उच्च न्यायालय ने दिये दो माह में प्रकरण के संबंध में निराकरण के निर्देश जिला कलेक्टर न्यायालय ने किये है। 
मीडिया को एडवोकेट दीपक पौराणिक और पीड़ित राजबहादुर सिंह ने आज मीडिया को पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 
न्यायालय कलेक्टर जिला सागर म0प्र0 के प्रकरण क्र. 0298/बी 121/2017-18 ग्राम बरोदा के राजबहदुर सिहं विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन के मामले में दिये आदेश के अनुपालन में आवेदन स्वीकार कर मुख्य कार्यपालन अधीकारी जिला पंचायत सागर की ग्राम पंचायत बरोद रहली के पंचायत के कौन से सदस्य/सरपंच/सचिव/ग्राम रोजगार सहायक/ उत्तरदायी है, तथा जनपद पंचायत स्तर पर कौन अधिकारी उत्तरदायी है उनके विरूद्ध वैधानीक कार्यवाही हो ।
प्रकरण इस प्रकार 

 राजबहादुर सिंह पिता श्री जगतसिंह ग्राम बरोदा रहली ने माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका क्र. 1020/2018 लगाई गई माननीय उच्च न्यायालय में 20.04.2018 को आदेश/निर्देष दिया की जिलाधीश सागर  दो माह के समय में कार्यवाही करे तथा आवेदक के द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से जिला कलेक्टर महोदय की न्यायालय में मय दस्तावेजो के लगाया गया ।उक्त प्रकरण में आवेदक राजबहादूर सिंह ने अपनी खेती सिंचित करने के लिए खसरा क्र. 61 पर कपिल धारा योजना के अंतर्गत आवेदन किया लेकिन कार्यलायों से ज्ञात हुआ की उस स्थान पर उपरोक्त योजना का कूप बना दिया गया है एवं राशि का भी भुगतान हो चुका है।  तब किसान राजबहादूर सिंह ने सूचना के अधिकार के माध्यम से जब दस्तावेज प्राप्त किये तो पाया की उसके फर्जी एवं झूठे दस्तावेज बनाकर झूठे हस्ताक्षर कर एवं झूठा मस्टर बनाकर यहां तक की मृत व्यक्तियों के खातें में मजदूरी का पैसा भेज कर उस कुऐं की राशि तक भूगतान हो चुका है। तब आवेदक ने जिला पंचायत, कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई तब आवेदन ने अधिवक्ता के माध्यम से  उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की, जिसमें मान. उच्च न्याय. ने आदेशानंुसार जिला कलेक्टर सागर की कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत किया प्रकरण के आदेश में जिला कलेक्टर महोदया ने यह लिखा है कि खसरा क्र. 61 पर जिसका रकवा 2.50 है उस पर कोई कुआ नहीं है, तथा ग्राम पंचायत की संपूर्ण कार्यवाही संधिग्ध पाई जाती है और जिला पचायंत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निदेशित किया कि इस में कौन कौन उत्तरदायी है और संबंधितो पर वैधानिक कार्यावाही करे।
 उक्त प्रकरण में आवेदक राजबहादुर सिंह की ओर से अधिवक्ता दीपक पौराणिक ने पैरवी की।

अंतिम संस्कार को मिले लकड़ियां,राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ने सख्त निःर्देश

अंतिम संस्कार को मिले लकड़ियां,राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ने सख्त निःर्देश

सागर। अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी नही मिलने की खबरों  ने राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत को हैरानी और चिंता में डाल दिया। दरअसल मामला उनके विधानसभा क्षेत्र सुरखी के  जैसीनगर क्षेत्र का था। मन्त्री श्री राजपूत को मीडिया के जरिये इसकी खबर लगी। उन्होंने मानवता दिखाई।  मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपने दूरभाष से डीएफओ से चर्चा कर दाह संस्कार के लिए लकड़ियों की व्यवस्था के लिए सख्त निर्देश देते हुए कहा कि 3 दिवस के अंदर संपूर्ण व्यवस्था होनी चाहिए और श्मशान घाट पर किसी भी प्रकार की कमी एवं अनियमितताओं को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा ।साथ ही साथ मंत्री जी ने पंचायत द्वारा इन व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए एक व्यक्ति की नियुक्ति के लिए कहा जो यह सुनिश्चित करेगा कि सभी हितग्राहियों को लकड़ियां समय पर उपलब्ध हो रही है या नहीं।
यही नही उन्होंने साफ कहा कि अपने क्षेत्र में ही नही  कही भी  इस तरह की कमी नही दिखनी चाहिए कि अंतिम संस्कार को हमेशा मानवीयता के आधार  पर  देखना चाहिए।

शाहीनवाग हटाने को लेकर, शिवसेना के बैठक

शाहीनवाग हटाने को लेकर, शिवसेना के बैठक 
 
सागर।  देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरह सी.ए.ए. एवं एन.आर.सी. को लेकर  सागर में भी  कुछ लोग शाहीनवाग बनाए है।  उसको देखते हुए सागर शिवसेना संगठन ने प्रशासन को कुछ समय पहले सागर का शाहीनबाग हटाने के लिए एक ज्ञापन सौपा था। लेकिन संगठन द्वारा दिए गए समय सीमा पर शाहीनवाग नहीं हटाया गया। जिसको लेकर आज दादा दरबार मंदिर परिसर में शिवसैनिकों की बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते हुए शिवसेना उपराज्य प्रमुख पप्पू तिवारी ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली जिस तरह दंगों की आग में जल रही है हम नहीं चाहते कि सागर भी ऐसी किसी परिस्थतियों से गुजरे। यही वजह है कि हमने शाहीनवाग हटाने के लिए प्रशासन को चेताया था। लेकिन प्रशासन ने शाहीनवाग को नहीं हटाया। बैठक के उपरांत सभी शिवसैनिक कंट्रोल रूम पहुंचे जहां पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के साथ शिवसैनिकों का सभागार में संवाद हुआ। बैठक में जिला कलेक्टर प्रीति मैथिल की मौजूदगी में शिवसैनिकों ने शिवाजीवाग एवं हनुमान चालीसा के लिए अनुमति पत्र सौपा।इस मौके पर  शिवसेना जिला  प्रमुख दीपक सिंह लोधी  विकास यादव, अमन ठाकुर, रवि गुप्ता, हेमराज आलू, मनीष मिश्रा, अभय लोधी, हरवंश गिरी गोस्वामी, अनिकेत तिवारी, नवीन सोनी, विकास श्रीवास, रवि गुप्ता, आयुष जैन, अमित राजपूत, अभिनाष चैधरी, मिन्टू ठाकुर, शिवेस गुप्ता, शुभम रैकवार, प्रवीण आठया, अजय बुंदेला, मयंक रजक, यश रजक, रीतेश ठाकुर, उपदेश आठया, अभिषेक नायक, सूरज सोनी, शिव्याश ठाकुर, पंकज दुबे, अजय चैबे, नवीन पटैल, अजय चैबे, ब्रजेन्द्र पहलवान, मोहित यादव सहित बडी संख्या में शिवसैनिक उपस्थित थे।

एमपी ऑनलाईन कियोस्क के माध्यम से भू-अभिलेख की प्रतिलिपियां 2 मार्च से की जाएगी प्रदाय

एमपी ऑनलाईन कियोस्क के माध्यम से भू-अभिलेख की प्रतिलिपियां 2 मार्च से की जाएगी प्रदाय
सागर । आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा भू-अभिलेख प्रति निर्धारित दरों पर भू-स्वामी को प्रदाय करने हेतु एमपी ऑनलाईन को प्राधिकृत सेवा प्रदाता नियुक्त कर, किया गया है जिसके तहत वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से आम नागरिकों को शासन द्वारा निर्धारित दरों पर एमपीऑनलाईन कियोस्क द्वारा भू-अभिलेख की प्रतिलिपियां प्रदाय करने हेतु अधिकृत किया गया है।
इस योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यह कार्यवाही 2 मार्च को मध्यप्रदेष के समस्त जिलों में एमपी ऑनलाईन के समस्त कियोस्क पर समारोह पूर्वक प्रारंभ की जावे।
इस कार्यक्रम को जिला स्तरीय कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जाए, जिसमें कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर द्वारा आवष्यकतानुसार शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी एमपी ऑनलाईन कियोस्क में आयोजन दिनांक को लगाई जाए। इस हेतु एमपी ऑनलाईन के जिला कॉर्डिनेटर समस्त जिले के एमपी ऑनलाईन कियोस्क की सूची कलेक्टर को प्रदाय करेंगे।
कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, मीडिया एवं गणमान्य नागरिकों तथा आमजन को आमंत्रित किया जाए तथा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही भू-अभिले,ा की प्रतिलिपियां का विवरण किया जाए। शासन द्वारा भू-अभिलेख की निर्धारित दरों में एकसाला, पांच साला खसरा या खाता जमाबंदी, अधिकार अभिलेख, खेवट के लिए, वाजिब-उल-अर्ज, निस्तार पत्रक के लिए, ए-4 आकार में नक्षे की प्रति के लिए प्रथम पृष्ठ के लिए 30 रूपये फीस एवं प्रत्येक अतिरिक्त पेज के लिए फीस 15 रूपये है। शासन द्वारा निर्धारित इन दरों का व्यापक प्रचार-प्रसार  किया जाए तथा नकल वितरण केन्द्रों में इन दरों का फ्लेक्स भी लगाया जाए। जिससे भू-धारकों के हित में शासन द्वारा लिए गए निण्रय का व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके।  
साथ ही  वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से कृषकों/भू-धारकों के हितों में चल रही योजनाओं की जानकारी भी इस कार्यक्रम आम जन को प्रदाय की जाए। खसरे में बंधक दर्ज करने हेतु वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर में लॉगिन समस्त बैंको को दिए गए है। इस हेतु भूमि-स्वामी को तहसील कार्यालय में आकर बंधक दर्ज करने हेतु आवेदन देने की आवष्यकता नहीं है। नामांतरण, बंटवारा, बंधक के आदेष को खसरे में अमल कर भूमि-स्वामी को अविलंब प्रदाय कि जा सकता है। वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से व्यपवर्तन की सूचना एवं राजस्व भुगतान। भूमि धारकों द्वारा डिजीटली पोर्टल से सीधे ली जा सकती है। यह लिंक एमपी ऑनलाईन पोर्टल पर अनिवार्य रूप से प्रदर्षित की जाना है।

रतौना आंदोलन के सौ वर्ष पर सागर में व्याख्यान एक मार्च को

रतौना आंदोलन के सौ वर्ष पर सागर में  व्याख्यान  एक मार्च को 
सागर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा रतौना आंदोलन के सौ वर्ष पूर्ण होने पर दिनांक 01 मार्च 2020 को रवीन्द्र भवन सागर में व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता दैनिक भास्कर के सेंट्रल सेटेलाइट एडिटर शिव कुमार विवेक होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ  अधिवक्ता चतुर्भुज सिंह राजपूत एवं वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सुरेश आचार्य के साथ समाजसेवी अब्दुल रफीक गनी उपस्थित रहेंगे। समारोह की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति दीपक तिवारी करेंगे। 
इस मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर केंद्रित गांधी दर्शन एवं पोस्टर प्रदर्शिनी भी लगाई जाएगी।इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरीटेज, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन, श्यामलम कला संस्था तथा रंग के साथी संस्था इस आयोजन के सहयोगी संस्थान होंगे। कार्यक्रम स्थल  रवीन्द्र भवन सागर में इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा रतौना आंदोलन और गांधी जी पर केंद्रित पोस्टर निर्माण भी किए जाएंगे। प्रबुद्धजनों से समारोह में भागीदार होने का आग्रह है। 

पति ही निकला पत्नी का हत्यारा, मासूम बेटे ने बोला मम्मी को पापा ने मारा

पति  ही निकला पत्नी का हत्यारा, मासूम बेटे ने बोला मम्मी को पापा ने मारा

सागर।सागर जिले के देवरी में कई हत्या का पुलिस ने खुलासा कर लिया है । इसमे पति ने ही पत्नी की हत्या  की थी। घरेलू विवादों के चलते यह घटना घटी। पुलिस अधिक्षकमित सांघी ने मीडिया के सामने वारदात का खुलासा किया। पति प्रकाश अहिरवार द्वारा अपनी पत्नी तुलसा उर्फ सवीता अहिरवार उम्र 30 साल को लोहे की राड से हत्या की थी। 

पलिस अधीक्षक अमित सांघी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय  विक्रम सिंह के मार्गदर्शन मे दिशा निर्देश देते हये पुलिस टीम का गठन किया जिसम अनुविभागीय अधिकारी  अजीत पटेल, निरीक्षक रामेश्वर ठाकुर थाना प्रभारी देवरी, उनि लखन राज, उनि टेकाम, उनिवीणा विश्वकर्मा, आरक्षक  हेमन्त रजक, आरक्षक रावत, आरक्षक राजीव तोमर, आरक्षकनरसिंह ठाकर, आरक्षक प्रेमजीत, आरक्षक निशीत मिश्रा,आरक्षक मुकेश, महिला आरक्षक बीना घोडायल को लगाया गया। जिनके अथक प्रयास से घटना का खुलासा चन्द घटों में किया गया।

