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सागर स्मार्ट सिटी की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में हुए कई निर्णय

सागर स्मार्ट सिटी  की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में हुए कई निर्णय

सागर। सागर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर विकास के अनेक मुद्दों को लेकर स्मार्ट सिटी कार्यालय में एडवाइजरी (परामर्शी) समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में विधायक  शैलेन्द्र जैन, जिला कलेक्टर सह अध्यक्ष  दीपक सिंह, नगर निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक  आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ  राहुल सिंह राजपूत, वरिष्ठ समाजसेविका श्रीमति मीना पिंपलापुरे ताई(वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से), श्री देवेश गर्ग, इंजी. श्री प्रकाश चौबे, श्री राजू तिवारी, स्मार्ट सिटी कंपनी सचिव श्री रजत गुप्ता,पीएमसी टीम लीडर डॉ आलोक चौबे,  प्रोजेक्ट संबंधित इंजीनियर एवं एजेंसी के अधिकरी आदि शामिल हुए। अधिकारियों की उपस्थिति में वर्तमान एवं आगामी विकास कार्यों पर सुझाव दिये गए तथा
सर्वसम्मिति से निर्णय लिये गये।

स्मार्ट सिटी अंर्तगत प्रोजेक्ट्स में लेक साईड एलीवेटेड कॉरीडोर, रेस्टोरेशन एंड हेरिटेज कंजर्वेशन ऑफ आईडेंटीफाइड हेरिटेज साईट्स, मटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेंटर एवं सी एंड डी वेस्ट प्लांट, फायर फाइटिंग सिस्टम स्टेशन, सोलर एंड एनर्जी इफीसियेंट स्ट्रीट लाईटिंग, स्मार्ट रोड कॉरीडोर, ओल्ड आरटीओ परिसर में इन्क्यूबेशन सेंटर, कामकाजी महिला छात्रावास (वर्किंग वुमन हॉस्टल) लाखा बंजारा लेक रिजुवनेशन एंड डेवलपमेंट सहित कुल 8 विषयों के प्रस्तुत प्रजेंटेशन पर विस्तार से चर्चा कर परामर्शी समिति सदस्यों द्वारा सुझाव दिये गये।

विधायक श्री जैन ने लाखा बंजारा लेक रिजुवनेशन प्रोजेक्ट की ड्राईंग-डिजाइन पर चर्चा कर चल रहे कार्य की  सराहना करते हुए कहा की झील में डीसिल्टिंग का कार्य जल्दी प्रारंभ करें। प्रजेंटेशन में दिखाई गई नाला टेपिंग प्रक्रिया एवं मोंगा बधान के पास एसटीपी निर्माण अंतर्गत बताया गया की झील में मिलने वाले सभी नालों का गंदा पानी पाइपलाइन से ग्रेविटी द्वारा एसटीपी तक भेज कर ट्रीट किया जायेगा एवं इन पाइपलाइन की मदद से झील के किनारे वाले निचले क्षेत्रों की बारिश में जलभराव की समस्या को भी हल किया जा सकेगा।
जिला कलेक्टर ने सभी प्रोजेक्ट प्रजेंटेशनों की समीक्षा कर कहा की शहर में फायर फाइटिंग सिस्टम, कामकाजी महिला छात्रावास, मटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेंटर एवं सी एंड डी वेस्ट जैसे प्रोजेक्टों की बहुत आवश्यक्ता है। मटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेंटर एवं सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट पर चर्चा करते हुए कहा की यह प्रधानमंत्री जी के 3आर फार्मूला(रिड्यूज, रिसाइकिल एवं रियूज) का उदाहरण बनेगा। इसके साथ ही इन्क्यूबेशन सेंटर को जल्द से जल्द तैयार कराने हेतु निर्देशित किया। जिससे शहर के युवाओं को स्टार्टअप हेतु सहयोग मिलेगा साथ ही शहर में प्रतिभावान युवाओं को अच्छे कंसल्टेंटो की मदद से अपने व्यवसाय शुरू करने में भी सहयोग मिलेगा।

इन बिन्दूओं पर सर्वसम्मिति से हुए निर्णय


- एलीवेटेड कॉरीडोर चकराघाट से तीन मढ़ीया तक बनाया जाये। जिसमे लगभग 900 मीटर सड़क के साथ 100-100 मीटर रेंप तैयार किया जायेगा, कॉरीडोर की चौड़ाई 11 मीटर होगी।

- इन्क्यूबेशन सेंटर प्रोजेक्ट जो अन्य स्मार्ट सिटीज में सफलता पूर्वक संचालित है उनके एक्सपर्ट से बात कर अच्छे कंसल्टेंटों की व्यवस्था करें। ऐसी व्यवस्थाएं करें की आगामी समय में इसे अटल इन्क्यूबेशन से जोड़ा जा सके।

- सागर के हैरिटेज साइटों के पुनर्विकास हेतु चिन्हित किये गए बावड़ियों, बड़े कुओं एवं जलस्रोतों आदि के साथ शहर की अन्य साईटों को भी चिन्हित किया जाये जिसमें किले की दीवार, पदमाकर स्कूल के पास गुंबद आदि के सुझाव दिये गए।

- स्मार्ट सिटी द्वारा तैयार की जाने वाली कामकाजी महिला छात्रावास, इन्क्यूबेशन सेंटर बिल्डिंगों में सुविधानुसार वेसमेंट तैयार कर या ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- शहर के मास्टर प्लान अनुसार सड़कों किनारे हो रहे अतिक्रमण को रोकने हेतु एक समीति गठित की जाये। इसके अलावा डफरिन हैरिटेज स्थल के अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाया जाये।
- हेरिटेज साइट अंर्तगत चिन्हित जलस्रोतों का उपयोग फायर फाइटिंग वाहनों द्वारा वाटर फिलिंग स्टेशन के रूप में किया जाये जिससे इनके पानी को स्वच्छ रखा जा सकेगा। 


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