लोक निर्माण मन्त्री गोपाल भार्गव के गृहनगर में स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल,
* कोरोना काल मे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद पर डाक्टर से लेकर चौकीदार तक गायब मील
* मन्त्री भार्गव ने जोर जोर से आवाज लगाई कोई है......नही मिला कोई चिल्लाते रह गए
* कांग्रेस ने बनाया मुद्दा, मन्त्री भार्गव बोले कांग्रेस की यह गैर जिम्मेदाराना राजनीति
* मन्त्री भार्गव ने अपने फेसबुक पेज से किया वायरल वीडियो, सरकार से लेकर निचले स्तर तक मचा हड़कंप
@ विनोद आर्य
सागर।( तीनबत्ती न्यूज़ ) । एमपी के कद्दावर मन्त्री गोपाल भार्गव एक वार फिर चर्चा में है। उन्होंने अपने गृहनगर गढाकोटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की रात ढाई बजे निरीक्षण किया। यहां की शिकायते मिली थी। लेकिन जब भार्गब पहुचे तो हॉस्पिटल में कोई नही मिला। इस वाकया ने कोरोना काल मे एक मन्त्री के गृहनगर के स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली की पूरी कलई खोल दी।
इससे नाराज भार्गब ने सोशल मीडिया पर वीडीओ जारी किया और लम्बा चौडा व्यवस्थाओं को लेकर लिखा। जमकर नाराजगी दिखाई और कार्यवाही की बात कही। आज सुबह से इस वीडियो के जारी होते ही हड़कम्प मच गया। उधर कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया। कांग्रेस सोसल मीडिया पर मन्त्री भार्गव के इस वीडियो के साथ उतर आई है। कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने लिखा कि मन्त्री ने पोल खोल दी।
देखे मन्त्री गोपाल भार्गव का वीडियो, आवाज लगाते हुए....कोई है...
मन्त्री गोपाल भार्गव ने यह लिखा फेसबुक पेज पर
विगत कुछ दिनों से मुझे शिकायत प्राप्त हो रही थी कि गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है लेकिन कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी उन्हें नहीं मिलते कल देर रात भोपाल से लौटने के उपरांत आज दोपहर मुझे पुनः शिकायत प्राप्त हुई कि अस्पताल में मरीजों के लिए डॉक्टर या कर्मचारी नहीं मिलते तथा शासन द्वारा अस्पताल में उपलब्ध कराई गई दवाइयां, एक्स-रे फिल्म आदि की व्यवस्था भी नहीं है जिसके उपरांत आज रात्रि में 2:30 बजे मैंने गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया मेरे साथ में गढ़ाकोटा नगर के कुछ आमजन भी मौजूद थे मैंने पूरी अस्पताल का भ्रमण किया जोर जोर से आवाज भी लगाई लेकिन कोई भी डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ यहाँ तक कि चोकीदार भी अस्पताल में उपस्थित नहीं मिला ।
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पूरे अस्पताल की परिक्रमा करने के बाद मैं अपनी स्कूटी से अपने घर आ गया, सोच रहा हूं ! कि कैसे गैर जिम्मेदार लोग हैं, की प्रदेश सरकार में मंत्री के गृह नगर के स्वास्थ्य केंद्र के यह हालात है की मंत्री 2:30 बजे रात को जाग रहा है और कर्मचारी दिन में भी नहीं मिल रहे हैं यही हाल मेरे विधानसभा क्षेत्र के रहली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र का भी है मैंने आज यह तय किया है की जब भी मैं अपने क्षेत्र में रहूंगा दिन और रात में कम से कम 2 बार इन अस्पतालों का औचक निरीक्षण अवश्य करूंगा न ही खुद सोऊंगा और न ही सोने दूंगा तथा लापरवाही में लिप्त पाए जाने पर इनके विरुद्ध विधि सम्मत जो भी सख्त कार्यवाही की जा सकेगी उसे भी करूँगा । महामारी के संक्रमण काल मे स्वास्थ्य सेवा जैसी आपातकाल सेवाओं में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने लायक बिल्कुल भी नही है, एक तरफ जहां मनरेगा का मजदूर 200 रुपए प्रति दिन की मजदूरी के लिए अपनी हड्डियाँ तोड़ रहा है वही 3-4 हजार रुपए प्रति दिन का मोटा वेतन लेने वाले डॉक्टर और अधिकारी अपने वातानुकूलित घरों में ऐश कर रहे है अब यह नहीं चलेगा | अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों के औचक निरिक्षण के साथ-साथ अब मैं जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओ का निरिक्षण भी सप्ताह में 2 दिन करूँगा | मैंने माननीय मुख्यमंत्री महोदय को भी स्वास्थ्य व्यस्थाओ के संबंध में अवगत कराया था उन्होंने मुझे शीघ्र-अतिशीघ्र व्यवस्थाओं को ठीक कराने का आश्वासन दिया है | सभी व्यवस्थाएं सरकार के भरोसे नही छोड़ी जा सकती, अधिकार प्राप्त जनप्रतिनिधिओ एवं प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी समझकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर सुधारना चाहिए ।
लोकनिर्माण मन्त्री गोपाल भार्गव की फेसबुक पेज की लिंक
कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा का ट्वीट
कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव जी thx, आपने कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल मानवता पर अहसान कर दिया!नेतृत्व अकर्मण्य होगा तो अफसरशाही हावी होगी ही, "शिवराज" में अस्पतालों में "यमराज" को फ्रेंचाइजी मिली हुई है! बच्चे बदलना, शव कंकाल होना, चूहों द्वारा उसे कुतरना आप बात हो गई !
कांग्रेस गैर जिम्मेदाराना राजनीति कर रही है:गोपाल भार्गव
हर जनप्रतिनिधि को अपनी क्षेत्र की जनता के लिए एक पालक और रक्षक के रूप में कार्य करना प्रमुख दायित्व होता है। उसके क्षेत्र में जनता को मिलने वाली सुविधाएं उन्हें निर्बाध रूप से मिले उसके लिए जनप्रतिनिधि इन व्यवस्थाओं में ओर बेहतर सुधार के लिए औचक निरीक्षण भी करें तो उसे राजनीतिक मुद्दा नही बनाना चाहिए। मुझे आश्चर्य है कि मेरे द्वारा अस्पताल के निरीक्षण को लेकर कांग्रेस गैरजिम्मेदाराना तरीके से राजनीति कर रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस की सरकार में उनके जनप्रतिनिधि अगर जनता को मिलने वाली सुविधाओं का कहीं निरीक्षण करने नही गए है, तो यह उनके लिए शर्मनाक बात है। कांग्रेस सरकार में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं कैसे दम तोड़ रही थी यह किसी से छुपा नही है। परिणामस्वरूप जब प्रदेश में कोरोना संकट आया तो आक्सीजन तक सुलभ नही थी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने कोरोना काल में अस्पतालों में आक्सीजन सिलेंडर की समुचित व्यवस्था की। प्रदेश में अलग अलग संभाग में आईसीयू यूनिट का बंदोबस्त किया। कांग्रेस जिस तरीक़े की राजनीति कर रही है पहले उसे अपना मुंह आईने में देखने की जरूरत है।
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