ये है घटना 

राहल पिता महेश बंसल निवासी संजय नगर देवरी ने थाना पर आकर सूचना दिया किइसके पडोस मे रोने की आवाज सुनने पर यह प्रकाश अहिरवार के घर गया तो वहा पर देखा कि एक कमरे में प्रकाश अहिरवारकी पत्नि तुसला बाई उर्फ सवीता अहिरवार विस्तर में पड़ी थी उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी सिर फटा हुआ था जो खूननिकलकर जमीन पर फैला हुआ था तो राहल द्वारा थाना पर सूचना देने पर मर्ग क्रमांक 07/20 धारा 174 जाफी कायम कर जांच की गई। दौरान जांच के शव का पंचनामा कार्यवाही के दौरान मृतिका के पिता गौतम अहिरवार ने बताया कि मुझे पुलिसद्वारा सूचना मिलने पर मैं देवरी आया तो देवरी मे मेरी बच्ची बिस्तर मे मृत अवस्था मे मिली सिर कुचला हुआ था। कमरे मेचारो तरफ खून के छीटे दीवालों पर एवं दरवाजे के पीछे तरफ खून लगा हुआ था। जब पुलिस पीएम कराने ले जा रही थी। तवदामाद प्रकाश अहिरवार ने रो कर इसे बताया कि मेरे से गलती हो गई मेरी और तलमा की रात को लडाई हो गई थी तो मैनेसोते समय तुलसा को सिर में लोहे की राड मार दी थी जिसमे बह खत्म हो गई थी। जो मौके पर प्रार्थी गौतम अहिरवार निवासीनन्दे पिपरिया की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 0/20 धारा 302 ताहि की देहाती नालमी मौके पर आरोपी मतिका के पति प्रकाशअहिरवार के विरूध कायम कर विवेचना की गई।दौरान विवेचना के प्रकाश पिता करन अहिरवार उम्र 38 माल निवासी संजय नगर देवरी को हिरासत मे लेकरपूछताछ की गई तो पहले प्रकाश अहिरवार पुलिस को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा रात मे चोरी करने के उदेश्य से घर मे घुस कर पत्नी के जाग जाने पर उसके साथ गंभीर चोट पहुचा कर उसकी हत्या कर देना बताया एवं स्वयं बड़ी बच्ची वर्षा के साथ दूसरे  कमरे मे सोते रहा बताया एवं घटना के संबंध में कोई जानकारी नहीं होना बताया इसी तरह की बातों से गुमराह करता रहा।

पत्नी से आये दिन झगड़ा होता था

 घटना के संबंध मे बताया कि मेरी पत्नी तुलसा उर्फ सवीता अहिरवार मुझसे छोटी-छोटी बातो को लेकर लड़ती रहती थी तथा मुझ पर शक करती थी और जादू टोना करती थी। गत बे रात अगरबत्ती लगा कर पूजा-पाठ करती थी। पूरी रात टी.व्ही. देखती थी। रात बे रात कही भी उठ कर चली जाती थी। बिना पूछे अपने मायके चली जाती थी। जिस कारण प्रतिका का पति बहुत अधिक परेशान हो चुका था। आरोपी की पनि प्रतिका की पत्रि 6-7 दिन पहले बिना बताये अपने मायके चली गई थी जो घटना के एक दिन पूर्व ही वापस लौटी थी जो आरोपी ने प्रतिका से मायके जाने का उचित कारण पूछा तो जिस पर से दोनो मे विवाद हो गया था उसी विवाद पर से आरोपी ने रात में ही मृतिका के साथ सोते समय लोहे की राड बजनी करीवन 5-6 किलो से सिर में मार कर हत्या कर देना बताया पुलिस से डर के कारण वहा से भाग गया। जिसे दौरान तलाशकर पूछताछ की गई।

छोटे बेटे ने बताया मम्मी को पापा ने मारा

सबसे छोटे बच्चे मंजय उम्र 4 वर्ष द्वारा पापा प्रकाश ने मम्मी को मारने की बात बताई ।एफएसएल अधिकारी टीम एवं डॉग द्वारा प्रकाश की ओर बार-बार जाना एवं इशारा करना भी आरोपी प्रकाश अहिरवार के संदेह के घेरे मे आना बाद मे आरोपी ट कर उसके मसुर को पूरी घटना बताना। थाना चलने की कहने पर वहा मेंभाग जाना। उपरोक्त सम्पूर्ण कार्यवाही मे सराहनीय कार्य करने वाले स्टाफ को श्रीमान पुलिस अधीक्षक  नगद पुरूष्कार से पुरूष्क्रत करने की घोषणा की गई है।

आदिवासियों का परम्परा एवं ज्ञान से विमुख होने के घातक परिणाम आ रहे हैं - प्रो. गौतम क्षत्रिय


आदिवासियों का परम्परा एवं ज्ञान से विमुख होने के घातक परिणाम आ रहे हैं - प्रो. गौतम क्षत्रिय

#तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा पारम्परिक चिकित्सा पद्धति शिविर
सागर। डाॅ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) में स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केन्द्र एवं  मानव विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रभारी प्रो. काशी कैलाश नाथ शर्मा ने बताया कि आज चार तकनीकी सत्रों के अन्तर्गत 24 शोधपत्र पढ़े गये जिनमें प्रो. गौतम क्षत्रिय मानव विज्ञान विभाग, दिल्ली ने अपने शोध पत्र परम्परागत स्वास्थ्य प्रथाओं एवं भारतीय आदिवासियों के स्वास्थ्य में बदलाव विषय पर केन्द्रित शोधपत्र में कहा कि भारत में 703 आदिवासी समुदाय हैं जिनमें 75 अति पिछड़ी जनजातियाँ हैं। 90 हजार ग्रामों में 50 प्रतिशत आदिवासियों की आबादी है। यह मूलधारा से बिलकुल अलग हैं। प्रत्येक की परम्परागत स्वास्थ्य पद्धतियाँ हैं। इनकी एक सामाजिक संरचना है। इनका एक मुखिया होता है जिसके निर्णय को सभी मानते हैं। अंधविश्वासी हैंै। भूतप्रेतों पर विश्वास रखते हैं। ये लोग अपनी बीमारियों का उपचार मूल भावनाओं से जुड़ी जड़ी-बूटियों से करते हैं। इनमें कुपोषण, उदर रोग आज के समय में अत्यधिक हानिकारक सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति से हटकर आधुनिकता के प्रभाव में आने के कारण इन्हें हृदय रोग व मोटापा एक चिन्तीय स्थिति उत्पन्न कर रही है। आदिवासियों के परम्परागत स्वास्थ्य उपचार पद्धतियाँ इन बीमारियों को ठीक करने में सक्षम नहीं हैं। उनके स्वास्थ्य सम्बन्धी नये आचरण तथा परम्परा एवं ज्ञान से विमुख होने के घातक परिणाम आ रहे हैं। हमें जरूरत है कि इस पर चिन्तन करें एवं शोध करके उन्हें नई दिशा देंवे। 
प्रो. अभिषेक घोष, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ ने अपने शोधपत्र में कहा कि आदिवासियों का ज्ञान पौराणिक है। उसे विकसित समाज के लोग उपयोग करके अपना लेते हैं। उनकी धरोहर उपयोग करते वक्त भूल जाते हैं कि यह उनकी देन है। उनके इस ज्ञान को वैज्ञानिक रूप में शोध करके अपनी बौद्धिक सम्पदा लेते हैं जिनमें दवाई कम्पनियाँ एवं मार्केट भी सम्मिलित है। जैसे आदिवासियों की जड़ी-बूटियाँ उनमें पाये जाने वाले तत्व, जिस रोग में वे उपयोग करते हैं, उसे दवा के रूप में विकसित करके अपना टेªडमार्क लगा लेते हैं। तब मूल व्यक्ति जहाँ का तहाँ रह जाता है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल-कपड़ा, क्रोप, कृषि से जुड़ी खाद्य सामग्रियाँ वनोपज प्रमुख हैं। उन्होंने झारखण्ड के उराॅव, मुण्डा, संथाल, चेरव, असुर, बिहोर जनजातियों के बीच शोध कार्य सम्पन्न किया है जिसमें पाया कि उनके अनाजों में कई तरह के चावल देखने में आये हैं जिनका बोउनी एवं कटनी का समय अलग-अलग है। प्रत्येक का स्वाद अलग-अलग है। जिनकी अलग-अलग खाद्य सामग्रियाँ बनाई जाती थी, आज लुप्त हो रही हैं। कुछ चावल तो बासमती चावल से ज्यादा खुशबूदार देखने को मिले हैं, परन्तु आज बाजार के दबाव में वह आधुनिक बीजों के रोपण करने के कारण विलुप्त होते चले जा रहे हैं। यह एक चिन्तन का विषय है। मानव विज्ञान विभाग के शोधार्थी हर्षदीप सिंह धंजल ने अपने शोधपत्र में बताया कि भारत का स्वदेशी ज्ञान मानव कल्याण के लिए अति महत्वपूर्ण आयाम है। बिडम्बना है कि यह ज्ञान विलोपित होने की कगार पर है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्वदेशी ज्ञान के संरक्षण के लिए गहन शोध होने की आवश्यकता है। 
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के विद्वानों में प्रमुख रूप से प्रो. बी.के. तिवारी, मेघालय, प्रो. के.सी. मल्होत्रा, प्रो. ए. एन. शर्मा, नोएडा, प्रो. सी.एस.एस. ठाकुर, जबलपुर, प्रो. सी. के. तिवारी, प्रो. ए.पी. दास, अरूणाचल प्रदेश, प्रो. ए.के. दास, असम, डाॅ. सर्वेन्द्र यादव, श्रीलंका के पारम्परिक चिकित्सक अशोक करूणारथना एवं ववेला अप्पूहामलेज, युगांडा के डाॅ. यहाया सेकेज्ञा तथा दक्षिण अफ्रीका के हसन ओ. काया उपस्थित थे। 
नाड़ी वेद्यो ने किया इलाज
गौर समाधि प्रांगण में पारम्परिक चिकित्सा शिविर में सागर के नागरिकों, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों एवं अधिकारियों ने अपना उपचार करवाया, जिनमें आँखों के उपचार हेतु 200 लोगों का पंजीयपन एवं अन्य रोगों पर 450 लोगों ने उपचार करवाया। साथ ही लगभग दो हजार लोगों ने आयुर्वेदिक परम्परागत पद्धतियों का अवलोकन किया और वैद्यों से जड़ी-बूटियों के नुख्से जाने। आयुर्वेद संजीवनी केन्द्र, भोपाल के वैद्य एम.एस. मकरानी व संतोष चैधरी पातालकोट ने भारत की प्राचीन पद्धति अलागूकर्म (लोटा पद्धति) से अनेक लोगों का उपचार करते हुए बताया कि यह परम्परा हमने अपने गुरू शारदा प्रसाद त्रिपाठी, बाबा नागनाथ, जबलपुर से सीखी तथा उन्हें हिमाचल के अनानन्द महाराज जी सिखाई थी। उन्होंने कहा कि बढ़ती उम्र के कारण शरीर में वात बढ़ने से अनेक प्रकार के दर्द आ जाते हैं जिससे साइटिका (ग्रहदसी), संधिवात, शीतवात जैसे रोग आ जाते हैं। इन रोगों के कारण शरीर में दर्द बढ़ जाता है तथा लीवर के बिगड़ने के कारण चर्मरोग प्रकट हो जाते हैं। वे बताते हैं कि यह पद्धति दो भागों में विभाजित है-एक अग्नि पद्धति और दूसरी जल पद्धति। इससे दूषित वायु निकल जाती है तथा दबी हुई नस खुल जाती हैं। साथ ही कुछ आयुर्वेदिक औषधियाँ भी उपचार के रूप में देते हैं, जिनमें साइटिका के लिए केओकंद, वनसिंघाड़ा, अश्वगंधा, विधारामूल, रासना, रासनाबत्ती, समभालू का सम्मिश्रण चूर्ण देने से रोगों से मुक्त हो जाता है। लीवर के बिगड़ने पर भूतवृक्ष की छाल, पुनर्वा, भूआँँवला, पित्तपोपड़ा घास की चूर्ण देते हैं तथा फंगल इंफेक्शन में वैसलीन, मोम देशी, सफेद मिर्च का रस एवं सफेद सुरमा जैसी औषधियों को मिलाकर एक मलहम तैयार करते हैं जिन्हें लगाने से चर्मरोग समाप्त हो जाते हैं। जब लोटा पद्धति से इलाज करते हैं तो उनके निकालने के बाद अरण्डी का तेल, सतअजवाइन, नीलगिरी वृक्ष के फल से बना हुआ तेल लगाते हैं। औजार के रूप में अपने साथ वह ठप्पा (छैनी), हथौड़ी, सारूक वृक्ष की लकड़ी का शूल (रूल) को शरीर पर चलाते हैं तो सभी दर्द से मुक्ति मिलती है। उनका कहना है कि इस वृक्ष की लकड़ी में कुछ ऐसे रासायनिक तत्व हैं जो दर्द का हरण कर लेते हैं। वैद्य लोमश कुमार वच्छ, कोरबा, छत्तीसगढ़ ने नाड़ी के माध्यम से वात रोग, एलर्जी, पथरी, धातु दोष, प्रमेह, मधुमेह जैसे प्रमुख रोगों की चिकित्सा करते देखे गये। उन्होंने उपचार के रूप में सुधा हरिद्रा, श्यामा तुलसी चूर्ण, गिलोय, विदारी कन्द, फेट कन्द, माल कायनी, बिहारी कन्द, कुउ कन्द, कंठ करंज, नागर मौथा, भुईचम्पा, अनन्तमूल, सफेद मूसली, काली मूसली के बने हुए चूर्णों को भी उपचार में दी। वहीं छत्तीसगढ़ के वैद्य तिलकराम केवरते ने रोगों में दमा, मधुमेह, उच्च रक्त चाप, मिर्गी, पथरी, पीलिया, बबासीर, उदर विकार, कैंसर की बीमारियों के लिए भी आयुर्वेदिक दवाओं से उपचार किया। इस प्रकार आँखों, कमर, जोड़ों का दर्द एवं असाध्य बीमारियों के भी उपचार किये। वहीं आँख सम्बन्धी रोगों छत्तीसगढ़ के वैद्य एवं उनके सहायक वैद्यों ने सैकड़ों लोगों ने अपनी आँखों में दवा डलवाकर उपचार किया। साथ ही अन्य वैद्यों में वैद्य श्रीमती कलावती पटेल, वैद्य ईसाक अली हकीम, वैद्य राघवेन्द्र सिंह राय, टीकमगढ़, वैद्य शुक्ला प्रसाद ध्रवे, बिलासपुर, वैद्य विक्रम सिंह झिझोरिया, वैद्य त्रिभुवन सिंह कंवर, वैद्य तिलकराम केवरते ने अपने परम्परागत तरीकों से सागर नगर के सैकड़ों लोगों ने उपचार करवाया। 
इस चिकित्सा शिविर में प्रमुख रूप से अधिष्ठाता प्रो. आर. पी. मिश्रा, संयुक्त कुलसचिव संतोष सहगौरा, सहायक कुलसचिव आर. के. पाल, ए. लक्ष्मी, डाॅ. सुखदेव मिश्रा, अजय परमार, बीनू राना एडव्होकेट, उमेश सिंह क्योलारी, मेडिकल आॅफिसर डाॅ. महेश्वरी, डाॅ. वन्दना गुप्ता, डाॅ. सोनिया कौशल, डाॅ. अरिबम बिजयासुन्दरी देवी, डाॅ. सर्वेन्द्र यादव सहित अनेक शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। 




