सागर: आवारा पशुओं एवं सुअरों को शहर से बाहर करने के लिए , कलेक्टर ने दिया आदेश
★ मवेशी, पशु, सुअर का व्यवसायिक पालन एवं डेयरी संचालन प्रतिबंधित
सागर। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक सिंह ने पुलिस अधीक्षक सागर प्रतिवेदन के माध्यम से सागर जिला शहर सीमा अंतर्गत सागर नगर निगम, मकरोनिया नगर पालिका, केन्ट क्षेत्र में कई पशु शाला संचालकों द्वारा दूध उत्पादन का कार्य किया जाता है, परन्तु गौवंश पशुओं को प्रातः से ही सार्वजनिक मार्गो पर एवं आम सडकों पर खुला छोड़ दिया जाता है जिस कारण से शहर में आवागमन अवरुद्ध होता है कई बार जाम की स्थिति निर्मित होती है। जिस कारण आम जन मानस के लिए समस्या उत्पन्न हो जाती है तथा कभी-कभी अत्यंत गंभीर दुर्घटना भी घटित हो जाती है। सुअर पालकों द्वारा भी सुअरों को खुले में छोड दिया जाता है जिस कारण कहीं भी विचरण करते हुए गंदगी पैदा कर देते है एवं मार्ग अवरुद्ध कर देते है। सागर नगर पालिक निगम, मकरोनिया नगर पालिका एवं केन्ट क्षेत्र मे ट्रैफिक को व्यवस्थित करने, पशुओं को निर्धारित स्थान पर विस्थापित करने एवं आवारा पशुओं को तत्काल हटाये जाने के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।
आयक्त नगर पालिक निगम सागर ने अपने प्रतिवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि, नगर पालिक निगम सागर सीमा अंतर्गत वर्तमान में 377 पशु शालाएं संचालित की जा रही है । इन पशु शाला संचालकों द्वारा दुग्ध उत्पादन का व्यवसाय किया जा रहा है किन्तु इनके द्वारा गोबर को खुले में रखना एवं नालियों में बहाया जाता है । जानवरों को भी खुले में या आम सडक पर बांधने की शिकायतें प्राप्त हो रहीं हैं , इस कारण से संपूर्ण नगर पालिक निगम क्षेत्र में सफाई संवर्धन किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है । खुले में गोबर डालने एवं नालियों बहाने से बदबू का वातावरण बनता है एवं गंदगी में कीट व्याधि के साथ - साथ मच्छर आदि भी पनपते है इससे संक्रामक बीमारी भी पनपती है। इसी प्रकार संपूर्ण शहर में शहरवासियों द्वारा पालतू गौवंश को खुले में छोड दिया जाता है । यह गौवंश सडक पर, चैराहों पर घूम फिर कर ट्रेफिक एवं आम जन जीवन के लिए समस्या उत्पन्न करते है। कभी - कभी तो अत्यंत तीव्र दुर्घनाएं भी इस कारण हुई है । सुअर पालकों द्वारा अपने पालतु सुअरो को भी खुले में छोड़ा जाता है यह सुअर जिन क्षेत्रों में विचरण करते है वहां काफी ज्यादा गंदगी होती है एवं रहवासियों द्वारा लगातार इनको हटाने की मांग की जाती है। आयुक्त नगर पालिक निगम सागर द्वारा बेसहारा गौवंश मालिकों को तत्काल अपने - अपने पशुओं को बांधने हेतु निर्देशित किया जाना और न मानने पर नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता, हांका दल द्वारा पशु वाहन से चिन्हित निकटस्थः गौशाला में छोडने एवं आवारा पशुओं को तत्काल हटाया जाना प्रतिवेदित किया गया है।
सागर। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक सिंह ने पुलिस अधीक्षक सागर प्रतिवेदन के माध्यम से सागर जिला शहर सीमा अंतर्गत सागर नगर निगम, मकरोनिया नगर पालिका, केन्ट क्षेत्र में कई पशु शाला संचालकों द्वारा दूध उत्पादन का कार्य किया जाता है, परन्तु गौवंश पशुओं को प्रातः से ही सार्वजनिक मार्गो पर एवं आम सडकों पर खुला छोड़ दिया जाता है जिस कारण से शहर में आवागमन अवरुद्ध होता है कई बार जाम की स्थिति निर्मित होती है। जिस कारण आम जन मानस के लिए समस्या उत्पन्न हो जाती है तथा कभी-कभी अत्यंत गंभीर दुर्घटना भी घटित हो जाती है। सुअर पालकों द्वारा भी सुअरों को खुले में छोड दिया जाता है जिस कारण कहीं भी विचरण करते हुए गंदगी पैदा कर देते है एवं मार्ग अवरुद्ध कर देते है। सागर नगर पालिक निगम, मकरोनिया नगर पालिका एवं केन्ट क्षेत्र मे ट्रैफिक को व्यवस्थित करने, पशुओं को निर्धारित स्थान पर विस्थापित करने एवं आवारा पशुओं को तत्काल हटाये जाने के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।
