महार रेजिमेंट केन्द्र से सैन्य प्रशिक्षण पाकर 173 नव सैनिकों ने ली देश पर मर मिटने की कसम
सागर। सागर स्थित महार रेजिमेंट केन्द्र के ऐतिहासिक ' अनुसुईया प्रसाद परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य एवम् आकर्षक ' पासिंग आउट परेड ' के दौरान महार रेजिमेंट का आदर्श वाक्य ' यश- सिद्धि गुजायमान हो उठा । 34 सप्ताह की कड़ी मेहनत और कठिन सैन्य प्रशिक्षण के उपरांत रिक्रूट कोर्स क्रमांक - 140 एवं 141 के युवा सैनिकों ने तिरंगे के समक्ष राष्ट्र सेवा की शपथ ग्रहण की । ब्रिगेडियर असित बाजपेई , कमांडेंट , महार रेजिमेंट केन्द्र ने सैनिकों को संबोधित करते हुए , महार रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास और उन वीर सैनिकों की शहादत का उल्लेख किया , जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए । नव - सैनिकों को वर्तमान परिस्थितियों और चुनौतियों के विरुद्ध डटे रहकर देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया तथा केन्द्र में प्रशिक्षणार्थियों को विषम परिस्तिथियों के बावजूद , प्रशिक्षण जारी रखते हुए उच्च कोटि के सैन्य प्रशिक्षण हॉसिल करने पर संतोष व्यक्त किया । कमांडेंट ने आपसी सौहार्द और टीम भावना पर जोर देते हुए नव सैनिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी जव सैनिक इसका पालन करेंगे ।
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इस अवसर पर भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व . अटल बिहारी बाजपेई भारत रत्न द्वारा लिखि गई कविता के अनमोल पंक्तियों को याद किया :
"कदम मिला कर चलना होगा बाधाएं आती है आए घिरे प्रलय की घोर घटाएं , पॉवों के नीचे अंगारे , सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं , निज हाथों से हँसते - हँसते आग लगाकर जलना होगा । कदम मिला कर चलना होगा"।
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