कमिश्नर आनंद शर्मा का अभिनंदन एवं विदाई समारोह संपन्न

कमिश्नर आनंद शर्मा का अभिनंदन एवं विदाई समारोह संपन्न
सागर। कमिश्नर सागर के रूप में पदस्थ रहे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी और सागर में अपने अल्प कार्यकाल में ही अपनी विशिष्ट कार्यशैली एवं मृदुल व्यवहार से लोकप्रिय रहे श्री आनंद शर्मा आई.ए.एस.के उज्जैन कमिश्नर के रूप में पदस्थापना होने पर उनका अभिनंदन एवं विदाई समारोह  आयोजित किया गया। आयोजक संस्था पं. पी.एन.भट्ट ज्योतिष शोध एवं समाज सेवार्थ ट्रस्ट सागर के तत्वावधान में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में नगर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा श्री शर्मा को विदाई दी गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमंत धर्मेंद्र सेठ अध्यक्ष पारसनाथ ब्रह्मचर्य जैन गुरुकुल खुरई ने की।इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिवशंकर केसरी,सरस्वती वाचनालय ट्रस्ट के सचिव पं.शुकदेव प्रसाद तिवारी,बुंदेलखंड हिंदी साहित्य एवं संस्कृति विकास मंच सागर के महामंत्री मणीकांत चौबे एवं नगर की प्रतिष्ठित संस्था श्यामलम् के अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र को उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के पूजन अर्चन व दीप प्रज्ज्वलन पश्चात एम.डी. त्रिपाठी द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। प्रसिद्ध लोक गायक शिवरतन यादव ने ईसुरी की चौकड़िया का गायन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजक संस्था के अध्यक्ष पी एन भट्ट ने स्वागत उद्बोधन देते हुए श्री शर्मा के सागर कमिश्नर के रूप में अल्पावधि कार्यकाल को उत्कृष्ट बताते हुए उन्हें एक संवेदनशील और जनप्रिय प्रशासनिक अधिकारी बताया। उन्होंने कहा कि आज जिन संस्थाओं का सम्मान इस मंच से किया जा रहा है वे सभी विगत कई वर्षों से दूसरों का सम्मान करते रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित कर मैं संतुष्टि
और गौरव का अनुभव करता हूं।
सर्वप्रथम श्यामलम् संस्था की ओर से कमिश्नर श्री शर्मा का अभिनंदन संरक्षक प्रोफ़ेसर सुरेश आचार्य,अध्यक्ष उमाकांत मिश्र,सचिव कपिल बैसाखिया,कुंदन पाराशर व रमाकांत शास्त्री ने शाल,श्रीफल व पुष्पहार एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर किया।डॉ.नलिन जैन ने काव्य अभिनंदन पत्र का वाचन किया। तदुपरांत आयोजक संस्था के सभी सदस्यों द्वारा श्री शर्मा का शाल, श्रीफल, पुष्पहार व अभिनंदन पत्र भेंट कर उनका स्वागत किया गया। अध्यक्ष पं. पी.एन.भट्ट ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया।इसके अलावा तुलसी अकादमी,म.प्र.लेखक संघ,हिंदी उर्दू मजलिस, सरस्वती वाचनालय एवं पुस्तकालय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ बुंदेलखंड हिंदी साहित्य संस्कृति मंच, मध्य प्रदेश हिंदी साहित्यकार सम्मेलन आदि संस्थाओं द्वारा भी कमिश्नर शर्मा को सम्मान पूर्वक विदाई दी गई।
        प्रमुख वक्ता प्रो.सुरेश आचार्य ने ज्योतिष शास्त्र का महत्व प्रतिपादित करते हुए पं.पी एन भट्ट की साधना को अनुकरणीय कहा साथ ही उनके द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम के केंद्र बिंदु मुख्य अतिथि श्री आनंद शर्मा कमिश्नर उज्जैन ने अपने उद्बोधन में सागर में बिताए हुए समय को अपने जीवन के स्मरणीय कॉलखंड के रूप में रेखांकित करते हुए कहा कि मैं अपने स्वागत से अभिभूत हूं।उन्होंने पं.पी.एन. भट्ट द्वारा किए जा रहे ज्योतिष शोध तथा समाज एवं साहित्य के हित में किए जा रहे कार्यों को अद्भुत व प्रेरणास्पद बताया। उन्होंने अपने उज्जैन स्थानांतरण का विवरण बड़े रोचक ढंग से श्रोताओं के समक्ष रखा। साहित्य प्रेमी और कवि ह्रदय कमिश्नर शर्मा ने इस अवसर पर स्वरचित कविता का पाठ भी किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमंत धर्मेंद्र सेठ ने कार्यक्रम को गरिमामय बताते हुए उल्लेखित किया कि शासकीय अधिकारियों के स्थानांतरण पर इस स्तर के विदाई और सम्मान कार्यक्रम होते रहना चाहिए। इस तरह के आयोजनों में साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं की उपस्थिति संबंधित अधिकारी की लोकप्रियता को प्रमाणित करती हैं।
कवि वृंदावन राय सरल और पूरन सिंह राजपूत ने काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम का गरिमा अनुरूप संचालन बृज बिहारी उपाध्याय ने किया।आभार प्रदर्शन करते हुए अंबर चतुर्वेदी चिंतन ने शायर वसीम बरेलवी  के शेर "जहां भी जाएगा रोशनी लुटाएगा, किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता" से कमिश्नर शर्मा के कार्यकाल को याद किया।
इस अवसर पर डॉ.महेश तिवारी, सेठ सुरेश जैन,डॉ.सुशील तिवारी,डॉ.राजेश दुबे,रामनाथ यादव, प्रदीप पाठक,सुबोध मलैया,श्याम तिवारी,नितिन शर्मा, डॉ. शैलेष आचार्य,विमल जैन,नेवी जैन,प्रदीप पांडे,यू.बी.एस.गौर,प्रदीप राय,इं.एस. आर.सिंह,श्रीमती शैलबालासुनरया,अर्चना तिवारी,अनीता शर्मा,अदिति भट्ट,शैलेन्द्र भट्ट,सरदार गुरुदेव जग्गी,अरुण मोदी एडवोकेट खुरई,अनिल शर्मा,आर.एस. मिश्रा,डॉ.विनोद तिवारी,हरीश खत्री सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत नागालैंड के विद्यार्थी जानेंगे बुन्देलखण्ड की कला सँस्कृति को

एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत नागालैंड के विद्यार्थी जानेंगे बुन्देलखण्ड की कला सँस्कृति को
सागर। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्वावधान में डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में "एक भारत श्रेष्ठ भारत "के तहत सांस्कृतिक परिषद का आयोजन 1 मार्च से 6 मार्च तक होगा। इसको लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही है। इसके तहत नागालैंड विवि का 50 सदस्यीय दल यहां आएगा।
इसके समन्वयक डॉ राकेश सोनी और अधिष्ठाता छात्र एवम युवक कल्याण प्रो ए डी शर्मा ने आज मीडिया को बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत  के तहतगोल्डन जुबली हॉल में आयोजित कार्यक्रम में नागालैंड विश्वविद्यालय से 50 छात्र और छात्राएं अपने क्षेत्र की संस्कृति का परिचय देगें और दिखाएंगे।
सागर में यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राएं कला और संगीत विभाग में जोर शोर से तैयारियों में लगे हुए है जो अपनी बुंदेलखंड की कलाओं और परंपराओं का व्याख्यान करेगें।पांच दिन के इस कार्यक्रम में देश भर से अतिथि शामिल होंगे और करीब 5 हजार विद्यार्थियों के आने की संभावना है । इसमें बुन्देली कला सँस्कृति ,खानपान,खेल, इतिहासिक धरोहरो आदि से परिचय कराया  जाएगा। वही उनकी कला संस्कृतियो को भी जानने का मौका मिलेगॉ। शहर में निकलनेवाली यात्रा का जगह जगह स्वागत किया जाएगा। 
तैयारियों को लेकर हुई बैठक
 भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आयोजन " एक भारत श्रेष्ठ भारत"STUDENT EXCHANGE कार्यकम के तहत नांगालैण्ड विश्वविद्यालय एवं डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि. के छात्र स्थानीय संस्कृति के अध्यन के आयोजन में स्थानीय कलाओं एवं स्थानीय खेलकूद गतिविधियों में सहभागीता कर संस्कृति के आदान प्रदान हेतू विभिन्न गतिविधियों सहभागिता करेंगे। इस संबंध में कुलपति प्रो. आर पी तिवारी  ने विश्वविद्यालय छात्र परिषद एवं अन्य छात्रों के साथ बैठक आहूत की। बैठक में कार्यकम के विभिन्न पहलुओं पर विस्तारसे चर्चा की गई।
उक्योजन का उद्धघाटन 01 मार्च को दोपहर 2:30 बजे पर वि.वि. के स्वर्ण जयंती सभागारमें कुलपति प्रो. आर पी तिवारी के करकमलों से होगा। बैठक में प्रो. ए डी शर्मा अघ्षिठाता छात्र कल्याण सांस्कृतिक परिषद के समन्वयक डॉ. रोकेश सोनी डॉ. विवेक जायसवाल, डॉ. संजय शर्मा, डॉ. आशुतोष मिश्रा, डॉ. अल्ताफ मुलानी, डॉ. विजया सुन्दरी एवं छात्र छात्रायें सम्मिलित थे।

वर्षो बाद एक दूसरे से गले मिले तो भर आईं आँखें, पुलिस रीयूनियन में मिले रिटायर्ड अधिकारी

वर्षो बाद एक दूसरे से गले मिले तो भर आईं आँखें, पुलिस रीयूनियन में मिले रिटायर्ड अधिकारी 