आयक्त नगर पालिक निगम सागर ने अपने प्रतिवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि, नगर पालिक निगम सागर सीमा अंतर्गत वर्तमान में 377 पशु शालाएं संचालित की जा रही है । इन पशु शाला संचालकों द्वारा दुग्ध उत्पादन का व्यवसाय किया जा रहा है किन्तु इनके द्वारा गोबर को खुले में रखना एवं नालियों में बहाया जाता है । जानवरों को भी खुले में या आम सडक पर बांधने की शिकायतें प्राप्त हो रहीं हैं , इस कारण से संपूर्ण नगर पालिक निगम क्षेत्र में सफाई संवर्धन किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है । खुले में गोबर डालने एवं नालियों बहाने से बदबू का वातावरण बनता है एवं गंदगी में कीट व्याधि के साथ - साथ मच्छर आदि भी पनपते है इससे संक्रामक बीमारी भी पनपती है। इसी प्रकार संपूर्ण शहर में शहरवासियों द्वारा पालतू गौवंश को खुले में छोड दिया जाता है । यह गौवंश सडक पर, चैराहों पर घूम फिर कर ट्रेफिक एवं आम जन जीवन के लिए समस्या उत्पन्न करते है। कभी - कभी तो अत्यंत तीव्र दुर्घनाएं भी इस कारण हुई है । सुअर पालकों द्वारा अपने पालतु सुअरो को भी खुले में छोड़ा जाता है यह सुअर जिन क्षेत्रों में विचरण करते है वहां काफी ज्यादा गंदगी होती है एवं रहवासियों द्वारा लगातार इनको हटाने की मांग की जाती है। आयुक्त नगर पालिक निगम सागर द्वारा बेसहारा गौवंश मालिकों को तत्काल अपने - अपने पशुओं को बांधने हेतु निर्देशित किया जाना और न मानने पर नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता, हांका दल द्वारा पशु वाहन से चिन्हित निकटस्थः गौशाला में छोडने एवं आवारा पशुओं को तत्काल हटाया जाना प्रतिवेदित किया गया है।
तीनबत्ती न्यूज़.कॉम
*अब मुख्यमंत्री का जैसीनगर में प्रस्तावित कार्यक्रम 25 सितम्बर को*
*★ कलेक्टर ने हेलीपेड और कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया -*
नगर पालिका अधिकरी नगर पालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा भी अपने पत्र में मकरोनिया बुजुर्ग दिनांक 16 सितंबर एवं 17 सितंबर के माध्यम से निकाय क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर अपंजीकृत डेयरियां एवं सुअर पालन के संचालन की जानकारी भेजते हुऐ आवारा पशुओं को नगर पालिका क्षेत्र से हटाया जाना प्रतिवेदित किया गया है।
मुख्य अधिशासी अधिकारी छावनी परिषद सागर द्वारा भी अपने पत्र के माध्यम से छावनी परिषद क्षेत्रातंर्गत सडकों पर आवारा पशुओं के घूमने से हो रही परेशानियों एवं दुर्घटनाओं से अवगत कराया गया है। आवारा गौवंश के सड़कों पर घूमने की समस्या के निराकरण के संबंध में म.प्र . शासन पशुपालन विभाग भोपाल द्वारा अपने ज्ञाप द्वारा भी मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत निर्मित गौशालाओं में ऐसे गौवंश का व्यवस्थापन कर निर्मित गौशालाओं का प्रारंभ कराया जाने एवं गौशालाओं में उनकी क्षमता के अनुरूप गौवंश का संधारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है ।
तीनबत्ती न्यूज़.कॉम
