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सागर तालाब पर फ्लाईओवर/ एलिवेटेड रोड का निर्माण शीघ्र हो : रघु ठाकुर ★अतिथि विद्वानों/शिक्षको को वेतन मिले

सागर तालाब पर फ्लाईओवर/ एलिवेटेड रोड का निर्माण शीघ्र हो : रघु ठाकुर 

★अतिथि विद्वानों/शिक्षको को वेतन मिले


सागर ।( तीनबत्ती न्यूज़)। सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा पिछले कई वर्षों से लगातार सागर झील के ऊपर चकराघाट से संजय ड्राइव तक फ्लाईओवर / एलिवेटेड रोड के निर्माण की मांग करता रहा है तथा इसको लेकर अनेक बार सागर से दिल्ली तक धरने प्रदर्शन करता रहा है। मोर्चे की निरंतर मांग व जन आंदोलन को स्वीकार कर  सभी केंद्र व राज्य की सरकारें फ्लाईओवर/ एलिवेटेड रोड के निर्माण की सहमति व्यक्त करती रही है। यह बात मोर्चा के संरक्षकऔर समाजवादी चिंतक  रघु ठाकुर ने कही । उन्होने कहा कि इस वर्ष  कोरोना की महामारी तथा लाकडाउन के कारण मार्च माह का दिल्ली का धरना संभव नहीं हुआ। मोर्चा मध्यप्रदेश नगरीय विकास मंत्री  भूपेंद्र सिंह  को धन्यवाद देता है कि उन्होंने पद ग्रहण करते ही अपने प्रथम सागर प्रवास पर ही मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल को न केवल आश्वस्त किया बल्कि उसी दिन स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर प्राथमिकता से फ्लाईओवर /एलिवेटेड रोड के काम को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया । 

मोर्चा ने दिया था केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन 

मोर्चा ने पिछले  वर्ष  मार्च में दिल्ली धरने के समय केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एवम्  प्रधानमंत्री मोदी  को ज्ञापन देकर फ्लाई ओवर / एलिवेटेड रोड के काम को स्मार्ट सिटी के  तहत लेने की मांग की थी क्योंकि उसके पहले यह कार्य स्मार्ट सिटी के कार्यों में शामिल नहीं थे।प्र मंत्री  को धन्यवाद कि उन्होंने इसे स्वीकार किया था और शामिल कराया था। उसी के बाद पहली बार  ग्वालियर मे स्मार्ट सिटी के कार्य में फ्लाई ओवर शामिल हो सका।मोर्चा फ्लाई ओवर/एलिवेटेड रोड की पूरी योजना स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार अधिकारियों को दे चुका है। जब  कमलनाथ जी मुख्यमंत्री थे तब भी  मोर्चे ने उन्हें अपने पुराने ज्ञापन की याद दिलाते हुए ज्ञापन सौंपा था तथा पूर्व मंत्री   जयवर्धन सिंह ने मोर्चे की मांग पर सहमति व्यक्त करते हुए तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक एवं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजने को निर्देशित  भी किया था। भूपेंद्र सिंह के विभागीय मंत्री बनने से नगर के नागरिकों के मन में उम्मीदें बढ़ी हैं और मोर्चे को  अपेक्षा है  वह अवश्य शीघ्र इस कार्य को पूरा करायेंगे।तथा इस जन आकांक्षा  को पूरा कराएंगे ।ताकि नगर को यातायात की समस्या जाम की समस्या और प्रदूषण की समस्या से स्थायी मुक्ति मिल सके । मोर्चे ने 25मई 2017 को तत्कालीन सड़क एवं परिवहन मंत्री  नितिन गडकरी को सागर शहर के तालाब के बीच से एक एलिवेटेड रोड/फ्लाईओवर  बनाने और डीपीआर बनवाने को ज्ञापन दिया था। जिसका उत्तर श्री गडकरी के कार्यालय से 14 जून 2017 को मिला था। तथा उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारी भोपाल को अग्रिम कार्यवाही का निर्देश दिया था ।वर्ष 2018व 2019 में 2 बार हम लोग श्री गड़करी जी से मिले। नितिन गडकरी  ने प्रोटोकोल तोड़कर दो बार तत्कालीन मप्र के  विभागीय सचिव  सुलेमान से फोन पर बात की और उन्हें कहा कि वे इस प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृति  हेतु भेजें परंतु राज्य सरकार ने और विशेषत उस समय के ई एन सी ने अड़ंगा लगाकर फाइल को लंबित कर दिया। आजकल मीडिया में कुछ लोग त्रुटिपूर्ण व भ्रामक सूचनाएं दे रहे हैं ।जबलपुर में श्री गडकरी ने जिस प्रकार दो एनएच को मिलाने के लिए फ्लाईओवर स्वीकृत किया था उसी प्रकार दो एनएच भोपाल सागर और झांसी छिंदवाड़ा को फ्लाईओवर के माध्यम से सागर तालाब के ऊपर से  बनाकर  जोड़ने का निर्देश दिया था।तथा  उनके विभागीय  अधिकारियों को प्रस्ताव देने के लिए कहा था। यह प्रस्ताव तैयार भी हो गया था डीपीआर भी थी काफी काम आगे बढ़ा था ।अगर उस समय इ एन सी ने आंतरिक गुटबाजी  के चलते इस प्रस्ताव को रोका न होता और  दिल्ली भेज दिया होता तो यह कार्य चुका होता ऐसा कमही होता है कि केंद्रीय मंत्री किसी अधिकारी को फोन करें और इसके बाद भी अधिकारी प्रस्ताव न भेजे। अगर किसी भी जन प्रतिनिधि ने उस समय कृपा कर अपनी सरकार के अधिकारी से  प्रस्ताव भेजने भर की कृपा करा दी होती तो अभी तक काम बढ़ चुका होता। पर मोर्चा को खुशी है कि कम से कम अब विभागीय मंत्री श्री  सिंह ने इस कार्य को पूरा करने का संकल्प लिया है तथा अब मोर्चे को उम्मीद है कि चकराघाट से संजय ड्राईव तक के एलिवेटेड रोड/फ्लाई ओवर का निर्माण हो सकेगा। 