#जेएनपीए में सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों का अनूठा सेमीनार शुरू

साागार। जिस प्रशिक्षण संस्‍थान में पुलिसिंग का ककहरा सीख कर अपना जीवन पुलिस सेवा में समर्पित किया, फिर से जब उसी संस्‍थान में जाने का मौका मिला तो सभी की आँखे भर आईं। वर्षो से बिछड़े साथियों का यह भावुक भरा मिलन देखते ही बन रहा था। यहाँ बात हो रही है जेएनपीए (जवाहर लाल नेहरू पुलिस प्रशिक्षण अकादमी) सागर में आज से शुरू हुए अनूठे तीन दिवसीय सेमीनार (री-यूनियन) की। इस सेमीनार में ऐसे वरिष्‍ठ उप निरीक्षक भाग लेने आए हैं, जिन्‍होंने आजादी के बाद से वर्ष 1969 तक की अवधि के दौरान जेएनपीए में प्रशिक्षण लिया था और वे उप पुलिस अधीक्षक एवं अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक के पद से सेवानिवृत हुए हैं। इन सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों ने मध्‍यप्रदेश एवं छत्‍तीसगढ़ के विभिन्‍न जिलों में उप निरीक्षक से लेकर अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक के पद पर रहकर अपनी सेवाएँ दी थीं।
पुलिस मुख्‍यालय की प्रशिक्षण शाखा की पहल पर इन ''सुपर ओल्‍ड बॉयज'' यानि युवाओं जैसे जज्‍बे से भरे सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों का यह सेमीनार आयोजित हो रहा है। जेएनपीए पहुँचकर सभी प्रतिभागी सेवानिवृत पुलिस अधिकारी एक दूसरे से गले मिले और अपनी पुरानी स्‍मृतियों को याद किया। जेएनपीए परिसर को देखकर सभी भावुक हुए बिना नहीं रह सके। सभी प्रशिक्षणार्थियों ने पुराने साथियों का मिलन कराने के लिए विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण  संजय राणा एवं अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर के प्रति धन्‍यवाद व्‍यक्‍त किया। मध्‍यप्रदेश एवं छत्‍तीसगढ़ के विभिन्‍न जिलों में निवासरत सभी बुजुर्ग प्रशिक्षणार्थियों का जब सड़क व रेल मार्ग से सागर आगमन हुआ तब उप पुलिस महानिरीक्षक एवं जेएनपीए के उप निदेशक श्री राजेश हिंगणकर ने पुष्‍पाहारों से सभी का आत्‍मीय स्‍वागत किया। जेएनपीए पहुँचकर बुजुर्ग प्रशिक्षु अधिकारी एवं उनकी धर्मपत्नी गदगद थीं।
एक मार्च तक चलने वाले इस सेमीनार में सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों द्वारा बताए गए पुलिसिंग के अनुभव एवं अच्‍छे कार्यो को नए पुलिस अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा।

म.प्र का बेस्ट परफॉर्मर का ऑवर्ड सागर जिले के 108 एंबुलेंस के ज़िला प्रभारी को मिला

म.प्र का बेस्ट परफॉर्मर का ऑवर्ड सागर जिले के 108 एंबुलेंस के ज़िला प्रभारी को मिला

भोपाल में आयोजित हुआ समारोह, सागर जिले के कर्मचारियों की हुई प्रशंसा
सागर।  भोपाल में 108 एम्बुलेंस के मुख्यालय में प्रदेश स्त्ररीय जिला प्रभारियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में सागर जिले के कर्मचारियों के कार्य की प्रशंसा हुई और सागर जिले के 108 एम्बुलेंस के ज़िला प्रभारी तबरेज ख़ान को  ऑवर्ड से सम्मानित किया गया। सागर जिले को प्रदेश में सबसे से अधिक ट्रिप पर सम्मानित किया गया।

सम्बद्ध महाविद्यालय की टीम ने 4 विकेट से हराया एमपीईबी को

सम्बद्ध महाविद्यालय की टीम ने 4 विकेट से हराया एमपीईबी को
सागर। डां हरीसिंह गौर क्रिकेट टूर्नामेंट का दूसरा मैच आज वि वि खेल मैदान पर एम पी ई बी सागर एवं सम्बद्ध महाविधयालय विभाग एकादश के बीच खेला गया। जिसमें सम्बद्ध एकादश की टीम ने टास जीतकर एम पी ई बी को पहले बल्लेबाज़ी करने को आमंत्रित किया ।एम पी ई बी ने निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 152 रन बनाए, सर्वाधिक 69 रन की पारी राहुल सिंह खेली। मुबीन 19 रनो की पारी खेली, 
सम्बद्ध महाविद्यालय की ओर से गेंदबाज़ी करते हुए सिद्धार्थ ने 2 एवं पुष्पेंद्र 1 विकेट लिया लिया।

लक्ष्य का पीछे करने उतरी सम्बद्ध महाविद्यालय की टीम ने 6 विकेट खोकर लक्ष्य प्राप्त कर 4 विकेट से जीत अर्जित कर अगले दौर में प्रवेश किया। 
सर्वाधिक नाबाद 71 रन पुष्पेंद्र ने एवं सतीश  ने 20 रनो की पारी खेली। एम पी ई बी टीम की ओर से गेंदबाज़ी करते हुए राहुल  एवं मुबीन ने 2-2 विकेट लिए।
मैन आफ द मैच पुष्पेंद्र रहे।
मैच के निर्णायक विनय शुक्ला एवं महेन्द्र कुमार खान स्कोरर अनवर खान रहे।
इस अवसर पर प्रो. एस एच आदिल, प्रो. आशीष वर्मा, डा सुरेन्द्र गादेवार, डा प्रदीप तिवारी, डा सुमन पटेल, डा संदीप के राय, ड़ा गौरव कुमार सिंह, आयोजन  समिति के अजय श्रीवास्तव, डा सुशील गुप्ता, उपस्थित रहे।
टूर्नामेंट के संयोजक ड़ा राजू टंडन ने बताया की अगला मैच रविवार को ड़ा हरीसिंह गौर वि वि एवं सिंचाई विभाग और पत्रकार एकादश एवं जिला प्रशासन एकादश के बीच खेला जावेगॉ।

किसानों की सरकार और वचन पूरा करने वाली सरकार:अरुणोदय चोबे

किसानों की सरकार और वचन पूरा करने वाली सरकार:अरुणोदय चोबे
''आपकी सरकार आपके द्वार'' कार्यक्रम खिमलासा में
सागर । खिमलासा में शीघ्र ही पेयजल समस्या हल होगी एवं सरकार द्वारा किए गए वचनों का चरणबद्ध पालन किया जा रहा है और आने वाले समय में सभी वचनांं को पूर्ण कर सरकार अपना कार्य करेगी। उक्त विचार खुरई के पूर्व विधयाक श्री अरूणोदय चौबे ने ग्रामीणजनों की समस्याओं के समाधान हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा ''आपकी सरकार आपके द्वार'' खिमलासा में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर खुरई पूर्व विधयाक श्री अरूणोदय चौबे, श्री प्रभुदयाल सिंह, श्री शषि कैथौरिया, श्री इंदर सिंह, श्री रघुवीर दाउ, निर्मला सप्रे, किरण राजपूत, किरण कुषवाहा, मोनू राजपूत, कमलेष सिंघई, वाधरी, हनुमत यादव, सुरेन्द्र बुन्देला, कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी, जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रषेखर शुक्ला, एसडीएम सीएल वर्मा, श्री जितेन्द्र जैन, सीईओ, तहसीलदार, बीएमओ सहित खिमलासा सरपंच तथा बड़ी संख्या जनसमुदाय एवं समस्त विभागों के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।
श्री चौबे ने कहा कि प्रदेष की सरकार गरीब, किसानों की सरकार और वचन पूरा करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी सहित जो वचन दिए थे। वो पूरे किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि यदि आप लोगों का विगत चुनाव में आप लोगों का आर्षीवाद के माध्यम से विजय श्री मिली होती तो आज खुरई, बीना छिंदवाड़ा जैसा दिखाई देता। उन्होंने कलेक्टर से आव्हान किया कि आप 10-10 पंचायतों में षिविर लगाकर ग्रामीणजनों की समस्याओं का निराकरण कराएं। क्यांकि आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में अनेक समस्याएं लंबित रह जाती है किन्तु इस षिविर से ग्रामीणजनां को सागर जिला मुख्यालय पर नहीं जाना पड़ता। उन्होंने कहा कि उनकी षिकायतों का निराकरण कार्यक्रम स्थल पर किया जा रहा है। उनहोंने विभिन्न योजनाओं के तहत लाभाविंत हितग्राहियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
पूर्व मंत्री श्री प्रभुसिंह ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेष में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तब शासकीय खजाना पूर्णतः खाली था। किन्तु हमारे मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ अर्थषास्त्री के साथ-साथ दूरदर्षी भी है। जिससे आज वो अपने दिए गए वचनों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण कर रहे है। इसके पूर्व जिला पंचायत सीईओं श्री सीएस शुक्ला ने षिविर के बारे में विस्तृत जानकारी एवं योजनाओं की जानकारी दी। वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री शषि कैथोरिया, श्रीमती निर्मला सप्रे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। षिविर में कुल 194 आवेदन प्राप्त हुए।
अनेक हितग्राही हुए लाभांवित
मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता योजना संबल योजना के तहत 5 हितग्राहियों को 16-16 हजार रूपये की सहायता, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिषन योजना अंतर्गत 5 हितग्राहियों को 120000-120000 रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। मनरेगा अंतर्गत एक हितग्राही को कपिलधारा हेतु 2 लाख 30 हजार एवं 4 हितग्राहियों को खेत तालाब हेतु 96-96 हजार रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत एक हितग्राही को 4 लाख रूपये एवं 5 हितग्राहियों को 2-2 लाख रूपये की अनुग्रह सहायता राषि स्वीकृत की गई। राजस्व विभाग अंतर्गत 4 हितग्राहियों को आवासीय पट्टा वितरण किए गए। महिला एवं बाल विकास परियोजना अंतर्गत 4 हितग्रहियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र वितरण किए गए। म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन विकासखण्ड खुरई अंतर्गत सहारा संकुल स्तरीय संगठन खिमलासा एवं नीलकण्ठ संकुल स्तरीय संगठन वारधा राषि स्वीकृत की गई

दो हजार की रिश्वत लेने वाले सहायक पुलिस उप निरीक्षक को चार साल की सजा

 दो हजार की रिश्वत लेने वाले  सहायक उप निरीक्षक को चार साल की सजा
सागर। न्यायालय- विषेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री रामबिलास गुप्ता सागर की  अदालत ने आरोपी स.उ.निरी. नाथूराम अहिरवार पिता स्व. बी.एल. अहिरवार उम्र 57 साल निवासी रविदास धर्मषाला के सामने राजमहल के पास कोतवाली टीकमगढ़ जिला टीकमगढ़ को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)डी सहपठित धारा 13(2)में दोषी पाते हुए  04-04 वर्ष का सश्रम  कारावास एवं 10000-10000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। म.प्र. शासन की ओर से पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री आर. के. पटेल ने की।

अभियोजन मीडिया प्रभारी एडीपीओ सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनांक 06.06.2016 को आवेदक जीतेष राय ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के समक्ष उपस्थित होकर षिकायत की थी कि दिनांक 31.05.2016 को आवेदक के बडे भाई जयकुमार राय के विरूद्ध शराब बेचने का झूठा केस बनाबा कर उसे जेल भेज दिया है। भाई को छुडवाने के एवज में सउनि नाथूराम के द्वारा 25000 रूप्ये लाने को कहा गया था, 18000 रूप्ये दे दिये है तो भी भाई को नही छोड़ा। दिनांक 05.06.2016 को नाथूराम से आवेदक ने सम्पर्क किया तो उसके द्वारा 10000 रूप्ये की मांग की गयी। बाद में 2000 रूप्ये दिनांक 08.06.2016 को देना तय हुआ। आवेदक आरोपी को रिष्वत नही देना चाहता था बल्कि उसे रिष्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडवाना चाहता था आवेदक की षिकायत का सत्यापन कराया गया आरोपी की  बार्ता रिकार्ड की गयी 2000 लेने के लिए सहमत हुआ, ट्रेप कार्यवाही आयोजित की गयी। दिनांक 08.06.2016 को आरोपी नाथूराम अहिरवार आवेदक जीतेष राय से 2000 रूपये की रिष्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडा गया। उक्त राषि आरोपी के कब्जे से जप्त की गयी। लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा विवेचना उपरांत उक्त मामले का अभियोग पत्र विषेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण सागर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष साक्ष्यों को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया गया। मामले में आयी साक्ष्य के आधार पर एवं अभियोजन के तर्को से सहमत होकर विषेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री राम विलास गुप्ता सागर की  अदालत आरोपी स.उ.निरी. नाथूराम अहिरवार को  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)डी सहपठित धारा 13(2)में दोषी पाते हुए  04-04 वर्ष का सश्रम  कारावास एवं 10000-10000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।




