नए संसद भवन के भूमि पूजन में डॉ. इन्दु जैन ने किया 'जैन धर्म' का प्रतिनिधित्व
नईदिल्ली। भारतवर्ष के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी. इस ऐतिहासिक अवसर पर 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना का सौहार्द्रपूर्ण सन्देश देने तथा इस अवसर को मंगलमय बनाने हेतु 'सर्वधर्म प्रार्थना' के तहत संसद भवन की नींव रखने का कार्यक्रम आयोजन किया गया, जिसमें जैनधर्म का प्रतिनिधित्व करने हेतु डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव को निमंत्रण दिया गया है. डॉ. इन्दु ने भारत की प्राचीनतम भाषा प्राकृत एवं संस्कृत में गाथा, मंगलाष्टक एवं महावीराष्टक की स्वरमयी प्रस्तुती करके न केवल सस्वर मंगल पाठ किया बल्कि जैन धर्म के साथ-साथ भारत की प्राचीनतम भाषा एवं संस्कृति का भी प्रतिनिधित्व किया, जिनसे पूरा संसद भवन परिसर गुंजायमान हो गया.
गौरतलब है कि डॉ. इन्दु जैन, राष्ट्रीय स्तर पर गाँधी जयंती एवं गाँधी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में विगत एक दशक से जैन प्रार्थना द्वारा जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करती आ रहीं हैं. डॉ. इन्दु जैन सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व जैनदर्शन विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी एवं आदर्श महिला सम्मान से सम्मानित डॉ. मुन्नीपुष्पा जैन की सुपुत्री एवं समाजसेवी श्री राकेश जैन की जीवनसंगिनी हैं। इंदु का परिवार सागर जिले के दलपतपुर का है।
डॉ. इन्दु जैन ने बताया कि कहा कि इस ऐतिहासिक दृश्य की साक्षी बनकर वो बहुत अभिभूत महसूस कर रही हैं।
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इस मंगल अवसर पर माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि "पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा।" गृह मंत्री अमित शाह जी ने कहा कि "नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक होगा जो देशवासियों की आशाओं और आकाँक्षाओं को पूर्ण करने का केंद्र बनेगा ।" लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि "भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है, जीवनमंत्र व जीवनतत्व है। भारत की आत्मा लोकतंत्र है". ऐसा माना जा रहा है कि अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो सके. बता दें कि नए संसद भवन में लोक सभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा. वहीं राज्य सभा का भी आकार बढ़ेगा।
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