सागर: गिरफ्तारी वारंट निरस्त कराने पहुचा आरोपी, अदालत ने भेजा जेल
सागर। न्यायालय- श्रीमती पूजा पाठक बौरासी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सागर के न्यायालय ने आरोपी संजय रजक का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी दिनेश कुमार खातेकर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अपराधिक प्रकरण क्रमांक 4913/15 के आरोपी संजय रजक के पास से अवैध रूप में 7 पेटी शराब कुल 63 लीटर शराब जप्त होने पर धारा 34(2) आवकारी अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया तथा गिरिफतार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। आरोपी संजय रजक को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा विचारण के दौरान न्यायालय के समक्ष सुनवाई की समस्त तारीखो पर उपस्थित रहने की शर्त पर जमानत का लाभ प्रदान किया गया था किन्तु आरोपी संजय रजक दिनांक 13.11.2019 को न्यायालय के समक्ष नियत तिथि को ना तो स्वयं उपस्थित हुआ और ना ही अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी अनुपस्थिति का आवेदन प्रस्तुत किया। दिनांक 13.11.2019 को आरोपी की अनुपस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय ने जमानत मुचलका को निरस्त कर उसके विरूद्ध गिरिफतारी वांरट जारी किया। जारी गिरिफतारी वारंट को निरस्त कराने के उद्देश्य से आरोपी न्यायालयीन सुनवाई तिथि पर उपस्थित हुआ। आरोपी के अधिवक्ता ने धारा 70(2) दप्रसं एवं 437 दंप्रसं जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी संजय रजक का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
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20 वर्ष से फरार आरोपी की अंतरिम जमानत निरस्त
सागर। न्यायालय- न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी संजना मालवीया, रहली जिला सागर के न्यायालय ने 20 वर्ष के फरार आरोपी कुंजी का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी आशीष त्रिपाठी ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रकरण क्रमांक 830/1997 में आरोपी कुंजी को वर्ष 2001 में स्थाई गिरफतारी वारंट जारी किया गया था। आरोपी 20 वर्ष से फरार है। दिनांक 29.08.2020 को चैकी बलेह थाना रहली द्वारा आरोपी कुंजी को प्रकरण क्रमांक 830/1997 में जारी स्थाई गिरफ्तारी वारंट के पालन में गिरफतार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके उपरांत आरोपी को जेल भेज दिया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया कि प्रकरण वर्ष 1997 का है तथा आरोपी वर्ष 2001 से फरार है। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर मूल अभिलेख के अभाव में अंतरिम जमानत आवेदन निरस्त करने के आदेश दिया।
नाबालिग से दुष्कृत्य करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
सागर। न्यायालय- श्रीमान उमाशंकर अग्रवाल अपर सत्र न्यायाधीश बण्डा जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी पप्पू सौर का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी ताहिर खान ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 18.02.2020 को रात्रि करीब 07ः00 बजे फरियादी खेत पर गया था तब उसकी लडकी जो कि नाबालिग है, घर पर थी। दिनांक 19.02.2020 को सुवह खेत से घर आया तो उसकी पत्नि ने बताया कि सुवह करीब 04ः00 बजे से अभियोक्त्री दिखाई नही दे रही है। गाॅव में सभी जगह तलाश की गई लेकिन नाबालिग अभियोक्त्री का कोई पता नही चला। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना बहरोल में दर्ज कराई गयी। प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री दस्तायाव हुई तब अभियोक्त्री ने बताया कि आरोपी द्वारा उसे गुजरात ले जाकर उसके साथ गलत काम किया गया। आरोपी को गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के महत्वपूर्ण तर्कों से सहमत होकर आरोपी पप्पू सौर का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।
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