मिनी एसेंबली चुनाव में मुददा क्या है... पंद्रह साल बनाम पंद्रह महीने या पंद्रह महीने बनाम पांच महीने @ ब्रजेश राजपूत, ग्राउंड रिपोर्ट ,एबीपी न्यूज़

मिनी एसेंबली चुनाव में मुददा क्या है...
पंद्रह साल बनाम पंद्रह महीने या पंद्रह महीने बनाम पांच महीने 

@ ब्रजेश राजपूत, ग्राउंड रिपोर्ट ,एबीपी न्यूज़


भोपाल इस मायने में अनोखा है कि यहाँ पर मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री का निवास बहुत पास पास हैं। श्यामला हिल्स के मुख्यमंत्री निवास और सिविल लाइंस के पूर्व मुख्यमंत्री निवास के दोनों बंगलों की दीवारों को बीच की एक सडक ही दूर करती है। कमलनाथ जी करीब पंद्रह महीने श्यामला हिल्स के बंगले में रहने के बाद अब पिछले पाँच महीने से सिविल लाइंस के बंगले में रह रहे हैं और फिर श्यामला हिल्स के बंगले में जाने के दावे कर रहे हैं। इसमें गलत कुछ भी नहीं है। राजनीति में आने वाला व्यक्ति बडे सपने देखने और बडे दाव करने का हक होता है।
कमलनाथ के बंगले में रोज सुबह भीड लग रही है। ये सब वो लोग हैं जिनको आने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट लेकर चुनाव लडना है। कमलनाथ हमेशा की तरह जल्दी में अपने बंगले से निकलते हैं और आफिस में जाने से पहले सबसे मिलते हैं। टिकट चाहने वालों को वो यही नसीहत देते हैं देखो सर्वे में नाम होगा तो टिकट मिलेगा वरना मैं झूठा आश्वासन नहीं देता। मुझे यहाँ कांग्रेस को सत्ता में वापस लाना है। किसी को खुश करना नहीं है और मैं ये जानता हूं कि ये काम आसान नहीं है। इसलिये मेरा साथ दीजिये और पार्टी जिसको टिकट दे रही है उसे सहयोग करिये। पिछली लिस्ट में कई ऐसे नाम हैं जिनको मैं जानता नहीं था और मिला भी नहीं था मगर सर्वे मंे उनके नाम सामने आये और मैंने उनको चुना तो पार्टी ने उनको टिकट दिया। अब चलो चलो मुझे प्रेस से बात करनी है।

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ये कमलनाथ हैं। अनुभव इतना कि इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक यानिकी तीन पीढियों के साथ सहजता से काम करने वाले। हमेशा काम से काम रखने वाले और हमेशा काम की बात ही बोलने और सुनने वाले। लान में खडे हम प्रेस के लोगों से बात करने आये तो वही जल्दी में। देखो मैं ज्यादा बातें नहीं करता। जनता ने हमारी सरकार के पंद्रह महीने का काम देखा है। चाहे कर्जा माफी हो या फिर सौ रूप्ये में सौ यूनिट बिजली के बिल कम करने के उपाय जनता सब जानती है। हमें फिर वोट करेगी और हम फिर सरकार बनायेंगे। प्रेस से कुछ सवाल आये तो कर दिया हमला शिवराज और सिंधिया पर कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बहुत सारे झूठ बोलते हैं और अब तो सिंधिया भी झूठ बोलना सीख गये है। मगर हम सरकार बनायेंगे क्योंकि जनता ने पंद्रह साल की सरकार के बाद हमारी पंद्रह महीने की सरकार भी देखी है। चलो चलो अब बहुत हो गया। ये कहकर वो फिर कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिले और टाटा सफारी में बैठ कर चल दिये एयरपोर्ट की तरफ जहां उनको विशेश विमान से दिल्ली जाना था बाकी के नामों को आलाकमान से चर्चा करने के लिये।
उधर सिविल लाइंस से थोडी ही दूरी पर मिंटो हाल में मंच सजा है जहां पर प्रदेश के प्र्रतिभाशाली विदयार्थियों को लेपटाप बांटने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिहं आये हुये हैं। उनके साथ शिक्षा मंत्री और कृपि मंत्री भी हैं। सामने थोडे बहुत लोग मगर इस कार्यक्रम का प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में सीधा प्रसारण हो रहा है। एनआईसी की मदद से कुछ छात्र वीडियो कांफ्र्र्र्रेसिंग भी करेंगे सीएम के साथ। शिवराज सिहं बेहद प्रसन्न हैं इसलिये लगे हाथ सवाल भी पूछ लेते हैं वहंा बैठे अफसरों से आपको मालुम मैं सबसे ज्यादा खुश कब होता हूं,, थोडी देर की शांति के बाद वो ही राज खोलते हैं जब मैं अपने भांजे भांजियों से बात करता हूं। ये लेपटाप की राशि बांटना तो बहाना है मुझे तो अपने इन बच्चे बच्चियों से बात करनी हैं। कोई जल्दबाजी नहीं हाव भाव में भी भरपूर संतोश दिख रहा हैं। रीवा और सतना के बच्चे सीएम से बात करते हैं तो गुड मार्निंग मामा जी से शुरू होते हैं। अब क्या है बच्चों की प्रतिभा से खुश मामा उनकी पढाई लिखाई और दिव्यांगता का इलाज कराने का जिम्मा भी साथ बैठे कलेक्टर को देते हैं तो बच्चे अपने घर परिवार की परेशानियां भी मामा जी को बताने लगते हैं। किसी नेता का इतना बेहतर संवाद तंत्र हो तो वो कुर्सी से भले उतर जाये दिल से नहीं उतरता। 

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मगर शिवराज तो यहां अपनी कुर्सी से उतरने का किस्सा सुनाना भी भांजे भांजियों को नहीं भूलते। बोले बीच में हम कुछ समय मुख्यमंत्री नहीं रहे तो क्या हुआ रोज भागना दौडना जारी रखा। भिड जाते थे सरकार से तो लो फिर मुख्यमंत्री बन गये। बच्चों से संवाद खत्म हुआ तो बाहर खडे प्रेस से भी वही बेफ्रिकी से बातचीत। तीखा सवाल आया कि कमलनाथ कहते हैं आप बहुत झूठ बोलते हो। तो जबाव सुनिये अच्छा आजकल कमलनाथ जी मुझ पर बहुत रूठे हैं तो सुनो आपको गिनाता हूं झूठ कौन बोलता है मैं या कमलनाथ। और शिवराज जी का एक लंबा सा बयान। उसके बाद फिर आया सवाल तो आप कितनी सीट जीतोगे। तुरंत जबाव आया पूरी। क्यो क्योंकि जनता ने पंद्रह महीने बनाम पाँच महीने की हमारी सरकार देख ली है अब जनता उनको नही ंहमे ही चुनेगी। अच्छा अब छोडो जाने दो बहुत सारे कार्यक्र्रम लगे हैं। और शिवराज अपनी फारचूनर में बैठ कर चल दिये एयरपोर्ट की तरफ जहां हैलीकाप्टर से उनको प्रदेश में दो तीन जगह कार्यक्र्रम करने जाना था।
और हम हैरान है कि इस चुनाव में मुददा क्या होगा। पंद्रह साल बनाम पंद्रह महीने की सरकार या पंद्रह महीने बनाम पाँच महीने की सरकार। बूझिये।
 
★ Brajesh Rajput, ABP Network
Bhopal,



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