किसान आंदोलन बिखरने की कोशिशें "चीप पालिटिक्स" : गांधीवादी नेता राजगोपाल ★ सागर पहुची एकता परिषद, 17 दिसम्बर से मुरेना से दिल्ली करेंगे पदयात्रा


किसान आंदोलन बिखरने की कोशिशें  "चीप पालिटिक्स" : गांधीवादी नेता राजगोपाल
★ सागर पहुची एकता परिषद, 17 दिसम्बर से मुरेना से दिल्ली करेंगे पदयात्रा



सागर। एकता परिषद के संस्थापक और  सर्वोदयी गांधीवादी नेता राजगोपाल पी वी का कहना है कि किसान आंदोलन को सरकार बातचीत की बजाय बिखेरने में लगी है। इससे संवाद आगे नही बढ़ पायेगा।पिछले कुछ दिनों से यही हो रहा है। चीप पालिटिक्स हो  रही है। सरकार किसानों की जरूरतों के हिसाब से  कानून बनाये । अपने कानून नही थोपे। 
गांधीवादी नेता राजगोपाल ने आज शाम को मीडिया से चर्चा में कही। वे 17 दिसम्बर से मुरेना से दिल्ली तक किसानों के समर्थन में पदयात्रा करेंगे। 

उन्होंने बताया कि मुरेना में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बातचीत होने की संभावना है। राजगोपाल ने कहा कि सरकार पहले कानून वापिस ले। छोटे छोटे सुधारो से कुछ नही होने वाला। पूरे देश के किसानों का समर्थन है।  पंजाब के ही किसान इसमे शामिल है। इसको प्रचारित किया जा रहा है। वास्तव में ऐसा नही है। कोरोना में आवागमन साधन कम होने और पुलिस के रोकने से लोग नही पहुच सके। लेकिन देशभर में अपने अपने स्तर पर किसान और अन्य संगठन अपनी बात आंदोलनों के जरिये रख रहे है। अब किसानों के समर्थन में देश के कई हिस्सों से लोग पहुच रहे है। अब उनका मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है। जिसे कई संगठन पूरा करने निकले है। 
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद तय हुआ था उधोगों और कृषि को बढ़ावा देंगे। लेकिन आज इंडस्ट्री बढ़ गई। किसान वही खड़ा है। किसान को अपने उत्पाद की कीमत तय करने का अधिकार नही है। किसान msp पर ही टिका है। जबकि जमाना mrp का है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशे लागू करना चाहिए। जिसमें महिला को भी किसका दर्जा मिले। किसान कर्ज मुक्त हो। उसको फसल की सही कीमत मिले। कोरोना काल के चलते किसानों को उम्मीद थी कि सरकार उनके हितों में निर्णय लेगी लेकिन ऐसा नही हुआ। नए कृषि कानूनों में मंडी बन्द होने,य कांट्रेक्ट फार्मिंग और ओपन खरीदी से किसानों को नुकसान होगा। इसमे कारपोरेट सेक्टर के फायदे ज्यादा है। 
उन्होंने कहा कि वर्तमान में आंदोलन को बिगाड़ने, गाली देने या आरोप लगाने से कुछ नही होगा। अच्छे स्तर पर सरकार बातचीत करे।पूरे किसान आतंकवादी नही है। उन्होंने कहा कि  किसानों के आत्महत्याओं की दर बढ़ रही है। इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सर्वसेवा सघ, सर्वोदय समाज,भारत नवनिर्माण अभियान जल बिरादरी आदि संगठनों के प्रतिनिधि पहुच रहे है।


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कवर्धा छत्तीसगढ़ से मुरैना तक किसानों के मुद्दे पर जनजागरूकता यात्रा पहुँची सागर

खेती-किसानी के इस संकटपूर्ण समय में एकता परिषद ने राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया है। 13 दिसंबर से 16 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कवर्धा तहसील से मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडोरी, उमरिया, कटनी, दमोह, सागर, ललितपुर, झांसी, दतिया, ग्वालियर होते हुए मुरैना तक की जागरूकता यात्रा निकाली जा रही है। इसकी अगुवाई एकता परिषद के संस्थापक एवं गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. कर रहे हैं। 

राष्ट्रीय संयोजक एकता परिषद राट्रीय संयोजक अनीष कुमार और सागर जिले के संयोजक
दीपक अग्रवाल ने बताया कि  इसके बाद 17 दिसंबर से केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना से दिल्ली की ओर पद यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा में किसानों के पक्ष में व्यापक समाज को जोड़ने का काम किया जाएगा। सागर जिला के विभिन्न गाँव के किसानो से संवाद कर ते हुऐ किसान जागरूकता यात्रा आगे प्रस्थान करेंगी ओर 17 दिसंबर 2020 एकता परिषद केसंस्थापक,एवम् गांधीवादी नेता  राज गोपाल  के नेतृत्व में प्रदेश के हजारो किसानो के साथ मुरैना से दिल्ली की ओर पैदल कुच करेगे आन्दोलन में सागर जिला के सैकड़ों किसान सम्मलित होगे । 


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