शरद पूर्णिमा उत्सव आयोजन : आशावान गुजराती युवाओं का समाज को सन्देश - "हम होंगे कामयाब"
सागर । कोरोना संक्रमण काल ने जहाँ एक ओर अनेक विश्वव्यापी चुनौतियाँ खड़ी की हैं वहीं मानव मन को भी झकझोर दिया है । नकारात्मकता, नीरसता, उदासीनता, अवसाद, एकाकीपन और घातक भावनात्मक असंतुलन जैसे दुष्प्रभाव भी सामने आने लगे हैं । वर्तमान महामारी के समय और देशकाल में टूटते मनोबल को सहारा देना , और मानव मन को मजबूत ,संवेदना युक्त और संतुलित बनाये रखने के उपाय भी समय की बड़ी मांग है ।
शहर के गुजराती ब्राह्मण युवाओं के सजग समूह ने समाज के लोगों को इन समस्याओं से उबारने के जतन किये । शरदोत्सव पर विविध कलाओं और संस्कृति से जुड़े रहने के केन्द्रीय विचार से साथ सकारात्मक और रचनात्मक बने रहने के ऑन-लाइन विकल्प खोले । कोरोना संक्रमण गाइड लाइन के चलते, समाज के सभी वर्गों के लिए दो दिनी शरदोत्सव में चित्रकला,रंगोली, नृत्य,गीत जैसी ऑन लाइन प्रतियोगितायें रखी गईं । इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने अपने घरों में रहकर अच्छी संख्या में भाग लिए । अपनी प्रविष्ठियां दिए गए, व्हाट्सएप नम्बरों पर वीडियो,चित्रों और दूसरे विवरणों के साथ भेजीं । संयोजकों और निर्णायक मंडल ने इन का मूल्यांकन कर, इनमें आगे रहे प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप मेडल वितरित कराये ।
रंगोली में भावना पंड्या, संगीता शुकुल, नृत्य में रिद्धि सेलट,आध्या त्रिवेदी,जिज्ञासा शुकुल. चित्रकला ( किशोर वर्ग) में राजुल पंड्या, अनुष्का सेलट नाव्या त्रिवेदी चित्रकला (बाल वर्ग ) में सान्वी सेलट मिशिका पंड्या पलाशी सेलट ,और गीत में अनुष्का सेलट सान्वी सेलट अनिका सेलट आगे रहीं ।
संयोजकों में कु.मेघा पंड्या,शानया सेलट,श्रुति सेलट,ऋतु दवे सरिता त्रिवेदी,अनन्या पंड्या , संस्कृति पंड्या और श्रुति सेलट की प्रमुख भूमिकाएं रहीं । इन सभी ने प्रतिभागियों को सांस्कृतिक कला आयोजनों में भाग लेने के लिए आभार माना । समाज अध्यक्ष संदीप भाई मेहता और वरिष्ठ सहयोगी प्रदीप भाई त्रिवेदी ने संयोजक मंडल सहित समाज के सभी सदस्यों, प्रतिभागियों को शरद पूर्णिमा पर सृजनात्शुमक बने रहने और महामारी से डट कर मुकाबला करते चलने की शुभकामनायें दीं हैं ।
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