सुरखी उपचुनाव :भगवान राम के नाम पर वोट मांगने की चुनाव आयोग से शिकायत -
आवारा पशुओं पूमने से परिवहन एवं ट्रैफिक में बाधा उत्पन्न होती है शहर में गंदगी होती है जिससे शहर में गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है । मवेशियों के बैठने से दुर्घटना होने का डर रहता है । डेयरी रहवासी क्षेत्र में होने से संक्रमित बीमारी फैलने की संभावना रहती है शहर में सुअर पालन का व्यवसाय भी हो रहा है । उपरोक्त परिस्थितियों में मवेशियों को शहर से बाहर करना नितांत आवश्यक है । उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएँ जिला सागर द्वारा 17 गौशालाओं की सूची एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर पारा 33 गौशालाओं की सूची भेजी गयी है । जिनमें आवारा मवेशी रखे जा सकेंगे ।
अंतः आवारा पशुओं एवं सुअरों को शहर से बाहर करने हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत आगामी आदेश तक के लिए नगर पालिक निगम सागर , नगर पालिका मकरोनिया एवं केन्ट, सदर सागर क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जारी आदेषानुसार पशु मालिकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अपने पशुओं को बांध कर रखेंगे। पशुओं को शहर में खुला नहीं छोडेगें। मवेशी , पशु , सुअर का व्यवसायिक पालन एवं डेयरी संचालन प्रतिबंधित किया गया है। उपरोक्त आदेश का तत्काल पालन कराये जाने नगर पालिक निगम क्षेत्र सागर में नगर दण्डाधिकारी सागर एवं आयुक्त नगर पालिक निगम सागर को अधिकृत किया गया है । नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया में अनुविभागीय दण्डाधिकारी सागर एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सागर परिषद मकरोनिया को अधिकृत किया गया है । छावनी परिषद क्षेत्र में अधिशाषी अधिकारी छावनी परिषद सागर को अधिकृत किया गया है । उपरोक्त आदेश का पालन पशुपालकों द्वारा न किये जाने पर उनके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजन की कार्यवाही संबंधित क्षेत्र के अधिकारी द्वारा की जावेगी। नगर पालिक निगम सागर , नगर पालिका मकरोनिया एवं केन्ट, सदर सागर क्षेत्र में स्थापित समस्त डेयरी , सुअर के बाडे अन्यत्र स्थानांतरित करने के आदेश दिए गये है । इस आदेश का व्यापक क्षेत्र एवं प्रभावशीलता होने के कारण उपयोग हेतु व्यक्तिशः सूचित किया जाना संभव नहीं है ।
अतः दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से एवं शासकीय विज्ञप्ति से आदेश संसूचित किया जा रहा है। यह आदेश सर्व साधारण को संबोधित है और चूंकि वर्तमान परिस्थितियों में सर्वसाधारण को सम्यक समय में सुनवाई की जाना संभव नहीं है । अतः दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 ( 2 ) के अंतर्गत यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है ।
यह भी आदेशित किया गया है कि , इस आदेश की सूचना संबंधित क्षेत्र में सर्वसाधारण को ध्वनि विस्तारक यंत्रों द्वारा दी जावे एवं आदेश की एक प्रति इस कार्यालय के सूचना पटल , आयुक्त नगर पालिक निगम सागर , मुख्य नगर पालिका अधिकारी अधिकरी नगर परिषद मकरोनिया तथा अधिशाषी अधिकारी छावनी परिषद सागर के कार्यालय के सूचना पटल पर भी चस्पा की जावें ।
उक्त आदेश 22 सितंबर 2020 से आगामी आदेश तक की अवधि के लिए तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा। तथा उक्त प्रभावशील अवधि में इस आदेश का उल्लघंन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आवेगा।
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