महार रेजिमेंट का 80 वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित


महार रेजिमेंट का  80 वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित


सागर। महार रेजिमेंट केन्द्र, सागर में  रेजिमेंट के 80 वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया । स्थापना दिवस समारोह के शुभ अवसर पर केंद्र केकमाडेंट ब्रिगेडियर अमित बाजपेई ने शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की । इस मौके पर एक स्मारिका का विमोचन हुआ। 

गौरवशाली इतिहास है  महार का

महार रेजिमेंट के स्वर्णिम इतिहास 01 अक्टूबर 1941 से आरम्भ हुआ, प्रथम बटालियन की
स्थापना से अब तक यह रेजीमेंट 21 नियमित इन्फेंट्री बटालियन, तीन टी. ए. बटालियन, तीन
राष्ट्रीय रायफल्स बटालियन और एक टास्क फोर्स बटालियन के साथ विशाल रेजिमेंट के रूप में विकसित हो चुकी है।

शुरुआत में यह रेजीमेंट पूर्णतः महार जाति की एक इन्फैंट्री रेजीमेंट के रूप में स्थापित हुई ।
इसमें बार्डर स्काउट्स बटालियन की मिश्रित जातियों को शामिल कर बनाई गई । अभी यह
"अखिल भारतीय सभी वर्ग" रेजीमेंट के रूप में स्थापित है । रेजिमेंट ने राष्ट्र निर्माण, राहत
अभियानों, जागरूकता कार्यक्रमों और खेलकूद में विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं । रेजीमेंट के
कई सैनिकों ने एशियाई खेलों और ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर ख्याति प्राप्त की ।
हमारी 22 वीं महार रेजीमेंट के सूबेदार अमित पंघाल ने हाल ही में राष्ट्र मंडल खेलों, एशियन गेमऔर विश्व मुक्केबाजी चम्पियनशिप में जीत का परचम लहराया ।

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युद्ध क्षेत्र में महार सैनिकों का योगदान अतुलनीय है । रेजिमेंट के वीर सिपाही अनुसुईया प्रसाद को उनकी बहादुरी के लिए सबसे कम उम्र में महावीर चक्र प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है । मेजर रामास्वामी परमेश्वरन को देश का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'परमवीर चक्र' तथा सूबेदारसुरेश चन्द्र यादव को शान्ति काल का सर्वोच्च वीरता पुरुष्कार अशोक चक्र' प्रदान किया गया । महार रेजिमेंट ने अब तक लगभग 2297 अलंकरणों को प्राप्त कर भारतीय सेना में एक विशेष स्थान प्राप्त किया है।

रेजिमेंट ने सेना व राष्ट्र को महान विभूतियां दी हैं, जिनमें दो सेनाध्यक्ष जनरल के. वी.
कृष्णा राव, परम विशिष्ट सेवा मेडल (1981-83), पाँच पूर्वोत्तर राज्यों व जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल तथा जनरल के. सुंदरजी, परम विशिष्ट सेवा मेडल (1986-88), तीन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एस पी पी थोराट, कीर्ति चक्र, पदम् श्री, डी एस ओ, लेफ्टिनेंट जनरल बी. सी. नंदा, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल तथा लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञानभूषण, परम विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, ए डी सी प्रमुख है। 

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