रिश्वतखोर सहायक उप निरीक्षक को चार साल की सजा,लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था रिश्वत लेते

रिश्वतखोर  सहायक उप निरीक्षक  को चार साल की सजा,लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था रिश्वत लेते
सागर। न्यायालय- विषेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री रामबिलास गुप्ता सागर की  अदालत ने आरोपी स.उ.निरी. नाथूराम अहिरवार पिता स्व. बी.एल. अहिरवार उम्र 57 साल निवासी रविदास धर्मषाला के सामने राजमहल के पास कोतवाली टीकमगढ़ जिला टीकमगढ़ को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)डी सहपठित धारा 13(2)में दोषी पाते हुए  04-04 वर्ष का सश्रम  कारावास एवं 10000-10000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। म.प्र. शासन की ओर से पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री आर. के. पटेल ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी एडीपीओ सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनांक 06.06.2016 को आवेदक जीतेष राय ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के समक्ष उपस्थित होकर षिकायत की थी कि दिनांक 31.05.2016 को आवेदक के बडे भाई जयकुमार राय के विरूद्ध शराब बेचने का झूठा केस बनाबा कर उसे जेल भेज दिया है। भाई को छुडवाने के एवज में सउनि नाथूराम के द्वारा 25000 रूप्ये लाने को कहा गया था, 18000 रूप्ये दे दिये है तो भी भाई को नही छोड़ा। दिनांक 05.06.2016 को नाथूराम से आवेदक ने सम्पर्क किया तो उसके द्वारा 10000 रूप्ये की मांग की गयी। बाद में 2000 रूप्ये दिनांक 08.06.2016 को देना तय हुआ। आवेदक आरोपी को रिष्वत नही देना चाहता था बल्कि उसे रिष्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडवाना चाहता था आवेदक की षिकायत का सत्यापन कराया गया आरोपी की  बार्ता रिकार्ड की गयी 2000 लेने के लिए सहमत हुआ, ट्रेप कार्यवाही आयोजित की गयी। दिनांक 08.06.2016 को आरोपी नाथूराम अहिरवार आवेदक जीतेष राय से 2000 रूपये की रिष्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडा गया। उक्त राषि आरोपी के कब्जे से जप्त की गयी। लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा विवेचना उपरांत उक्त मामले का अभियोग पत्र विषेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण सागर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष साक्ष्यों को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया गया। मामले में आयी साक्ष्य के आधार पर एवं अभियोजन के तर्को से सहमत होकर विषेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री राम विलास गुप्ता सागर की  अदालत आरोपी स.उ.निरी. नाथूराम अहिरवार को  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)डी सहपठित धारा 13(2)में दोषी पाते हुए  04-04 वर्ष का सश्रम  कारावास एवं 10000-10000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया

निगम दुकानों की किराया वृद्धि को लेकर धरना देंगे दुकानदार

निगम दुकानों की किराया वृद्धि को लेकर धरना देंगे दुकानदार
जागर।नगर निगम सागर द्वाराया दुकानों के कराया बढाने से दुकानदारों में नाराजगी बनी है । ञ्जर निगम व्यापारी जांगह के अध्यक्ष भीष्म राजपूत,सुरेश पिंजवानी और विकास केशरवानी ने आज मिसिता को बताया कि  नगर पालिका निगम सागर के समस्त दुकान किरायेदारलगभग 2300 म.प्र. शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अन्तर्गत नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 24 फरवरी 2016 के दायरे में नहीं आते है। परंतु नगर पालिका निगम सागर वर्ष 2016-2017 वर्ष 2017-2018 वर्ष 2018-2019 वर्ष 2019-2020 का किराया अप्रत्याशित वृद्धि
कर किराया वसूली के नोटिस दे रही है। तथा वर्ष 2016-2017 से अब तक बकाया किराया वसूलीपर भारी पैनाल्टी लगाई गई है। तथा व्यापारियों को वर्ष 2016-2017 से वर्ष 2018-2019 तककम्प्यूटरी प्राणाली जारी किये जाने के कारण किराया बिल नही दिये गये न ही किराया लिया गया है। वर्तमान में नगर पालिका निगम सागर उक्त वर्षों के बिलो का भुगतान करने के लिए अवैध तरीके से दबाव बना रही है। कि किरायेदार वर्ष 2017-2018 से वर्ष 2019 2020 तक किराया पैनाल्टी सहित जम्माकिया जाये अन्यथा संबंधित व्यक्ति की किरायेदारी समाप्त कर दुकान कुर्क कर
ली जाएगी नगर पालिका निगम सागर के इस मनमाने रवैये से परेशान होकर समस्त नगर निगम सागर के किरायेदार नगर निगम मार्केट, बक्सीखाना मार्केट, साबूलाल मार्केट ,सुभाष बाजार, नया बाजार, सिधी बाजार, रहतगढ़ बस स्टैन्ट और मुख्य बस स्टैन्ट ,नगर पालिक निगम के मनमाने प्रत्यासित किराये एव उस पर पैनाल्टी का पुरजोर विरोध करती है। एवं शांति पूर्ण तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन कर म. प्र. सरकार को अपनी समस्त समस्याओं से अवगत कराएगी।तथा एक दिवसीय समस्त व्यापारिक
संस्थाओं को बन्द रखेगी। म. प्र. सरकार एवं नगरपालिक निगम सागर से हम नगर निगम सागर के दुकान किराये दार (व्यापारियो ) की निम्नलिखित मांगे है।
(1)नगर पालिक निगम सागर के दुकान किरायेदार व्यापारियों को किराया वसूली के नाम पर परेशान एवं प्रताडित न किया जाय।
(2) पुराने किरायेदारों को अधिसूचना दिनांक 24/02/2016 के बाहर रखा जाय।
( 3 ) पुराने किरायेदारों से वर्ष 2016-2017 से 2019-20 तक किराया 10 प्रतिशत वृद्धि करके लिया जाय एवं उस पर पैनाल्टी नहीं लगाई जाय।
(4)जिन व्यापारियों ने वर्ष 2016-2017 से 2019-2020 तक का किराया अथवा अंश किराया जमा किया है। उनके किराये को पुराने किराये के अनुसार 10 प्रतिशत वृद्धि कर समायोजन किया जाये।
(5) पुराने दरों से वर्ष 2020 2021 से 30 वर्षो का पट्टा निष्पादित किया जाये।
 उक्त मांगों के साथ समस्त व्यापारी संगठन विरोध प्रदर्शन हेतु 3 दिवसीय प्रदर्शन करेगें एवं मांगों पर विचार अथवा मांगे नहीं मानी गई तो धरना अनिश्चित कालीन किया जायेगा।

विवि बचाओ संघर्ष मोर्चा की बैठक,संकल्प पत्र होगा जारी

विवि बचाओ संघर्ष मोर्चा की बैठक,संकल्प पत्र होगा  जारी
सागर। डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुई व्यापक अनिमितताओं व भ्रष्टाचार को जन-जन में उजागर करने व सागर की धरोहर सागर विश्वविद्यालय को बचाने के उद्देश्य को लेकर विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष मोर्चा की बैठक आज  तीन बत्ती स्थित प्रदीप गुप्ता के कार्यालय  पर संपन्न हुई ।बैठक में दो संकल्प पत्र जारी करने का निर्णय किया गया। सागर विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की प्रमाणित जानकारियां आम नागरिकों द्वारा एकत्रित की गई है वही अन्य अपराधिक गतिविधियो पर महिला अत्याचार के मामले भी सामने आए। इन सब अव्यवस्थाओं के खिलाफ शीघ्र ही विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष मोर्चा आम जनता के सामने एक आरोपपत्र केंद्र शासन व राज्य शासन को सबोधित भेजेगा व सागर विश्वविद्यालय की एवं डॉ गौर की  गरिमा बचाने संघर्ष रहेगा । बैठक में मुख्य रूप से मोर्चा के सयोंजक अखिलेश केशरवानी, डॉक्टर बद्री प्रसाद ,वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेंद्र सुहाने विश्वविद्यालय कार्य परिषद के पूर्व सदस्य प्रदीप गुप्ता पप्पू, विश्वविद्यालय कर्मचारी  संघ के अध्यक्ष  संदीप बाल्मीकि, आरटीआई कार्यकर्ता पंकज सिंघई ,कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष पारितोष कटारे सिंटू, वरिष्ठ समाजसेवी रफीक गनी ,गौरव राजपूत ,रवि मिश्रा ,शाहगढ़ के कांग्रेस नेता दीपक सिंघई श्रेयांश जैन भी उपस्थित थे ।

मध्यप्रदेश में अलग से महिला शराब दुकान खोलने के मायने

मध्यप्रदेश में अलग से महिला शराब दुकान खोलने के मायने

@अजय बोकिल 

बेशक मध्यप्रदेश में वक्त 'बदलाव' का है, लेकिन वह इतना खुमारी भरा होगा, यह अंदाज कम ही लोगों को होगा। मध्यप्रदेश सरकार की नई शराब नीति से राज्य  के शराबियों तो 'हर्ष' है ही, अब उन महिलाअों में भी 'सुलभ संदेश' गया है। ताजा खबर यह है कि राज्य सरकार महिलाअों की जरूरत के मद्देनजर प्रदेश में महिलाअों के ‍िलए अलग से शराब दुकाने खोलने जा रही है। एक प्रति‍ष्ठित अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक सरकार की कोशिश यही है कि महिलाअों को शराब खरीदने में कोई दिक्कत न हो। शुरु में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में एक-एक दुकानें खोली जाएंगी। इन पर वाइन और विस्की के वे सभी ब्रैंड्स उपलब्ध होंगे, जो महिलाएं पसंद करती हैं। ये दुकानें मुंबई, दिल्ली और अन्य मेट्रो सिटी की तर्ज पर  खुलेंगी। क्वालिटी बनाए रखने विदेशी शराबों को ही बेचने की इजाजत होगी। जरूरी नहीं कि सारे ब्रांड मप्र में रजिस्टर्ड ही हों। उन पर कोई अतिरिक्त ड्यूटी भी नहीं वसूली जाएगी। उम्मीद यह है कि इससे महंगी शराब का कारोबार बढ़ेगा। लोगों की जिंदगी में सुरूर आएगा और सरकारी खजाना तेजी से भरेगा। खबर में  प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य  सचिव आईसीपी केशरी के हवाले से कहा गया है ‍िक यह सब करने का नेक मकसद सरकार के खाली खजाने को भरना है। इस के लिए सरकार  भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में वाइन फेस्टिवल भी आयोजित करेगी। वाइन ( अंगूरी) के 15 नए आउट लेट भी खुलेंगे। बता दें कि इसके पहले जारी अपनी नई शराब नीति में कमलनाथ सरकार ने सुराप्रेमियों को शराब की 'आॅन लाइन'  उपलब्धता का तोहफा दिया था। हालांकि ये अंगरेजी पीने वालो के लिए ही है। देशी वाले यहां भी पीछे रह गए हैं। 

