बिहार में नीतीश कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे?
@ज्योतिषाचार्य पं अनिल पांडेय
आज समाज में एक बड़ा प्रश्न है। बिहार में एनडीए का बहुमत हो गया है परंतु जनता दल यूनाइटेड के विधायकों की भारतीय जनता पार्टी के विधायकों से कम है। अतः यह प्रश्न उठता है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं और अगर बनेंगे तो कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे।
इस बात की गणना करने के लिए नीतीश कुमार की कुंडली का होना आवश्यक है परंतु यह कुंडली मेरे पास उपलब्ध नहीं है नेट की जो कुंडली उपलब्ध है वह मेरे विचार से सही नहीं है।
अतः इसकी प्रश्न कुंडली बनाई गई जो कुंभ लग्न की है । जनता के भाव में वृषभ राशि तथा राहु ग्रह हैं। राहु उच्च के हैं जिनकी दृष्टि अष्टम घर पर और ,दशम घर पर है । इन तीनों पर राहु की दृष्टि शुभ मानी जाएगी । राहु उच्च के हैं । यह बताता है कि जनता अर्थात विधायकों में इनका समर्थन कम रहेगा ।परंतु दबंगई के कारण कोई कुछ बोल नहीं सकेगा।
शत्रु भाव अर्थात छठे भाव में कर्क राशि है । तथा कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा नीच के शुक्र के साथ अष्टम भाव में बैठे हैं । जो किसी भी तरह से अच्छा नहीं कहा जा सकता है ।परंतु इसका विश्लेषण यह किया जा सकता है की विरोध बहुत मजबूत नहीं होगा। उच्च के केतु की दृष्टि भी छठे भाव पर है । जिसके कारण बहुत सारे कंफ्यूजन पैदा होंगे।
सप्तम भाव में अर्थात पार्टनर के भाव में सिंह राशि है तथा इस पर गुरु की दृष्टि है । सिंह राशि का स्वामी सूर्य नीच का होकर सप्तम भाव में है ।अतः यह कहा जा सकता है कि उनका पार्टनर बुद्धिमान तो है परंतु राजा बनने का इच्छुक नहीं है । भाग्य के भाव में अर्थात नवम भाव में तुला राशि है ।जिसका स्वामी शुक्र है। नवम भाव में नीच का सूर्य है जो भाग्य की खराबी बताता है। परंतु इस पर मंगल की दृष्टि है ।मंगल वक्री है ।अतः यह भी कमजोर है ।इस पर शनि की दृष्टि भी है । शनि अपने ही घर में है तथा उच्च दृष्टि से भाग्य भाव को देख रहा है । इसका अर्थ है की इनको भाग्य से एकाएक फल की प्राप्ति होगी ।नवम भाव में मित्र राशि में बुद्ध बैठा हुआ है । यह भी भाग्य को मजबूत बनाएगा । भाग्य के हिसाब से नितीश कुमार काफी मजबूत हैं।
प्रश्न कुंडली के अनुसार वर्तमान में सूर्य में सूर्य की महादशा में गुरु की अंतर्दशा में गुरु की प्रत्यंतर दशा है यह दशा अत्यंत अच्छी है और इसमें नीतीश कुमार निश्चित रूप से मुख्यमंत्री निर्वाचित होंगे । इनका शपथ ग्रहण 15 नवंबर तक या 21 नवंबर तक हो जाएगा । 21 नवंबर से 19 दिसंबर तक मंत्रिमंडल बनाने की कार्यवाही होगी और 19 दिसंबर के पहले मंत्रिमंडल पूर्णतया बन जाएगा । एक अजीब सी बात यह भी आ रही है कि इसमें हरिजन एवं किसी मुस्लिम कायस्थ या ईसाई व्यक्ति का विशेष सहयोग होगा।
श्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल को पहला झटका 2 अप्रैल 2021 से लेकर 5 जून 2021 के बीच लगेगा । मंत्रिमंडल में पहली उथल-पुथल 29 अगस्त 2021 के बाद होगी । अर्थात 29 अगस्त तक नितीश मंत्री मंडल को कोई डर नहीं है।
विशोन्तरी दिशा के अनुसार 15 जुलाई 20 20 से नितीश कुमार की स्थिति खराब थी । जोकि 9 नवंबर 2020 तक थी। क्योंकि इस समय सूर्य की महादशा में राहु की अंतर्दशा में शुक्र सूर्य चंद्रमा एवं मंगल का प्रत्यंतर चल रहा था । सूर्य में बृहस्पति के अंतर में बृहस्पति का प्रत्यंतर 10 नवंबर से प्रारंभ हुआ है और यह दशा आते ही नीतीश कुमार मजबूत हुए हैं। अतः वर्तमान में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने से कोई रोक नहीं सकता है तथा इसमें सभी का इनको सहयोग मिलेगा।
जय मां शारदा
निवेदक -
पंडित अनिल पाण्डेय
स्टेट बैंक कालोनी, मकरोनिया सागर
मोबाइल नंबर 8959594400
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