पुस्तकालय ज्ञान के मंदिर - डा. बी.डी.अहिरवार
पुस्तकालय जगत का वेबिनार संपन्न
सागर। शासकीय स्वशासी उत्कृष्टता कन्या महाविद्यालय एवं यंग लाइब्रेरियन एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में सागर संभाग में पुस्तकालय जगत के इतिहास में प्रथम बार पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा वर्तमान परिदृश्य में पुस्तकालयों की भूमिका विषय पर राष्टीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन में देश भर के लगभग एक हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डा. बी.डी.अहिरवार ने कहा कि पुस्तकालय ज्ञान विज्ञान के अनंत भंडार होते है। ज्ञान के वे मंदिर है,जो मानव मन में ज्ञान प्राप्ति की लालसा जाग्रत करते है। पुस्तकालय व्यक्ति के ज्ञान को इतना विस्तृत करते है कि व्यक्ति अतीत के झरोखों की झलक देख पाता है तथा भविष्य की ओर निहारने को सक्षम होता है। पुस्तकालयों के माध्यम से ही व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के प्रति जाग्रत होकर राष्टीयता के निर्माण में अद्वितीय भूमिका निभाता है। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा अतिरिक्त संचालक डा. एल.एल.कोरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने पुस्तकालयों की जिम्मेदारी ओर बढा दी है क्योंकि वर्तमान परिदृश्य में जब छात्र शैक्षणिक संस्थान जाने में असमर्थ है तब पुस्तकालय ही उनके द्वार पर सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से ज्ञान पहुंचा रहे है। उद्घाटन समारोह में स्वागत भाषण वेबिनार समन्वयक डा. शैलेष आचार्य ने दिया, विषय प्रवर्तन काशी हिन्दू वि.वि. के प्रो. भास्कर मुकर्जी ने किया। विशिष्ट अतिथि काशी हिन्दू वि.वि. के उपग्रंथालयी डा. संजीव सराफ थे। संचालन डा. नरेन्द्र सिंह ठाकुर ने किया तथा आभार रामकुमार गोस्वामी ने माना। मंगलाचरण मनीष कुमार शास्त्री द्वारा किया गया।
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वेबसाईट
वेबिनार के विभिन्न सत्रों में जीवाजी वि.वि. के प्रो. जे.एन.गौतम, पंजाबी विवि. पटियाला के प्रो. जगतार सिंह, म.प्र. समाज विज्ञान संस्थान उज्जैन के डा. सुनील चंदेल, काशी हिन्दू वि.वि. के डा. संजीव सराफ, आगरा वि.वि. के डा. के.के.केशरवानी,रायपुर कृषि वि.वि. के डा. माध्व पांडे, आईआईटी दिल्ली के डा. नीरज चैरसिया,लखनउ केन्द्रीय वि.वि. के डा. शरद सोनकर, बरघाट काॅलेज के डा. प्रदीप त्रिवेदी, संपूर्णानंद संस्कृत वि.वि. के प्रो. हीरककांति चक्रवर्ती, संयुक्त राष्ट पुस्तकालय के डा. आर.के.शर्मा, उदयपुर वि.वि. के डा. प्रभात राजपूत, सर्वोच्च न्यायालय के डा. ब्रजभूषण खरे, काशी विद्यापीठ की डा. अमृता मजूमदार, काशी हिन्दू वि.वि. की डा. शुचिता सिंह, डा. रामकुमार दांगी, अमृतसर वि.वि. के प्रो. एम.पी.सतीजा, सागर वि.वि. के डा. मुकेश साहू सहित अन्य विद्वानों के अपने विचार व्.यक्त करते हुए कोविड काल में पुस्तकालयों की उपयोगिता को निरूपित किया तथा डिजीटल माध्यमों से सूचना प्राप्त करने के उपायों की प्रांसगिकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डा. रामकुमार दांगी एवं मो. रेहान द्वारा किया गया।
समापन सत्र में पुस्तकालय जगत की मूर्धन्य हस्तियों डा0 हरिसिंह सेंगर, को दिवगंत डा. देवेन्द्र सिंह राजपूत यंग लाइब्रेरियन अवार्ड, प्रो. आर.जी.प्राशर, को दिवगंत प्रो. रामगोपाल गर्ग यंग लाइब्रेरियन अवार्ड एवं पंजाबी वि.वि. पटियाला के प्रो. जगतार सिंह को अंतराष्टीय मीडिया एवं सूचना शिक्षा अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिसकी अध्यक्षता पुस्तकालय जगत की अंतराष्टीय हस्ती प्रो. एम.पी.सतीजा द्वारा की गई। प्रतिवेदन यंग लाइब्रेरियन एसोसिएशन की काॅलेज चैप्टर की अध्यक्ष डा. संगीता धराडे ने प्र्रस्तुत की तथा आभार राष्टीय अध्यक्ष डा. रविन्द्र कुमार गुप्ता ने माना। कार्यक्रम का संचालन राष्टीय अध्यक्ष एवं मानव संग्रहालय के सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डा. मोहम्मद रेहान द्वारा किया गया। इस अवसर पर डा. पदमा आचार्य, डा. सुनील श्रीवास्तव, डा. गिडियन कम्प्यूटर विशेषज्ञ देवेन्द्र का विशेष सहयोग रहा।
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