शराबबंदी पर सरकारों के चोचले ही रहे है

शराबबंदी से शराब के मामले मध्यप्रदेश की सरकारें ( शिवराज के टाइम आंशिक शराबबंदी को छोड़ दें) तो शराबबंदी जैसे राजनीतिक चोचलों में नहीं उलझी। वर्तमान कांग्रेस सरकार भी खाली खजाने को भरने की शराब की ताकत को बखूबी समझती है। शायद इसीलिए उसने शराब जगत में हाशिए पर समझे जाने वाले महिला वर्ग के लिए भी अलग से प्रावधान करने का साहसिक और  दूरदर्शी निर्णय लिया है। क्योंकि सूचनाएं ये हैं कि देश में महिलाअों में शराब, बीयर आदि का शौक बढ़ता जा रहा है। वे अब इस मामले में भी पुरूषों को चुनौती दे रही हैं।  
क्या है आंकड़ा महिलाओं के शराब पीने का
हालां‍कि  मध्यप्रदेश जैसे विकासशील राज्य में कितनी महिलाएं शराब पीती हैं, इसका कोई अलग से आंकड़ा उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन समूचे भारत में महिलाअों में शराब खोरी की लत बढ़ रही है, यह सच है। 'इंडिया टुडे' में पिछले साल छपी एक रिपोर्ट में एक सरकारी सर्वे के हवाले से बताया  गया था कि भारत में 16 करोड़ लोग शराब  के शौकीन हैं। इनमे 10 साल के बच्चों से लेकर 75 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं। अगर राज्यवार तस्वीर देखें  तो मप्र इस मामले में  दूसरे राज्यों से अभी पीछे है। वित्तीय वर्ष 2016 के आंकड़ों को देखें तो मप्र का नंबर  शराब खपत में आठवां था। इस मामले में दक्षिण के राज्य हमसे काफी आगे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक सर्वे रिपोर्ट बताती है कि भारत में शराब की खपत पिछले तीन साल में 38 फीसदी बढ़ी है। 'बिजनेस वायर' पर शाया  इंडियन अल्कोहल कंजंम्पशन रिपोर्ट 2018' के अनुसार देश में मदिरा का बाजार हर साल 8.8 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। 2022 तक देश में तमाम तरह की शराब की खपत 16.8 अरब लीटर हो जाने  की उम्मीद है। 
जहां तक मप्र की बात है कि तो दो साल पहले बिहार में शराबबंदी के हो हल्ले के बीच मध्यप्रदेश में भी शराबबंदी लागू करने का दबाव तत्कालीन शिवराजसिंह सरकार पर बढ़ा था। तब शिवराज सरकार ने नर्मदा और हाइवे के किनारे से शराब की दुकानों को हटाने का नियम भी बनाया था। यानी आंशिक शराबबंदी लागू की थी। लेकिन इसने इससे जाम छलकाने वालों का हौसला घटने के बजाए बढ़ा ही। एक साल में ही राज्य में शराब की बिक्री 27 फीसदी बढ़ गई। सरकारी खजाना भी तेजी से भरने लगा। शराब से वर्ष 2018 में जहां सरकार को शराब बिक्री से  8233 करोड़ रू. मिले थे, वही 2019 में यह कमाई बढ़कर 9600 करोड़ रू. हो गई। कमलनाथ सरकार ने आबकारी से चालू वित्तीय वर्ष में 13 हजार करोड़ रू. का टारगेट रखा है। सरकार को जनता पर भरोसा है। 
हकीकत यही है कि शौकीनो और ‍लतियलों के साथ साथ ‍सरकार भी आमदनी के लिए काफी कुछ शराब के भरोसे है। जितनी बिकेगी, उतनी खनकेगी भी। शराब की लत या शौक समाज और खासकर महिलाअों में क्यों बढ़ रहा है, इस पर अब शोध होने लगा है, क्योंकि महिलाअों का सार्वजनिक रूप से शराब पीना तो भारतीय संस्कृति में वर्जित माना जाता रहा है। लेकिन अब सोच और जीवन शैली तेजी से बदल रही है। महिलाएं बेझिझक शराब खरीदने और पीने लगी है। इसके पीछे आर्थिक-सामाजिक कारण हैं। डब्ल्यूएचअो के सर्वे में देश के कुछ राज्यों में महिलाअोंकी शराबखोरी की जानकारी एकत्रित की गई थी। इसके मुताबिक दिल्ली में जहां 40 पुरूष शराब पीते हैं, वहीं महिलाअों में यह प्रतिशत 20 है यानी‍ कि आधा। कुछ अर्सा पहले बीबीसी की एक रिपोर्ट में  बताया गया था कि पिछली सदी में महिलाएं अपेक्षाकृत कम शराब पीती थीं,  लेकिन 1991 से 2000 के बीच  जन्मी महिलाएं उतनी ही शराब पी रही हैं जितना उनके पुरुष साथी। 21 सदी में यह प्रमाण और बढ़ गया है। इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं।  हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एडिक्शन साइकोलॉजिस्ट डॉन सुगरमैन का कहना था कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं देरी से शराब पीना शुरू करती हैं लेकिन जल्दी ही उसकी चपेट में आ जाती हैं। इसे टेलीस्कोपिंग कहते हैं। महिलाअोंमें शराब के बढ़ते चलन के पीछे सामाजिक दबाव, मानसिक तनाव, कुछ अलग तरह से जीने की चाहत, मौज मस्ती, आर्थिक स्वावलंबन और इस क्षेत्र में भी पुरूषों से बराबरी करने की तमन्ना है। 
लगता है कि मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाअों के बदलते मानस और शराब के प्रति आकर्षण को ध्यान में रखते हुए राज्य में उनके लिए अलग से दुकान खोलने की पहल की है। एक अध्ययन के मुताबिक इस मामले में महिलाअोंकी पसंद देशी के बजाए विदेशी दारू है। जैसे कि वाइन, जिन, रम आदि। महिलाअों  का बीयर पीना तो अब चर्चा का विषय भी नहीं रहा।
वैसे लोग शराब कई कारणों से पीते हैं। कुछ लोगों के लिए यह 'दवा' है तो समाज के लिए यह बड़ा 'दर्द'है। इसका विस्तार अब महिलाअोंतक होने से समस्या और जटिल होगी। शराब नीति राजनीति के लिए भी मुफीद होती है। विपक्ष सत्ता पक्ष पर प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने के आरोप लगाता रहता है तो सरकारें खुद को 'दारू की धुली' साबित करने की कोशिश करती हैं। वैसे भी मप्र सरकार की माली हालत इतनी पतली है कि उसे शराब पर भरोसा रह गया है। सरकार की मजबूरी यह है कि केन्द्र से मिलने वाले साढ़े 14 हजार करोड़ रू. के नुकसान की भरपाई कहां करे। 
हो सकता है सरकार के इस फैसले से सांस्कृतिक शुद्धतावादियों को गहरी ठेस लगे, लेकिन वक्त का  बदलाव जीवन के हर क्षेत्र में है। ऐसे में सरकारों ने सुरापान को हतोत्साहित करने की जगह उसे 'घर घर पहुंचाने'का तय कर लिया है। ऐसे में महिलाअों को अलग दुकानों के ‍जरिए शराब मुहैया कराना महिला सशक्तीकरण की दिशा में उठाया गया कदम है या फिर सरकार महिलाअों में शराबखोरी के बढ़ते ट्रेंड और हवा देना चाहती है, समझना मुश्किल है। शायराना तबीयत में तो यह शराब को शबाब के और करीब लाना है। किसी ने कहा भी है-
न हो शबाब तो कैफियत-ए-शराब कहां
न हो शबाब तो कैफियत-ए-शबाब कहां
अजय बोकिल ,वरिष्ठ संपादक  'राइट क्लिक' ,( 'सुबह सवेरे' में प्रकाशित)

हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजय वर्गीय अन्न ग्रहण करेंगे,20 साल बाद

हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजय वर्गीय अन्न ग्रहण करेंगे,20 साल बाद

दौर। इंदौर में  पितृ पर्वत पर विराजित पितरेश्वर हनुमान मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव चल रहा है। शुक्रवार को पूर्णाहुति है । जिसमें शामिल होने के लिए वृंदावन से महामंडलेश्वर गुरुशरणानंद और अवधेशानंद गिरी आदि संत महात्मा आ रहे हैं। उनके हाथों 20 साल बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अन्न ग्रहण करेंगे।पितृ पर्वत पर 72 फीट की अष्टधातु की भगवान हनुमान की प्रतिमा विराजित की गई है। जिस पर करीब 15 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

वर्षों चला पितृ पर्वत पर प्रतिमा का निर्माण

वर्षों से पितृ पर्वत पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करने का काम किया जा रहा था। 72 फीट ऊंची अष्ट धातु की ये प्रतिमा विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा है। जिसका प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी धूमधाम से चल रहा है। 24 फरवरी से शुरू हुए आयोजन की शुक्रवार को पूर्णाहुति होगी। महोत्सव में शामिल होने के लिए आज शाम 7 बजे महामंडलेश्वर जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज आएंगे। शुक्रवार को वृंदावन के संत महामंडलेश्वर गुरुशरणानंद महाराज व मुरारी बापू हनुमानजी की आराधना कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे। इस बीच में गुरुशरणानंद महाराज के हाथों भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय अन्न ग्रहण करेंगे। वे करीब दो दशक से अन्न नहीं खाते हैं।
संकल्प लिया था पितृ दोष निवारण का
बीस साल पहले इंदौर के मेयर  कैलाश विजयवर्गीय निर्वाचित हुए थे । उसी समय उन्हें किसी महात्मा ने बता दिया कि शहर में पितृ दोष है । जिससे इंदौर का विकास रुका हुआ है. इसके निवारण के लिए पितृ पर्वत पर भगवान हनुमान  की प्रतिमा स्थापित कराने से ये दोष दूर हो जाएगा और तभी उन्होंने ये संकल्प ले लिया कि वे पितृ पर्वत पर हनुमान की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित कराएंगे और जब तक काम पूरा नहीं हो जाता तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।
 पितृ पर्वत पर हनुमानजी की प्रतिमा विराजित करने का संकल्प लिया था ।जिसके बाद से अन्न त्याग दिया था। तब से वे गेहंू, चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार सहित दालों को छोड़ दिया था। वे मोरधन, राजगिरा, साबूदाना और फल खाते थे। मजेदार बात ये है कि विजयवर्गीय के अन्न त्यागने के बाद उनकी पत्नी आशा विजयवर्गीय ने मोरधन के 20 प्रकार के व्यंजन बनाना सीख लिया। बाद में परिवार की अन्य महिलाएं भी इस प्रकार के व्यंजन बनाना सीख गईं। इंदौर से बाहर रहने की स्थिति में विजयवर्गीय सब्जी व फल पर ही आश्रित रहते थे।
सात साल में बनी प्रतिमा
पिछले बीस साल में करीब एक लाख पेड़ यहां पर लगाए गए. इसके बाद भगवान हनुमान की अष्टधातु की प्रतिमा बनना शुरू हुई और ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में इस प्रतिमा को तैयार किया, जो फरवरी 2020 में स्थापित हो पाई है. इसका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 24 फरवरी से चल रहा है, जो कि 3 मार्च खत्‍म होगा. यही नहीं, उस दिन नगर भोज का आयोजन किया गया है

 

युवा जुड़े " यंग इंडिया के बोल 2020 " से:प्रवक्ता युवक कांग्रेस

युवा जुड़े "  यंग इंडिया के बोल 2020 " से:प्रवक्ता युवक कांग्रेस 
जबलपुर। मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता आशीष चौबे 'यंग इंडिया के बोल 2020' के प्रभारी ने इस कार्यक्रम की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि इससे युवाओं को जुड़ कर केंद्र सरकार की युवा विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज को उठाने के लिए आगे आना चाहिए. 
यह होगी प्रक्रिया –
विषय - भारत में बेरोजगार
आवेदन प्रक्रिया:-
> आवेदन सभी के लिए नि: शुल्क है कोई भी युवा इस भाषण प्रतियोगिता में भाग ले सकता है।
> 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के लोग, भाषण- जनसंवाद प्रतियोगिता के लिए अपना आवेदन भेज सकते हैं
> "युवा भारत के बोल भाषण प्रतियोगिता 2020" के विजेताओं को मेमेंटोस से सम्मानित किया जाएगा।
> सभी आवेदकों को "भागीदारी का प्रमाण पत्र" दिया जाएगा और विजेता को "उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र" दिया जाएगा।
> प्रतियोगिता स्थल आपके अपने राज्य में होगा और अंतिम कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा
> भाषण भाषा :- हिंदी, अंग्रेजी और सभी क्षेत्रीय भाषा
> आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 29 फरवरी 2020 है
> अधिक जानकारी के लिए मेल करे - youngindiakebol@gmail.com
> यहां आवेदन करें :- http://bit.ly/SpeechonNRU

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रदेश महासचिव एकता ठाकुर, लोकसभा उपाध्यक्ष भानु यादव, लोकसभा महासचिव भरत कोष्टा,  ग्रामीण अध्यक्ष भूपेंद्र सिंग, जिला अध्यक्ष भानु चौहान, ग्रामीण अध्यक्ष पारस जैन, कार्तिक नामदेव, आशुतोष नॉगरिया, अंकुश चौधरी, तपेश यादव, आदेश चौबे, बुरहान अली आदि उपस्थित रहे ।

आपकी सरकार जन दरबार मे सुनी समस्याएं

आपकी सरकार जन दरबार मे सुनी समस्याएं
सागर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ  कि मंशानुसार  सागर विधानसभा के प्रत्याशी रहे नेवी जैन  ने बाघराज वार्ड में आपकी सरकार "जन-दरबार" का आयोजन किया।  जिसमे वार्ड वासियों ने आवास की किस्तों मे अधिक व्याज कि माफ़ी , कालोनी कि साफ़-सफाई हेतु कर्मचारियों कि स्थाई तैनाती जैसी मांगो से नेवी जैन को अवगत कराया। जिसके निराकरण हेतू आश्वासन देते हुए नेवी जैन ने कहा कि पूर्व की भा.जा.पा सरकार ने आमजन को सिर्फ मुद्दों से भटकाते हुए निजी स्वार्थ कि राजनीति कि है जिस कारण आज आमजन परेशान हो रहे हैं, लेकिन अब प्रदेश में एक सुलझी हुयी जन हितेशी कमलनाथ सरकार है, जो जनता के दुःख दर्द को समझती है और जनता के लिए कार्य करने वाली सरकार है ! हम आपको अपनी सरकार के माध्यम से विश्वास दिलाते है कि आपकी समस्या मेरी समस्या है शीघ्र ही प्रशासन से बात कर हम समस्याओं के निराकरण कि ओर पहुचेंगे यह बात श्री नेवी जैन ने आपकी सरकार "जन-दरवार" के दौरान बाघराज वार्ड कि आवासीय कालोनी निवासियों से उनकी समस्याएँ सुनकर और जानकार कही।
इस अवसर पर रानू राजपूत, नानू पठान ,श्री प्रदीप पाण्डेय ,प्रदीप जैन ,मनोज पवार ,सुधीर जैन ,अनिल चौरसिया ,प्रभा रजक ,नीलेश रजक ,राजेन्द्र नामदेव ,विशाल सोनी ,ज्योति अहिरवार ,फरीदा बेगम एवं कालोनी के अनेक लोग मौजूद थे।

