जनवरी से होगा ड्रोन से ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण ,नक्शे पर आएगा किस मकान का कौन है मालिक: कलेक्टर


जनवरी से होगा ड्रोन से ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण ,नक्शे पर आएगा किस मकान का कौन है मालिक: कलेक्टर



सागर ।  कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने बताया कि जनवरी से होगा ड्रोन से ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण नक्शे पर आएगा किस मकान का कौन है मालिक। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना के तहत सागर में पहली बार ड्रोन से ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण किया जाएगा। दिसंबर के बीच में सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ड्रोन सर्वे के लिए सागर आएगी । हालांकि टीम के आने की तारीख जिला प्रशासन को 3 दिन पहले ही मिलेगी । सर्वे में ड्रोन और पटवारी सर्वे के बाद जो नक्शा तैयार होगा उसमें गांव के मकान और खसरा नंबर के साथ मालिक का नाम भी लिखा जाएगा ।


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एसएलआर श्री राकेश अहिरवार ने बताया कि तहसीलदारों द्वारा केस दर्ज करने का काम शुरू किया जा चुका है । इसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ड्रोन सर्वे करेगी । सर्वे बीना की तरफ से शुरू होगा । टीम एक दिन में 6 से 10 गांव तक का सर्वे करेगी । ड्रोन से सर्वे के बाद प्रारूप 1 नक्शा तहसीलदार और पटवारियों को सौंपा जाएगा । वे प्रारूप से अपने रिकॉर्ड का मिलान करेंगे । इसके बाद नक्शा मोबाइल एप सारा पर अपलोड होगा । पटवारियों द्वारा सर्वे कार्य किया जाएगा । हर एक मकान व भूमि का रिकॉर्ड एप पर अपलोड होगा । इसके बाद प्रारूप का प्रकाशन कर दावे - आपत्ति बुलाए जाएंगे । अंत में सब कुछ सही होने पर अधिकार अभिलेख जारी होंगे । इस पूरी प्रक्रिया में करीब छह माह का समय लग सकता है । सर्वे के दौरान विवाद की स्थितियों से बचने के लिए प्रशासन द्वारा पंचायत स्तर पर समितियों का गठन किया गया है । इसमें सरपंच , सचिव , पटवारी और दो आम नागरिक शामिल रहेंगे । 25 सितंबर 2018 तक काबिज का ही कब्जा माना जाएगा । सर्वे में एक परिवार की परिभाषा रसोई से तय होगी । एक घर में दो रसोई मिली तो उन्हें दो परिवार माना जाएगा । इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र की आबादी का सर्वेक्षण एवं अधिकार अभिलेख तैयार किया जाना है । इसके बाद । आबादी क्षेत्र के समीप यदि दखल रहित भूमि पर बसाहटें मिलती हैं तो उस भूमि को आबादी घोषित की जाने की कार्यवाही की जा सकेगी । वहा रहने वाले लोग अपनी संपत्तियों पर बैंक ऋण का लाभ उठा सकेंगे। भविष्य में पारिवारिक विभाजन और संपत्ति के हस्तांतरण की प्रक्रिया भी सुचारू होगी। सरकार को सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा और रख-रखाव आसान हो जाएगा । 



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