मन्त्री पद छोड़ा, गोविंद राजपूत हुए भावुक और आँखों मे आये आंसू , मंच से हाथ जोड़कर मांगी गलतियों की क्षमा, बोले जिताने वाली जनता और बनाने वाले सीएम यही है..
★ तीन दफा अलग अलग सम्बोधन में बताई आँसुयो की कहानी
सागर। उपचुनाव में अब उम्मीदवारों का रोना , भावुक होना शुरू हो गया है। खासकर भाजपा में सिंधिया समर्थकों का।मन्त्री इमरती देवी के ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मंच पर रोते हुए दृश्य ने भावुक बनाया।
बुधवार को गोविंद का मन्त्री पद गया। इसी दिन सुरखी विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सभा मे गोविंद राजपूत भावुक हुए और आंसू अपने आंसू पोछे।
पूर्व मंत्री गोविन्द राजपूत मंच से सम्बोधन दे रहे थे । गोविंद कमलनाथ सरकार द्वारा की गई उपेक्षा और सीएम शिवराज से मिले आत्मीयता का जिक्र करते समय भावुक हो गए और आंसू पोछते हुए कहा कि में अब उस पार्टी में हूँ जो विकास में विश्वास रखती है। वही मन्त्री पद को लेकर बोले कि मैने संवेधानिक प्रक्रिया का पालन किया है। सभा मे जिताने वाली जनता है और बनाने वाले मंच पर बैठे है।
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दरअसल जिन विधायको ने पार्टी छोड़ी उनके लिए यह चुनाव जीवन मरण का हो गया है। यदि चुनाव हार तो सब कुछ गया। सिंधिया समर्थक गोविंद राजपूत का मन्त्री पद गया। उन्होंने आज इस्तीफा दे दिया। मन्त्री पद जाने के बाद पहली सभा मे गोविंद राजपूत ने भावुक अंदाज में मुख्यमंत्री और भाजपा की तारीफ की वही आंसू भरे हुए अंदाज में दोनो हाथ जोड़कर जनता से गलतियों की क्षमा मांगी और कहा कि जाने अनजाने में कभी भी कोई गलती हुई हो तो में क्षमा मांगता हूं। भविष्य में कोई लती नही करूंगा आपकी सदैव सेवा करूंगा। पूरे सम्बोधनमे तीन दफा आंसू पोछे
यहां बता दे सुरखी विधानसभा से गोविंद राजपूत का लगातार यह छठवा चुनाव है। तीन दफा कांग्रेस के टिकिट पर जीते और दो दफा हारे। उनका मुकाबला पारुल साहू से है। पारुल ने सन 2013 में भाजपा के टिकिट से कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद राजपूत को हराया था। अब फिर आमने सामने है । पार्टी बदलकर।
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