भारत की परम्परा एवं ज्ञान का आत्मसात ही जीवन जीने का मार्ग : डाॅ. विनय सहस्त्रबुद्धे

भारत की परम्परा एवं ज्ञान का आत्मसात ही जीवन जीने का मार्ग : डाॅ. विनय  सहस्त्रबुद्धे
#भारतीय ज्ञानतंत्र का मूल मंत्र प्रकृति को पुनजीवित करना - डाॅ. राजेन्द्र सिंह

#तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा पारम्परिक चिकित्सा पद्धति का शुभारम्भ

सागर। डाॅ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर  के  स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केन्द्र एवं  मानव विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन  स्वदेषी ज्ञान एवं प्रामाणिक प्रथायें विषय पर केंद्रित तथा पारम्परिक चिकित्सा पद्धति शिविर का शुभारम्भ  किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. विनय प्रभाकर सहस्त्रबुद्धे, अध्यक्ष, भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्,  राज्यसभा सदस्य तथा स राज बहादुर सिंह, सांसद एवं शैलेन्द्र जैन, विधायक, भारत के जल पुरूष डाॅ. राजेन्द्र सिंह, अध्यक्षता कुलपति प्रो. राघवेन्द्र पी. तिवारी, अधिष्ठाता प्रो. आर. पी. मिश्रा एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समन्वयक प्रो. काशी कैलाश नाथ शर्मा ने दीप प्रज्वलन, माँ सरस्वती व डाॅ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। 
मुख्य अतिथि डाॅ. विनय प्रभाकर सहस्त्रबुद्धे ने स्वदेशी ज्ञान एवं प्रामाणिक प्रथायें पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारत की ऋषियों, मनीषियों के द्वारा किये गए लिपिबद्ध, वेद, उपनिषद एवं वैदिक संस्कृति की उपज है जिसे हम विस्मृत कर चुके थे, आज उन्हें पुनः पुनर्जीवित कर शोध के साथ स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम सभी शिक्षा को बाहर से प्राप्त कर रहे हैं जिस कारण हम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मर्गेटर मेप 16 ई. से पूरे विश्व में उपयोग में लाया जा रहा है। विकासशील देश उसको बड़ा करके दिखाते हैं। वहीं दक्षिण तरफ के देश उनके वर्गमान की तुलना में छोटा करके देखते हैं। उन्होंने बताया कि अग्रोनोपीटर ने एक मैप बनाया, जिसके हर देश को उसके वर्गमान के दिखाया गया। हर देश की तुलना दूसरे देशों से की जाये, तो समान ही निकलेंगे। इससे मर्गेटर मेप की तुलना स्वतः समाप्त हो जाती है। पीटर के मैप को यूनोस्को, यूनीसेफ एवं अन्य संस्थाओं ने आजमाया और धीरे-धीरे प्रचलित हुई जिससे यह साबित हो जाता है कि जो पहले प्रचलित हो चुकी थी, उसे आज के हिसाब से सुधारा जा सकता है और इससे हरेक देश की पारम्परिक ज्ञान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि तेहरान के एक सम्मेलन में वहाँ के राष्ट्राध्यक्ष ने बताया कि उपनिषद् हमारे यहाँ बढ़ाया जाता है और व्याख्यान कराये जाते हैं। क्या यह भारत में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अपने ज्ञान और परम्पराओं को आत्मविश्वास के साथ अनुभव से सहेजना पड़ेगा। भारत में ऐसे बहुत से मनीषी हुए हैं जिन्होंने भारत की परम्पराओं, ज्ञान को आत्मसात कर जीवन को जीने के लिए मार्ग दिखाया है जिनमें महात्मा बुद्ध प्रमुख हैं। व्यक्ति को स्वयं आत्म दीपो भवः बनना पड़ेगा। 
वैज्ञानिक पक्ष मजबूत करना होगा:सांसद राजबहादुर
सांसद राज बहादुर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केन्द्र द्वारा जो भी प्रकल्प शुरू किये गये हैं इससे वैज्ञानिक पक्ष उजागर होगा तथा लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि नाड़ी वैद्य हमारे उपचार की प्राचीन विधा है। वहीं दूसरी ओर कृषि, कला, जल, भूमि संरक्षण, जैव विविधता, वन प्रबन्धन यह हमारी स्वदेशी ज्ञान अध्ययन वैज्ञानिक पक्ष को जोड़कर विश्व में स्थापित कर सकेगा।
आयोजन की सोच सराहनीय विधायक जैन
 विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि स्वदेशी ज्ञान एवं प्रचलित परम्पराएँ, चिकित्सा पद्धतियाँ वैज्ञानिक कसौटियों पर खरी उतरती हैं। विश्वविद्यालय द्वारा इस पर शोध के क्षेत्र में कदम रखा है, जो कि सराहनीय है। 
विलुप्त होती औषधियों का संरक्षण होगा:कुलपति प्रो तिवारी
अध्यक्षता कर रहे कुलपति राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि हमारे पूर्वज द्वारा अपने अनुभवों पर प्रयोग करके जीवन को जीने के लिए आवश्यक औषधियों को उजागर किया था। वह विलुप्त होती जा रही थीं, उनके अनुभवजनित ज्ञान को वैज्ञानिक प्रामाणिकता देकर संरक्षित कर जनमानस के सामने उजागर करने के लिए स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना विश्वविद्यालय में की गई है जिसमें एक पहलु स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ चिकित्सा पद्धतियों का शिविर मनमानस के साथ लगाया गया है। इसमें विदेश के विद्वान आये हुए हैं, जो कि परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों को भी प्रदर्शित करेंगे। 
55 चिकित्सको का लगेगा शिविर
सम्मेलन के समन्वय प्रो. काशी कैलाश नाथ शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि देश-विदेश के लगभग 55 पारम्परिक चिकित्सकों का गौर समाधि प्रांगण में तीन दिवसीय शिविर चलेगा जिसमें वैज्ञानिक शोध पत्रों के लिए 45 विद्धान सम्मिलित हो रहे हैं। जिनमें विदेश के पारम्परिक चिकित्सक श्रीलंका के अशोक करूणारथना एवं ववेला अप्पूहामलेज, युगांडा के डाॅ. यहाया सेकेज्ञा तथा दक्षिण अफ्रीका के हसन ओ. काया शामिल हुए हैं।
जलवायु परिवर्तन से पीड़ित:जलपुरुष राजेन्द्र सिंह
 द्वितीय सत्र में जल पुरूष डाॅ. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत में आजादी से पहले धरती पर पर्याप्त पानी और जंगल था। आजादी के 72 वर्ष बाद 10 गुना जल एवं 08 जंगल की गिरावट आयी है। जिसके कारण आज हम सभी जलवायु परिवर्तन से पीड़ित हैं। बीमार हैं तथा वैश्विक स्तर पर इसके उन्मूलन के लिए संघर्षरत हैं। इसका उन्मूलन तरूण भारत संघ ने अनुभव के आधार पर समाधान दिया है। उन्होंने बताया कि भारत के लोग भगवान शब्द का प्रयोग भ से भूमि, ग से गगन, व से वायु, अ से अग्नि तथा न से नीर के रूप प्रतिपादित करते हैं। नीर के बिना यह प्रकृति टिक नहीं सकती। नीर ही उन चार तत्वों को जोड़ने का कार्य करता है। यही कारण है कि भारत के लोग नीर, नारी और नदी का सम्मान करते हैं। क्योंकि नीर प्रकृति को चलाता है। नदी से जीवन में प्रवाह आता है एवं नारी दूसरे के जीवन का सृजन करती है। परन्तु आज जल का व्यापार 50 हजार करोड़ पर पहुँचा है। भारत की ज्ञान परम्पराएँ प्रभावी हैं। हमारे ज्ञान के लिए विज्ञान जीवन के अनुभवों से आत्मा में व्यवहार में धड़के और तब ज्ञान निकले। ज्ञान के अर्जित करके स्वतः अनुभूति को बोलने लगता है। हम जब कार्य करते हैं तो मस्तिष्क तथा आत्मा को जोड़कर ज्ञान बनता है। ज्ञान साधना चाहता है। यह कक्षा में पढ़ने से सम्भव नहीं है। ज्ञान सृजन करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 365 जिला जल से 72 प्रतिशत अभाव से जूझ रहे है। यह नीति आयोग का डाटा है। भारत के लोगों के लिए 28 प्रतिशत पानी बचा है। धरती के दरारों को देखें तो महसूस होता है कि रिजर्व पानी का उपयोग करने लगे हैं। नदियाँ सूख रही हैं। कुछ नदियाँ नालों में परिवर्तित हो गई जिनमें गंगा, यमुना, कावेरी शामिल हैं। उन्होंने जल को रिचार्ज करने की विधि स्पष्ट करते हुए बताया कि सनातन का कार्य नित्य नूतन निर्माण करना है। जो कि अनादि काल तक बना रहता है। सनातन पुनर्जीवन सभी के लिए धरती एवं प्राणियों के लिए था। भारतीय ज्ञानतंत्र का मूल मंत्र प्रकृति को पुनजीवित करना है। भारत को पुनः विश्व गुरू बनाना है तो विकास के रास्ते से नहीं, बल्कि सनातन एवं पुनर्जीवन से बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हमारे बुजुर्ग पेड़ों को देखकर बता देते थे कि धरती में पानी का स्तर क्या है। उनमें जल उपयोग की दक्षता थी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में हमने सूखे क्षेत्र को हरित धरती में बदला है। 
द्वितीय सत्र में गौर समाधि प्रांगण में पारम्परिक चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र पी. तिवारी, अधिष्ठाता प्रो. आर. पी. मिश्रा एवं प्रभारी प्रो. काशी कैलाश नाथ शर्मा ने वैद्यों के साथ रिबन काटकर किया। इस अवसर पर अतिथियों ने पीड़ितों की परम्परागत चिकित्सा का निरीक्षण करते हुए आमंत्रित वैद्य लोमश कुमार वच्छ, कोरबा, छत्तीसगढ़ ने नाड़ी के माध्यम से वात रोग, एलर्जी, पथरी, धातु दोष, प्रमेह, मधुमेह जैसे प्रमुख रोगों की चिकित्सा करते देखे गये। उन्होंने उपचार के रूप में सुधा हरिद्रा, श्यामा तुलसी चूर्ण, गिलोय, विदारी कन्द, फेट कन्द, माल कायनी, बिहारी कन्द, कुउ कन्द, कंठ करंज, नागर मौथा, भुईचम्पा, अनन्तमूल, सफेद मूसली, काली मूसली के बने हुए चूर्णों को भी उपचार में दी। वहीं छत्तीसगढ़ के वैद्य तिलकराम केवरते ने रोगों में दमा, मधुमेह, उच्च रक्त चाप, मिर्गी, पथरी, पीलिया, बबासीर, उदर विकार, कैंसर की बीमारियों के लिए भी आयुर्वेदिक दवाओं से उपचार किया। इस प्रकार आँखों, कमर, जोड़ों का दर्द एवं असाध्य बीमारियों के भी उपचार किये। 
इनका हुआ सम्मान
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए विश्वविद्यालय की ओर से शाल, श्रीफल एवं स्पमण चिन्ह देकर सम्मानित किया गया जिनमें डाॅ. राजेन्द्र सिंह, प्रो. सुरेश व्यास, प्रो. के. सी. मल्होत्रा, प्रो. संजय जैन, डाॅ. रवीन्द्र शर्मा, प्रो. गौतम क्षत्रिय, प्रो. ए. पी. दास, प्रो. ए. के. दास, डाॅ. एस. एच. एन. रिजी को सम्मानित किया गया। उद्घाटन सत्र में शोधपत्रों की लघु संक्षेपिका का विमोचन किया गया।
संचालन डाॅ. सर्वेन्द्र यादव और डाॅ. सोनिया कौशल ने किया। आभार प्रो. उमेश कुमार पाटिल ने व्यक्त किया। 
ये रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रा.े आर. पी. त्रिवेदी, प्रो. श्रीकमल शर्मा, प्रो. अरूण पलनेटकर, प्रो. उदय कुमार जैन, पूर्व कुलपति, डाॅ. अजय तिवारी, कुलाधिपति, एस.व्ही. एन. विश्वविद्यालय, प्रो. पी. पी. सिंह, प्रो डी. के. नेमा, प्रो. एम. एल. खान, प्रो. नागेश दुबे, प्रो. ए. एन. शर्मा, प्रो. एच. थाॅमस, प्रो. अर्चना पाण्डेय, डाॅ. निवेदिता शर्मा, डाॅ. कल्पना शर्मा, प्रो. पी. के. खरे, प्रो. पी. के. राय, प्रो. जी. एल. पुनताम्बेकर, योगाचार्य विष्णु आर्य, सुनील देव, बीनू राना एडव्होकेट, नारायण प्रसाद कबीरपंथी, डाॅ. सुखदेव मिश्रा, सुधीर यादव, कुलसचिव कर्नल राकेश मोहन जोशी, संयुक्त कुलसचिव संतोष सहगौरा, प्रो. सी.एच.एस. ठाकुर, प्रो. दिवाकर शर्मा, डाॅ. निवास मिश्र, प्रो. अरूण शांिडल्य, प्रो. राजेश गौतम, डाॅ. अरिबम बिजयासुन्दरी देवी, डाॅ. बी. अनुरागी, डाॅ. सी. सतीश कुमार, डाॅ. हेमन्त पाटीदार, डाॅ. प्रभाकर चतुर्वेदी सहित अनेक शोधार्थी एवं प्रतिभागी उपस्थित थे। 
टीएलसी भवन का लोकार्पण
सांसद डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने विवि परिसर में नवनिर्मित टीएलसी भवन का लोकार्पण किया। यह 294 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है।

किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में कार्यशाला का आयोजन

किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में 
कार्यशाला का आयोजन
सागर। पुलिस कंट्रोल रूम में किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में एक दिवसीय
कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें किशोर न्याय अधिनियम के प्रमख प्रावधानों की
जानकरी जिलेभर के वाल कल्याण पलिस अधिकारियों को दी गयी। कार्यशाला में पलिस
अधीक्षक  अमित सांघी, एएसपी  प्रबीण कमार एवं विक्रम सिंह उपस्थित रहें।
पुलिस अधीक्षक  द्वारा बालको से संबंधित अपराधों की विवेचना में रखने वाली
सावधानियों के विषय में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया। कार्यशाला में
सहा. जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन द्वारा बालकों के साथ होने वाले अपराध के
बारे में जानकारी दी गयी एवं सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी  अमित जैन द्वारा
किशोर न्याय अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों तथा बालकों द्वारा अपराध किये जाने की दशा में
अपनाई जाने वाली प्रकिया एवं देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक तथा विधि
का उलंघन करने वाले बालक के विषय में बताया गया। कार्यशाला में चाइल्ड हेल्प लाईन केसदस्यों द्वारा चाइल्ड हेल्प लाईन के बारे में जानकारी दी गयी एवं बताया गया कि यदि
किसी बालक को देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता हों तो उन्हें टोल फ्री नम्बर 1098 परसूचित किया जा सकता है। कार्यशाला में सागर जिले में कार्यरत एन.जी.ओ. के प्रतिनिधी
द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए हेल्प लाईन नम्बर 180030002852 के संबंध में बतायागया।

शिल्पी अहिरवार का राष्ट्रीय एकता शिविर में चयन

शिल्पी अहिरवार का राष्ट्रीय एकता शिविर में चयन
सागर।शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय सागर में की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 2 की स्वयंसेवी कु. शिल्पी अहिरवार का राष्ट्रीय एकता शिविर जयपुर हेतु मध्यप्रदेश की ओर चयन होने पर प्राचार्य डाॅ. इला तिवारी तथा कार्यक्रम अधिकारी रासेयो डाॅ. भावना रमैया ने बधाई दी। इसके पूर्व शिल्पी अहिरवार एडवेंचर शिविर धर्मशाला हिमाचल प्रदेश में सहभगिता कर चुकी हैं। वे विभिन्न सांस्कतिक कलाओं में पारंगत हैं। राष्ट्रीय एकता शिविर एन.एस.एस. निदेशालाय जयपुर (राजस्थान) द्वारा विवेकानंद ग्लोबल वि.वि. केम्पस जयपुर में दिनांक 27 फरवरी से 4 मार्च 2020 तक आयोजित किया गया है। महाराजा छत्रसाल बुन्देलखंड वि.वि. छतरपुर के रासेयो कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. भूपेन्द्र कुमार ने कि इस शिविर में स्वयंसेवी छतरपुर वि.वि. की संगठन व्यवस्था में भागीदारी करेगी। महाविद्यालय परिवार की ओर से डाॅ. अंजना चतुर्वेदी, डॅ. अंजना नेमा, डाॅ. प्रतिमा खरे, डाॅ. रश्मि दुबे, डाॅ. रश्मि मलैया, डाॅ. अपर्णा चाचोंदिया, श्री दिनेश पाण्डेय सहित  आदि ने भी शुभकमामनायें दीं।

मुनि श्री प्रमाण सागर की नरयावली पहुँचने की प्रवल संभावना, अनुशासित वेशभूषा में दिया आमन्त्रण

मुनि श्री प्रमाण सागर की नरयावली पहुँचने की प्रवल संभावना, अनुशासित वेशभूषा में दिया आमन्त्रण
सागर। नरयावली के पास स्थित छोटे से ग्राम लुहारी में जैनों का बहुत प्राचीन मंदिर है इस मंदिर के दर्शन व आसपास के ग्रामों में धर्म की प्रभावना के लिए मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज से लुहारी पधारने के निवेदन किया गया। यह निवेदन ग्राम पूजन पुण्य दल के द्वारा किया गया। ग्राम पूजन पुण्य दल ग्रामों के मन्दिरों की देख रेख, अभिषेक-पूजन की व्यवथा और जीर्णोद्धार के कामों से जुड़ा है। दल का नारा है:" ग्रामों के मन्दिरों से जुड़ो"। यह दल वेहद अनुशाषित तरीक़े से लगभग 50 संदस्यों के साथ मुनि श्री से विदिशा में निवेदन करने गया था। मुनिश्री ने आशीर्वाद और शुभ संकेत दिया और कहा कि " भारत का पहला ग्रुप है जो ग्रामों कर मंदिरों के लिए पूरी तरह समर्पित है।"
ग्राम पूजन पुण्य दल सफ़ेद कुर्ता पायजामा, पीली जैकेट और आई कार्ड के साथ गए थे। सभी ने मुनि श्री से ग्राम पधारने का आग्रह किया। 
उल्लेखनीय है कि मुनि प्रमाण सागर जैन संत आचार्य विद्या सागर के प्रभावी और अग्रणी शिष्य हैं और शंका समाधान प्रोग्राम के माध्यम से जैन और अजैन सभी के बीच वेहद प्रसिद्ध हैं। मुनि प्रमाण सागर ग्रामों के मंदिर के रख रखाव के पक्षधर हैं और उनकी प्रेरणा रहती है कि ग्रामों से समाज का पलायन न हो और प्राचीन मंदिरों का संरक्षण बना रहे। मुनि श्री प्रमाण सागर और मुनि श्री अरह सागर महाराज की होली के पहले ग्राम पहुँचने की संभावना बताई जा रही है। पूजन पुण्य दल ने लुहारी ग्राम में हजारों लोगों के रुकने-भोजन आदि की व्यवथा की है। लुहारी ग्राम और आसपास के ग्रामों के सभी समाजों के लोगों में मुनि श्री की आगमन की संभावना से उल्लास है और सब मिलकर व्यवथा में लगे हैं। गांव के गणेश विश्वकर्मा का कहना है कि इतने बड़े साधु के चरण अगर लुहारी में पड़ गए तो आसपास का पूरा क्षेत्र धन्य हो जायेगा।यह दल श्री अनिल लुहारी, मुकेश जैन, सोनू जैन और सुनील लुहारी के समन्वय और अनूप जैन, आई आर एस के मार्गर्मदर्शन में चल रहा है।

दो अलग अलग सड़क हादसों में स्कूल वाहन टकराये, डेढ़ दर्जन से अधिक घायल, एक की मौत

दो अलग अलग सड़क हादसों में स्कूल वाहन टकराये, डेढ़ दर्जन से अधिक घायल, एक की मौत

सागर । सागर जिले में आज दो अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में स्कूली वाहन की टक्कर हुई। इसमे डेढ़  दर्जन से अधिक स्कूली बच्चे और सवारियां घायल हो गई और एक कि मौत हो गई। दोनो घटनाओं की ख़बर आग की तरह शहर में फैली लोगो ने बच्चों की कुशलता की प्रार्थना की।

ग्रेटमैंन स्कूल की बस पेड़ से टकराई,ड्राईवर की मौत


सागर के बहेरिया थाना क्षेत्र में एक स्कूल बस अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई । इसमे  ड्राईवर जीवन अहिरवार की मौत हो गई। और सात बच्चे घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ग्रेटमैंन इंटरनेशनल स्कूल की बस छुट्टी के बाद सागर से पथरिया बच्चों को छोड़ने जा रही थी तभी रास्ते में बस अनियंत्रित हो गई और चनाटोरिया के पास एक पेड़ से टकरा गई ।जिसमें ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 7 बच्चे  घायल हो गए।  नीलू दुबे नाम के बच्चे को कुछ ज्यादा चोट आई है । बहेरिया  थाने से मिली जानकारी के अनुसार सीबी O4 ई 2107 ग्रेट मैन स्कूल की बस है। जिसका एक्सीडेंट हुआ है सभी बच्चों को सागर श्री हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया हैI मौके पर पुलिस पहुँचगई। 

देवरी में स्कूल बस और ट्रेक्टर ट्राली टकराई,बाद में बाईक भिड़ी

देवरी  नगर के पुराने बाईपास नेशनल हाईवे 26 अमन पैलेस  से कुछ दूरी पर एक ट्रैक्टर ट्राली और स्कूल वैन की टक्कर हो गई जिसमें 9 बच्चे चालक परिचालक समेत 13घायल हो गए हैं।  घटना के तुरंत बाद सभी बच्चों को और चालक परिचालक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाले सभी 9 बच्चों को सिर और हाथ पैर में चोट पहुंची हैं एवं चालक को गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया है।यह हादसा उस समय हुआ जब सनशाइन निजी स्कूल की इको स्टार स्कूली वैन क्रमांक एमपी 15 सी बी 92 43 एलकेजी में पढ़ने वाले बच्चों को छुट्टी होने के बाद घर घर छोड़ने जा रही थी तभी पुराने बाईपास अमन पैलेस के पास आगे   बिजली के सीमेंट पोल से लगा ट्रैक्टर ट्राली अचानक कुसुम विहार कॉलोनी की ओर मुड़ गया वही पीछे से चली आ रही स्कूली वैन  के पोल स्कूली वैन में टकरा गए जिससे स्कूली वैन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और चालाक घायल हो गया चालक घायल अवस्था में करीब डेढ़ सौ फीट तक स्कूली वैन को खाई में उतार दिया । इस घटना में 4 और 5 साल की उम्र की 9 स्कूली बच्चे सवार थे जो घायल हो गए हैं बच्चों को हाथ पैर और सिर में चोटें पहुंची हैं स्कूल वैन चालक तरुण पाठक को प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है।

  घायल स्कूली बच्चों मे आयुषी पिता गोपाल यादव उम्र 5,संस्कार पिता संदीप कुर्मी उम्र 4 साल ,वैश्णवी पिता प्रदीप कुर्मी 5 साल, अमर्ष जैन 5 साल ,अवनी राय पिता ब्रजेश राय 5 साल ,सोमेश पिता मिथुन, मोहित पिता राजकुमार ,खुशी पिता संजू दुबे।  क्लीनर जितेंद्र जितेंद्र राजपूत भी घायल हो गया है जिसके सर में चोट पहुंची हैं।

 इस घटना के दौरान स्कूल वैन एक बाइक सवार से टकरा गई जिसमें बाइक सवार सुखदेव और  आदिवासी उम्र 15 वर्ष एवं  वृंदावन उम्र 40 वर्ष को बेन ने टक्कर मार दी जिसे पिता पुत्र दोनों घायल हो गए। स्कूली वैन की टक्कर की खबर नगर में आग की तरह फैली जिससे बड़ी संख्या में अभिभावक अस्पताल में पहुंच गए जहां अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। इस हादसे मे सभी बच्चे बाल-बाल बच गए हैं जानकारी के अनुसार स्कूली वैन में करीब 16 बच्चे सवार थे। सूचना मिलने पर देवरी एसडीओपी अजीत पटेल एवं थाना पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था।