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बाल श्रमिकों को सुरक्षा मिले

मध्य प्रदेश में लगभग 8लाख बच्चे जो कानूनी तौर पर काम के लिए पात्र नहीं माने जाते मजदूरी करने को बाध्य है ।क्योंकि उनके अभिभावकों के काम छूट चुके हैं ।इनमें से 4लाख बच्चे तो उन अप्रवासी 17लाख मजदूरों के हैं जो कोरोना  के बाद बंद हुए कारखानों से बेरोजगार होकर घर वापस लौटे हैं। इन बच्चों की पढ़ने लिखने की उमर है परंतु इनके हाथों में किताब के बजाय कुदाल थमा दी गई है ।मध्य प्रदेश सरकार से हमारी मांग है कि इन बच्चों के अभिभावकों को रोजगार की व्यवस्था करें ताकि यह बच्चे पढ़ सके वरना सरकार स्वयम बाल श्रम कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने की अपराधी बन जाएगी ।

अतिथि विद्वानों/शिक्षको को वेतन मिले

प्रदेश के अतिथि विद्वान अतिथि शिक्षकों की स्थिति अत्यधिक दयनीय है ।उन्हें पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिला है। तथा जनभागीदारी में काम करने वाले शिक्षकों के विद्वानों की स्थिति तो और भी दयनीय है क्योंकि शिक्षण संस्थाएं बंद होने से फीस जमा नहीं हो रही और इन्हें कुछ भी राहत नहीं मिल पा रही। 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रीजी से अपील है कि वे इन अतिथि शिक्षक व विद्वानों की सहायता करें ताकि वे उनके जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें ।आज हालत यहहै की उनके ऊपर कर्ज हो गया है ।किराने वाले दूधवाले अब उन्हें उधार देने को भी तैयार नहीं है। कई लोग घबराकर आत्महत्या की मन स्थिति में है ।
मैं सभी अतिथि विद्वानों और शिक्षकों से अपील करूंगा की आत्महत्या जैसा कायराना काम ना करें बल्कि मुकाबला करें ।हम उनके साथ हैं समाज उनके साथ है ।हम मुख्यमंत्री जी  से अनुरोध करते हैं कि तत्काल इन्हे राहत पैकेज  की घोषणा करें ताकि ऐसी कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित न हो  पाएं ।

केंद्र कोरोना पेशन दे

मैं भारत सरकार से अपील करूंगा कि वह समूचे देश में कोरोना पेंशन योजना शुरू करें ।तथा जिनके रोजगार बंद हुए हैं काम समाप्त हुए हैं या काम नहीं हो रहे हैं ऐसे कोरोना  बेरोजगारों को प्रतिमाह न्यूनतम ₹10000 की राशि देने घोषणा करें जब तक की अर्थव्यवस्था और काम धंधे सुचारू रूप से नहीं चलने लगते ।
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